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ओलंपिक खिलाड़ी की शहीदों को श्रद्धांजलि

सशस्त्र सेना के जवान के रूपमें भावुक यात्रा-शिवपाल सिंह

भारतीय सशस्त्र बलों को समर्पित है राष्ट्रीय युद्ध स्मारक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 14 January 2022 03:21:45 PM

tribute to the martyrs of olympic players shivpal singh

नई दिल्ली। ओलंपिक में भाला फेंकने वाले खिलाड़ी शिवपाल सिंह ने स्वतंत्रता प्राप्ति केबाद भारतीय सैनिकों के सर्वोच्च बलिदान की मौन गवाही देता नई दिल्ली में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। गौरतलब हैकि राष्ट्रीय युद्ध स्मारक भारतीय सशस्त्र बलों को समर्पित एक स्मारक है। भारतीय सशस्त्र बलों की कर्तव्य पालन में दृढ़ निष्ठा, वीरता और बलिदान की एक लंबी परंपरा है। यह स्मारक भारत के सभी नागरिकों केलिए एक विरासत स्थल के रूपमें इंडिया गेट के पास है। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के कर्मचारियों ने ओलंपिक खिलाड़ी शिवपाल सिंह का स्वागत किया और उन्हें युद्ध स्मारक केबारे में जानकारी दी। उन्होंने बतायाकि इस स्मारक की परिकल्पना आगंतुकों के मन में देशभक्ति की भावना को बढ़ावा देने केलिए की गई है, यह स्मारक इस विशाल राष्ट्र के नागरिकों को उन बहादुर सैनिकों के प्रति आभार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है, जिन्होंने नि:स्वार्थ भाव से मातृभूमि केलिए अपने प्राणों की आहुति दे दी है।
ओलंपिक खिलाड़ी शिवपाल सिंह 2016 से भारतीय वायुसेना में एक जूनियर वारंट अधिकारी के रूपमें कार्यरत हैं। इनको सेना के एक अधिकारी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के चारों ओर, जिसमें उन्हें पाकिस्तान और चीन के खिलाफ विभिन्न सशस्त्र संघर्षों तथा अन्य ऑपरेशन जैसे 1961 के गोवा ऑपरेशन, श्रीलंका में ऑपरेशन पवन एवं ऑपरेशन रक्षक, ऑपरेशन राइनो जैसे सभी आतंकवाद रोधी ऑपरेशन के दौरान शहीद हुए सशस्त्र बलों के कर्मियों के नाम दिखाए, जो स्वर्ण अक्षरों में स्मारक की दीवारों पर अंकित हैं। शिवपाल सिंह ने कहाकि सशस्त्र सेना के जवान के रूपमें इस यात्रा ने उन्हें वास्तव में बहुत भावुक कर दिया है, क्योंकि यह स्थान मृत्यु तक समर्पण की भावना की याद दिलाता है, जिसने हमेशा भारतीय सैनिकों को सभी भारी बाधाओं के खिलाफ लड़ने और आखिरी गोली चलाने केलिए प्रेरित किया है, इन बलिदानों के कारण ही हम आज यहां सुरक्षित हैं।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक स्थल का क्षेत्रफल 40 एकड़ है और इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में किया था। इसकी संरचना चार चक्रों के रूपमें है, जो महाभारत की 'चक्रव्यूह' अवधारणा को दर्शाती है और इसके साथही यह संरचना सशस्त्र बलों के विभिन्न मूल्यों की भी प्रतीक है। व्यक्तिगत रूपसे 26000 से अधिक शहीदों के नाम त्याग चक्र (बलिदान चक्र) नामक वृत्ताकार संकेंद्रित दीवारों की प्रत्येक ग्रेनाइट ईंट में लिखे हुए हैं। भारतीय खेल प्राधिकरण के एनएस एनआईएस पटियाला केंद्र में प्रशिक्षण ले रहे एथलीट शिवपाल सिंह ने 1/11 गोरखा राइफल्स रेजिमेंट के परमवीरचक्र से सम्मानित कैप्टन मनोज पांडे को श्रद्धांजलि अर्पित की, वे भी शिवपाल सिंह की तरह उत्तर प्रदेश राज्य के रहने वाले थे। 

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