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Tuesday 21 December 2021 02:15:59 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर उद्योग जगत के विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों केसाथ परंपरागत बजट पूर्व विचार-विमर्श किया। प्रधानमंत्री का उद्योग जगत के प्रतिनिधियों केसाथ इस तरह का यह दूसरा वार्तालाप है। उन्होंने कोविड से जंग केदौरान प्रदर्शित देश की अंतर्निहित शक्ति के संबंध में बातचीत करते हुए उद्योग जगत प्रमुखों को उनके सहयोगों और सुझावों केलिए धन्यवाद दिया, उन्हें पीएलआई प्रोत्साहन जैसी नीतियों का पूर्ण उपयोग करने केलिए प्रोत्साहित किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि जिस तरह देश ओलंपिक में प्रमुख वरीयता प्राप्त करने की इच्छा रखता है, उसी तरह देश हमारे उद्योगों को हर क्षेत्र में दुनिया के शीर्ष पांच में देखना चाहता है और इसके लिए हमें सामूहिक रूपसे काम करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि कॉरपोरेट सेक्टर को कृषि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में अधिक निवेश करना चाहिए और प्राकृतिक खेती पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने सरकार की नीतिगत स्थिरता का उल्लेख करते हुए कहाकि सरकार ऐसी पहले करने केलिए प्रतिबद्ध है, जो देश की आर्थिक प्रगति को गति प्रदान करेंगी। उन्होंने अनुपालन बोझ को कम करने की दिशा में सरकार के दृष्टिकोण की भी जानकारी दी और उन क्षेत्रों पर सुझाव मांगे, जहां अनुचित अनुपालन को हटाने की आवश्यकता है। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री को अपनी प्रतिक्रियाएं देते हुए निजी क्षेत्र में विश्वास जताने केलिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद भी दिया। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश की अर्थव्यवस्था सही समय पर किए गए हस्तक्षेपों और परिवर्तनकारी सुधारों के माध्यम से कोविड केबाद विकास के मार्ग पर प्रशस्त हो रही है। उन्होंने प्रधानमत्री के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण में कई महत्वपूर्ण पहलों जैसे पीएम गतिशक्ति, आईबीसी आदि की सराहना की।
उद्योग जगत के प्रमुखों ने उन कदमों पर भी चर्चा की, जिन्हें देश में कारोबार में सुगमता को बढ़ावा देने केलिए उठाया जा सकता है। उन्होंने सीओपी26 में भारत की प्रतिबद्धताओं और उल्लिखित लक्ष्यों को प्राप्त करने में उद्योग के योगदान की चर्चा की। टीवी नरेंद्रन ने कहाकि सरकार की समय रहते की गई प्रतिक्रिया से कोविड केबाद वी आकार की रिकवरी हुई है। संजीव पुरी ने खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को और बढ़ावा देने केलिए सुझाव दिए। उदय कोटक ने कहाकि प्रधानमंत्री स्वच्छ भारत, स्टार्ट अप इंडिया आदि जैसे सरल लेकिन बेहतर तरीके से किए गए सुधारों के माध्यम से महत्वपूर्ण परिवर्तन लाने में सफल रहे हैं। शेषगिरी राव ने स्क्रैपेज नीति को किस प्रकार से और अधिक व्यापक बनाया जा सकता है, इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की। केनिची आयुकावा ने भारत को विनिर्माण क्षेत्र में शीर्ष राष्ट्र बनाने की प्रधानमंत्री की परिकल्पना को साकार करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। विनीत मित्तल ने सीओपी26 में प्रधानमंत्री की पंचामृत प्रतिबद्धता की चर्चा की। सुमंत सिन्हा ने कहाकि ग्लासगो में प्रधानमंत्री के नेतृत्व की वैश्विक समुदाय के सदस्यों ने काफी सराहना की। प्रीता रेड्डी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में मानव संसाधन को बढ़ावा देने के उपायों केबारे में बात की। रितेश अग्रवाल ने एआई और मशीन लर्निंग जैसे उभरते क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर संवाद किया।