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श्याओमी इंडिया ने की कस्टम चोरी

डीआरआई ने ली श्याओमी इंडिया के परिसरों में तलाशी

लेन-देन मूल्य में रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क को नहीं जोड़ा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 6 January 2022 02:00:50 PM

xiaomi india commits custom theft

नई दिल्ली। राजस्व खुफिया निदेशालय ने मेसर्स श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (श्याओमी इंडिया) द्वारा अवमूल्यन के माध्यम से सीमा शुल्क चोरी करने केबारे में मिली एक खुफिया जानकारी पर श्याओमी इंडिया और उसके अनुबंधित निर्माताओं के खिलाफ जांच के दौरान श्याओमी इंडिया के परिसरों में तलाशी ली, जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं। इन दस्तावेजों से इस बात का संकेत मिला हैकि श्याओमी इंडिया अनुबंधात्मक दायित्व के तहत क्वालकॉम यूएसए और बीजिंग श्याओमी मोबाइल सॉफ्टवेयर कंपनी लिमिटेड को रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क का भुगतान कर रहा था। श्याओमी इंडिया और उसके अनुबंधित निर्माताओं से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों के बयान दर्ज किए गए हैं, इस दौरान श्याओमी इंडिया के निदेशकों में से एक ने इस भुगतान की पुष्टि की है।
राजस्व खुफिया निदेशालय की जांच के दौरान यह तथ्य सामने आयाकि श्याओमी इंडिया द्वारा क्वालकॉम यूएसए और बीजिंग श्याओमी मोबाइल सॉफ्टवेयर कंपनी लिमिटेड चीन (श्याओमी इंडिया की संबंधित पार्टी) को भुगतान किए गए रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क को श्याओमी इंडिया और उसके अनुबंधित निर्माताओं द्वारा आयातित माल के लेन-देन मूल्य में नहीं जोड़ा जा रहा था। डीआरआई की जांच में पता चलाकि श्याओमी इंडिया एमआई ब्रांड के मोबाइल फोन की बिक्री में संलग्न है और ये मोबाइल फोन या तो श्याओमी इंडिया द्वारा आयात किए जाते हैं या फिर श्याओमी इंडिया के अनुबंधित निर्माताओं द्वारा मोबाइल फोन के पुर्जों और घटकों का आयात करके भारत में असेंबल किए जाते हैं। अनुबंधित निर्माताओं के निर्मित एमआई ब्रांड के मोबाइल फोन अनुबंध समझौते के तहत विशेष रूपसे श्याओमी इंडिया को बेचे जाते हैं।
डीआरआई के एकत्र किए गए साक्ष्य से इस बात का संकेत मिला हैकि न तो श्याओमी इंडिया और न ही उसके अनुबंधित निर्माता श्याओमी इंडिया द्वारा भुगतान की गई रॉयल्टी की इस राशि को श्याओमी इंडिया और उसके अनुबंधित निर्माताओं के आयात माल के आकलन योग्य मूल्य में शामिल करते हैं, जोकि सीमा शुल्क अधिनियम 1962 और सीमा शुल्क आकलन (आयातित माल के मूल्य का निर्धारण) नियम 2007 की धारा-14 का उल्लंघन है। लेन-देन मूल्य में रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क को नहीं जोड़कर श्याओमी इंडिया ऐसे आयातित मोबाइल फोन, उसके पुर्जों और घटकों के लाभकारी मालिक होने के कारण सीमा शुल्क की चोरी कर रहा था। डीआरआई द्वारा जांच पूरी होने केबाद सीमा शुल्क अधिनियम 1962 के प्रावधानों के तहत 1 अप्रैल 2017 से लेकर 30 जून 2020 की अवधि के लिए मेसर्स श्याओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को 653 करोड़ रुपये की शुल्क की मांग और वसूली केलिए तीन कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।

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