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Thursday 13 January 2022 01:29:40 PM
पुदुचेरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद को नमन करते हुए पुदुचेरी में 25वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन किया। वीडियो कॉंफ्रेंसिंग केजरिए प्रधानमंत्री ने कहाकि आजादी के अमृत महोत्सव के इस वर्ष में स्वामी विवेकानंद की जयंती और भी अधिक प्रेरणादाई हो गई है। उन्होंने कहाकि दुनिया भारत को एक आशा और विश्वास की दृष्टि से देखती है, क्योंकि भारत युवा देश है, भारत का मन युवा है, भारत अपने सामर्थ्य से युवा है, भारत अपने सपनों से युवा है, भारत अपने चिंतन से युवा है और अपनी चेतना से भी युवा है। उन्होंने कहाकि भारत की सोच एवं दर्शन ने हमेशा बदलाव को स्वीकार किया है और इसकी प्राचीनता में आधुनिकता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि देश के युवा हमेशा जरूरत के समय आगे आए हैं, जबभी राष्ट्रीय चेतना में विभाजन होता है, शंकर जैसे युवा सामने आते हैं और आदि शंकराचार्य के रूपमें देश को एकता के सूत्र में पिरोते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि अत्याचार के काल में श्रीगुरु गोबिंद सिंहजी के साहिबजादों जैसे युवाओं का बलिदान आज भी हमारा मार्गदर्शन करता है। उन्होंने कहाकि जब भारत को अपनी आजादी के लिए बलिदान की जरूरत थी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे युवा क्रांतिकारी देश केलिए अपना जीवन समर्पित करने केलिए आगे आए। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब कभी देश को आध्यात्मिक उत्थान की जरूरत होती है, अरबिंदो और सुब्रमण्य भारती जैसे मनीषी सामने आते हैं। प्रधानमंत्री ने 'मेरे सपनों का भारत' और 'भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायक' पर चयनित निबंधों का अनावरण किया, जिनको 1 लाख से अधिक युवाओं के लेखों से चुना गया है। प्रधानमंत्री ने पुदुचेरी में एमएसएमई मंत्रालय के एक प्रौद्योगिकी केंद्र का उद्घाटन किया, जिसे लगभग 122 करोड़ रुपये के निवेश से निर्मित किया गया है। प्रधानमंत्री ने लगभग 23 करोड़ रुपये की लागत से पुदुचेरी सरकार के निर्मित ओपन एयर थिएटर सभागार-पेरुन्थालाइवर कामराजर मणिमंडपम का भी उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष के अतिरिक्त महत्व को रेखांकित किया, क्योंकि श्रीअरबिंदो की 150वीं जन्मजयंती का उत्सव और महाकवि सुब्रमण्य भारती की 100वीं पुण्यतिथि भी इसी वर्ष पड़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इन दोनों मनीषियों का पुदुचेरी से खास रिश्ता रहा है, ये दोनों एक-दूसरे की साहित्यिक और आध्यात्मिक यात्रा के साझेदार रहे हैं। इस प्राचीन देश की युवा पहचान के बारेमें प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत के युवाओं के पास डेमोग्राफिक डिविडेंड के साथ-साथ लोकतांत्रिक मूल्य भी हैं, उनका डेमोक्रेटिक डिविडेंड भी अतुलनीय है। उन्होंने कहाकि भारत अपने युवाओं को डेमोग्राफिक डिविडेंड के साथ-साथ डेवलपमेंट ड्राइवर भी मानता है, आज भारत के युवा में अगर टेक्नोलॉजी का चार्म है तो लोकतंत्र की चेतना भी है, आज भारत के युवा में श्रम का सामर्थ्य है तो भविष्य की स्पष्टता भी है, इसीलिए भारत आज जो कहता है, दुनिया उसे आनेवाले कल की आवाज़ मानती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आजादी के समय जो युवा पीढ़ी थी, उसने देश केलिए अपना सबकुछ कुर्बान करने में एक पल भी नहीं लगाया, लेकिन आज के युवा को देश केलिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों को पूरा करने केलिए जीना है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि युवा में वह क्षमता होती है, वह सामर्थ्य होता हैकि वह पुरानी रूढ़ियों का बोझ लेकर नहीं चलता, वह उन्हें झटकना जानता है। यही युवा, खुद को, समाज को, नई चुनौतियों, नई डिमांड के हिसाब से इवॉल्व कर सकता है, नए सृजन कर सकता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज के युवा 'कर सकता हूँ' की भावना से ओतप्रोत हैं, जो हर पीढ़ी केलिए प्रेरणा का स्रोत है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज भारत के युवा वैश्विक समृद्धि की गाथा लिख रहे हैं, पूरी दुनिया के यूनिकॉर्न इकोसिस्टम में भारतीय युवाओं का जलवा है, भारत के पास आज 50 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स का मजबूत इकोसिस्टम है, इनमें से 10 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स महामारी की चुनौती के बीच सामने आए। प्रधानमंत्री ने नये भारत का मंत्र दिया-प्रतिस्पर्धा करो और जीतो, यानी जुट जाओ और जीतो जुट जाओ और जंग जीतो। प्रधानमंत्री ने ओलंपिक्स और पैरालिम्पिक्स में तथा टीकाकरण अभियान में युवाओं के प्रदर्शन को युवाओं में जिम्मेदारी के एहसास और जीतने की इच्छा की मिसाल के रूपमें प्रस्तुत किया।
प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार बेटे-बेटी को समान मानती है, इसी सोच केसाथ सरकार ने बेटियों की बेहतरी केलिए शादी की उम्र को 21 साल करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहाकि बेटियां भी अपना करियर बना पाएं, उन्हें ज्यादा समय मिले इस दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आजादी की लड़ाई में हमारे ऐसे अनिक सेनानी रहे हैं, जिनके योगदान को वह पहचान नहीं मिल पाई, जिसके वे हकदार थे। उन्होंने कहाकि ऐसे व्यक्तियों के बारे में हमारे युवा जितना ज्यादा लिखेंगे, रिसर्च करेंगे, उतना ही देश की आने वाली पीढ़ियों में जागरुकता बढ़ेगी। उन्होंने युवाओं का आह्वान कियाकि वे स्वच्छता अभियान के पक्ष में आवाज़ उठाएं और उसमें योगदान करें। गौरतलब हैकि राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्देश्य है कि भारत के युवा मन को दिशा देना और उन्हें राष्ट्र निर्माण के लिये शक्ति के रूपमें एकजुट करना। यह सामाजिक जुड़ाव तथा बौद्धिक और सांस्कृतिक एकता के सबसे बड़े प्रयासों में शामिल है। इसका लक्ष्य है भारत की विविधतापूर्ण संस्कृतियों को साथ लाना और उन्हें ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के एकता के सूत्र में पिरोना। इस अवसर पर केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, नारायण राणे, भानुप्रताप सिंह वर्मा और निसिथ प्रामाणिक, डॉ तमिलिसाई सुंदरराजन, पुदुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगास्वामी, राज्य के मंत्री तथा संसद सदस्य उपस्थित थे।