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Saturday 8 January 2022 01:35:46 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त और कारपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्चुअल मोड केमाध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के अध्यक्षों और प्रबंध निदेशकों केसाथ उनके बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा की। बैठक में केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री डॉ भागवत किशनराव कराड और वित्तीय सेवा विभाग के सचिव देबाशीष पांडा केसाथ डीएफएस के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक के शुरू किए गए महामारी से संबंधित उपायों को लागू करने केलिए पीएसबी के विभिन्न कदमों और कोविड-19 महामारी के मौजूदा स्वरूप के कारण होनेवाले संभावित व्यवधानों से निपटने की तत्परता का आकलन किया।
वित्तमंत्री ने कहाकि अभी हमारी उपलब्धियों पर संतुष्ट होने का समय नहीं है और हमें अपने सामूहिक प्रयासों से उन क्षेत्रों को सहायता करने का प्रयास करना चाहिए, जो कोविड-19 महामारी के निरंतर हमले के कारण संकट का सामना कर रहे हैं। निर्मला सीतारमण ने बैंकरों से कृषि क्षेत्र, किसानों, खुदरा क्षेत्र और एमएसएमई को सहयोग जारी रखने केलिए भी कहा। निर्मला सीतारमण ने कहाकि वैश्विक परिघटनाएं और ओमिक्रॉन प्रसार से उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों के बावजूद कारोबारी परिदृश्य में उत्तरोत्तर सुधार हो रहा है। वित्तमंत्री ने रेखांकित किया कि महामारी से लड़ने में मदद करने केलिए अधिक सहयोग की आवश्यकता हो सकती है। ऋण मांग के मोर्चे पर वित्तमंत्री ने कहाकि खुदरा क्षेत्रों में वृद्धि, समग्र व्यापक आर्थिक संभावनाओं में सुधार और उधारकर्ताओं की वित्तीय स्थिति में सुधार के कारण ऋण मांग में तेजी आने की उम्मीद है। समीक्षा बैठक में बैंकरों ने बतायाकि पीएसबी ने देश में पुनर्भुगतान संस्कृति में सुधार देखा है।
वित्तमंत्री ने कोविड-19 महामारी की शुरुआत से ही देश को असाधारण रूपसे सहयोग देने केलिए बैंकरों को धन्यवाद दिया। उन्होंने ईसीएलजीएस की सफलता का श्रेय बैंकिंग समुदाय के सामूहिक प्रयासों को दिया। वित्तमंत्री ने बैंकिंग समुदाय से अपील कीकि वे अपने कर्मचारियों और परिवारों की सुरक्षा केलिए कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार का पालन करें और सभी का टीकाकरण सुनिश्चित करें। वित्त राज्यमंत्री डॉ भागवत कराड ने कहाकि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक हमारी अर्थव्यवस्था के पावर इंजन हैं और उन्होंने बैंकरों को महामारी के समय में उनके प्रदर्शन केलिए बधाई दी। उन्होंने कहाकि समय केसाथ आगे बढ़ते हुए बैंकिंग अधिक खुला और ग्राहक केंद्रित हो गया है। बैठक की शुरुआत में एसबीआई के अध्यक्ष ने वित्तमंत्री के समक्ष बैंकिंग व्यवसाय के महामारी पूर्व और वर्तमान परिदृश्य पर प्रस्तुति दी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सीएमडी/ एमडी ने भी बैंकिंग व्यवसाय के समग्र मूल्यांकन पर विचार साझा किए और व्यवसाय के समग्र विकास केलिए विभिन्न सुझाव दिए।
पीएसबी ने अच्छा प्रदर्शन किया है और उन्हें विभिन्न नीतिगत उपायों द्वारा सहयोग किया गया, जिन्होंने अर्थव्यवस्था को महामारी के संकट से बाहर निकालने केलिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान किया है। पीएसबी ने वित्त वर्ष 2020-21 में 31,820 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो पिछले 5 वित्तीय वर्ष में सबसे अधिक है। वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में 31,145 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ है, जो पूरे वित्त वर्ष 2020-21 के लाभ के लगभग बराबर है। पीएसबी ने पिछले 7 वित्तीय वर्षों के दौरान 5,49,327 करोड़ रुपये की वसूली की है। पीएसबी को पर्याप्त रूप से पूंजीकृत किया गया है और सितंबर 2021 को पीएसबी का सीआरएआर 14.4% था, जबकि नियामक आवश्यकता 11.5% (सीसीबी सहित) है। सितंबर 2021 को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सीईटी1 10.79% था, जबकि नियामक आवश्यकता 8% होती है। सितंबर 2021 की स्थिति के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने सालाना आधार पर व्यक्तिगत ऋणों में 11.3 प्रतिशत, कृषि ऋणों में 8.3% और समग्र ऋण वृद्धि में 3.5% की वृद्धि दर्ज की।
क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम केतहत अक्टूबर 2021 में पीएसबी ने कुल 61,268 करोड़ रुपये की ऋण राशि स्वीकृत की है। कोविड-19 महामारी के दौरान पीएसबी ने विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे ईसीएलजीएस, एलजीएससीएएस और पीएम स्वनिधि योजना में अच्छा प्रदर्शन किया है। सरकार द्वारा प्रदान की गई ईसीएलजीएस की 4.5 लाख करोड़ रुपये की विस्तारित सीमा में से, 64.4% या 2.9 लाख करोड़ रुपये, नवंबर 2021 तक स्वीकृत किया गया। ईसीएलजीएस के कारण 13.5 लाख से अधिक छोटी इकाइयां महामारी में बच गईं, 1.8 लाख करोड़ रुपये के एमएसएमई ऋण को गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों में जाने से बचाया गया और लगभग छह करोड़ परिवारों की आजीविका बचाई गईं। समग्र स्थिति के आकलन में बैंकरों ने विश्वास जतायाकि पीएसबी में पर्याप्त पूंजी उपलब्ध है और बैंक भविष्य में किसी भी दबाव की स्थिति केलिए तैयार हैं।