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Wednesday 5 January 2022 04:50:20 PM
बठिंडा/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह बठिंडा पहुंचते हुए एक बड़ी साजिश के शिकार हुए हैं, जिसमें उनको एक फ्लाईओवर पर घेरकर उनपर जानलेवा हमले की ही आशंका व्यक्त की जा रही है। प्रधानमंत्री को हेलीकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक पर जाना था, लेकिन बारिश और खराब दृश्यता के कारण प्रधानमंत्री ने करीब 20 मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया। इसके बाद उन्होंने सड़क मार्ग का विकल्प अपनाया। वे जब बठिंडा में एक फ्लाईओवर से गुजर रहे थे, तभी तथाकथित किसानों ने इस फ्लाईओवर को घेर लिया। उन्हें वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया और वे हवाई मार्ग से दिल्ली वापस हो गए हैं। इस मामले पर पंजाब की कांग्रेस सरकार के खिलाफ देशभर के लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं और इसे प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश करार दिया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से जवाब मांगा है। इस घटनाक्रम के बाद देशभर में कहा जा रहा हैकि एकबार फिर पंजाब के माथे पर दूसरा कलंक लगते-लगते बचा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज पंजाब यात्रा के दौरान हुई यह साजिश या सुरक्षा चूक पर देश में गुस्सा है। इस मामले पर समाचार अपलोड किए जाने तक इस घटनाक्रम पर पंजाब सरकार या पंजाब पुलिस का कोई भी बयान सामने नहीं आया है। कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बेहद गैरजिम्मेदाराना प्रतिक्रिया दी है। राष्ट्रीय शहीद स्मारक हुसैनीवाला वहां से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर था, जब प्रधानमंत्री का काफिला उस फ्लाईओवर पर पहुंचा मगर पाया गया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने फ्लाईओवर को अवरुद्ध कर दिया है। प्रधानमंत्री 15-20 मिनट तक फ्लाईओवर पर फंसे रहे। इस मामले पर कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम और यात्रा की पंजाब सरकार को पहले ही जानकारी दे दी गई थी। यह प्रधानमंत्री की सुरक्षा में बहुत बड़ी चूक मानी गई है, जिसमें प्रधानमंत्री की सुनियोजित हत्या की साजिश भी हो सकती है। इस मामले में पहली कार्रवाई के रूपमें फिरोजपुर के एसएसपी हरमन हंस निलंबित कर दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा केलिए जो प्रक्रिया है उसके अनुसार उन्हें लॉजिस्टिक्स और सुरक्षा के साथ-साथ आकस्मिक योजना को तैयार रखते हुए आवश्यक व्यवस्था करनी होती है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा का जिम्मा पंजाब सरकार पर था। आकस्मिक योजना को ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार को सड़क मार्ग से किसी भी यात्रा को सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा तैनात करनी चाहिए थी, जिनकी स्पष्ट रूपसे तैनाती नहीं की गई थी। इस सुरक्षा चूक के बाद प्रधानमंत्री ने बठिंडा हवाई अड्डे पर वापस लौटने का निर्णय लिया और उसके बाद वे वहां से दिल्ली लौट आए। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस गंभीर सुरक्षा चूक का संज्ञान लेते हुए पंजाब सरकार से इसकी जिम्मेदारी तय करने और सख्त कार्रवाई करने के लिए भी कहा है। इसम मामले ने राजनीतिक रूपसे भी तूल पकड़ लिया है और यह मामला निश्चित रूपसे चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ एक बड़ा मुद्दा बन गया है। अगर प्रधानमंत्री के सुरक्षाकर्मी सचेत नहीं होते तो उस समय कुछ भी अनहोनी हो सकती थी।
केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी और भाजपा के प्रवक्ता सुधांशु द्विवेदी ने भाजपा मुख्यालय दिल्ली पर कहाकि कांग्रेस के खूनी इरादे नाकाम रहे हैं। उन्होंने सीधे-सीधे आरोप लगाया है कि उस समय प्रधानमंत्री की जान को खतरे में डाला गया, वहां से पाकिस्तान बॉर्डर दूर नहीं है और उन तथाकथित प्रदर्शनकारियों को यह जानकारी किसने दी कि प्रधानमंत्री वहां से गुजरने वाले हैं। स्मृति इरानी ने कहा कि कांग्रेस की नफरत मोदी से है, लेकिन प्रधानमंत्री और हिंदुस्तान से इसका हिसाब मत कीजिए। उन्होंने कहाकि पंजाब सरकार और पंजाब पुलिस को प्रधानमंत्री के मूवमेंट की जानकारी लीक होने का देश को जवाब देना होगा। उन्होंने इस बात पर भी तीखी टिप्पणी कीकी कांग्रेस के नेता इस मामले पर जोश और उत्साह सा दिखा रहे हैं। स्मृति इरानी ने कहा कि नरेंद्र मोदी देश के वोट और आशीर्वाद से प्रधानमंत्री बने हैं तो साजिश रचने की क्या जरूरत है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री का बाल बांका करने की साजिश का देश समर्थन नहीं करेगा, इसलिए इस मामले पर निश्चित रूपसे न्याय होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा चूक को एक साजिश बताया है और कहा हैकि पंजाब सरकार देश से माफी मांगे।