स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 03 May 2013 06:51:46 AM
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ एमएम पल्लम राजू ने राज्य सभा में बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय आगामी शिक्षा सत्र से एक चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम शुरू कर रहा है, इस कार्यक्रम के अंतर्गत कई प्रकार की डिग्रियां देने की व्यवस्था है। इनमें डिप्लोमा, बैचलर और ऑनर्स डिग्रियां शामिल हैं, जो क्रमश: 2, 3 और 4 वर्षों की पढ़ाई पूरी करने पर प्रदान की जाएंगी।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत छात्रों को दो और तीन वर्षों के बाद पाठ्यक्रम छोड़ जाने का प्रावधान होगा। ये छात्र दस वर्षों के अंदर, अगर अन्यथा पात्र हुए, तो डिग्री या ऑनर्स डिग्री पूरी करने के लिए लौट सकेंगे। चार वर्षीय स्नातक पूर्व पाठ्यक्रमों के अंतर्गत एक फाउंडेशन कोर्स (संख्या में 11) होगा, जो प्रथम चार सेमेस्टरों में सभी छात्रों को अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा। इसे उनके शिक्षा आधार को मजबूत करने में इस्तेमाल किया जाएगा। संख्या में 20 डिसिप्लिन-1 कोर्स होंगे, जो विशेष विषयों से संबंधित होंगे और जिनके जरिए गहन जानकारी दी जाएगी। द्वितीय प्रकार के डिसिप्लिन कोर्स संख्या में 6 होंगे, जिनका उद्देश्य विषय का साधारण ज्ञान प्राप्त करना होगा। ये डिसिप्लिन-1 कोर्सेज़ होंगे, जो कौशल आधारित होंगे-इनके जरिए मस्तिष्क, शरीर और हृदय तथा सांस्कृतिक गतिविधियों को मजबूत बनाया जाएगा, जिससे मूल्य आधारित शिक्षा प्राप्त हो सकेगी और एनएसएस, एनसीसी,खेलकूद आदि गतिविधियां होंगी, जिनसे शारीरिक स्वास्थ्य और समाज सेवा को बढ़ावा मिलेगा।
सदन को बताया गया कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने मंत्रालय को सूचित किया है कि इन चार वर्षीय पूर्व स्नातक पाठ्यक्रमों का उद्देश्य ज्ञान विकास होगा, जिनसे परंपरागत पाठ्यक्रमों की अच्छी बातें सीखी जा सकेंगी, कौशल विकास तथा मूल्यवर्धन हो सकेगा, पाठ्यक्रम की कुछ बातें सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होंगी, ताकि वे राष्ट्र और समाज की चुनौतियों का सामना कर सकें।