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आज़ादी के गुमनाम नायकों पर विशाल पेंटिंग

राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय में आज़ादी का अमृत महोत्सव

नामावली पेंटिंग गणतंत्र दिवस समारोह 2022 का अभिन्न अंग

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 15 January 2022 12:35:55 PM

huge painting on the unsung heroes of freedom

नई दिल्ली। राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय नई दिल्ली में भारत की आज़ादी के आंदोलन में अनुकरणीय भूमिका निभाने वाले गुमनाम नायकों की वीरता की कहानियों का प्रतिनिधित्व करते हुए लगभग 750 मीटर लंबी नामावली पेंटिंग केलिए कला कुंभ कलाकारों केसाथ आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया गया। संस्कृति मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के अद्वितीय सहयोग से विशाल नामावली पर किएगए कलाकार्य गणतंत्र दिवस समारोह 2022 का अभिन्न अंग होंगे। नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के महानिदेशक अद्वैत गरनायक ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहाकि ये नामावली देश के विविध भौगोलिक स्थानों से कला के विभिन्न रूपों केसाथ राष्ट्रीय गौरव और उत्कृष्टता को व्यक्त करने के साधन के रूपमें कला की क्षमता का विश्लेषण करते हैं। उन्होंने कहाकि एक भारत श्रेष्ठ भारत के सच्चे सार का उत्सव कला कुंभ कार्यशालाओं में दिखाई दिया, जहां भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों के वीर जीवन और संघर्षों को चित्रित करते हुए सांस्कृतिक पहलुओं में भारत की समृद्ध विविधता देखी गई। इसे ओडिशा और चंडीगढ़ के पांच सौ से अधिक कलाकारों ने उत्साहपूर्वक परिश्रम शोध से चित्रित किया है।
अद्वैत गरनायक ने कहाकि नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट नई दिल्ली ने भारत में एकता और विविधता के वास्तविक सार का प्रतिनिधित्व करने केलिए देश के विभिन्न प्रकार के दृश्य और प्रदर्शन कलाओं को मिलाने के उद्देश्य से इन कला कुंभ कार्यशालाओं का आयोजन किया है। उन्होंने कहाकि राजपथ पर प्रदर्शित होनेवाली विशाल नामावली पेंटिंग भारत के स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों के इतिहास को गहराई से जानने केलिए प्रत्येक व्यक्ति को आकर्षित करेगी और भारत के आधुनिक, स्वदेशी और समकालीन कलाओं के एकीकृत दृश्य पहलुओं की ओर भी ध्यान खीचेंगी। अद्वैत गरनायक ने संस्कृति मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रम के अनुरूप इन कार्यशालाओं में सहयोग और सामूहिक कार्य पहलुओं को रेखांकित किया। नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट नई दिल्ली ने ओडिशा में 11 से 17 दिसंबर तक भुवनेश्वर में कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सिलिकॉन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और चंडीगढ़ में 25 दिसंबर से 2 जनवरी 2022 तक चितकारा विश्वविद्यालय केसाथ इसपर कार्य किया है।
कला कुंभ कार्यशाला आजादी का अमृत महोत्सव विविधता में एकता के सार को दर्शाती है, साथ ही प्रगतिशील भारत के 75 साल, संस्कृति और इसकी उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने केलिए भारत सरकार की पहल का विश्लेषण भी करती है। इन कार्यशालाओं में चित्रित नामावली को उन सभी की अभिव्यक्ति के रूपमें देखा जा सकता है, जो भारत की सामाजिक सांस्कृतिक पहचान केबारे में प्रगतिशील हैं, जिसे एनजीएमए के महानिदेशक अद्वैत गरनायक की कलात्मक दृष्टि और प्रख्यात वरिष्ठ कलाकारों की सलाह के अनुसार बड़े पैमाने पर नामावली में प्रमुखता दी गई है। लगभग सात सौ पचास मीटर की दस विशाल नामावली भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों की वीरता और विरासत की कहानियों को चित्रित करती हैं। भारतीय संविधान में रचनात्मक दृष्टांतों से भी प्रेरणा ली गई है, जिसमें नंदलाल बोस तथा उनकी टीम द्वारा चित्रित कलात्मक तत्वों ने भारत की स्वदेशी कलाओं के कई प्रतिनिधित्वों केसाथ एक विशिष्ट स्थान प्रदान किया है। ये भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करने केलिए गुमनाम नायकों के संघर्षों की पहचान के साथ भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व और प्रदर्शन करते हैं।
भुवनेश्वर में कला कुंभ कार्यशाला में चित्रित की गई नामावली में उड़ीसा, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, बंगाल और आंध्र प्रदेश के स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों के चित्रों को चित्रित किया गया है, इसमें उनकी वीरता और संघर्ष की कहानी को दर्शाया गया है। कलाकारों ने यहां पटचित्र, तलपात्र चित्र, मंजुसा, जादुपतुआ और मधुबनी कला का चित्रण किया है। चंडीगढ़ में चित्रित की गई नामावली में लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के गुमनाम नायकों की वीरता और संघर्ष को दर्शाया गया है। कलाकारों ने कला के स्वदेशी रूपों जैसे फड़, पिचवई, लघु, कलमकारी, मंदाना, थंगका और वारली को दर्शाती कलात्मक अभिव्यक्तियां दी हैं। भुवनेश्वर और चंडीगढ़ में कला कुंभ कार्यशाला में आमलोग और छात्र विशाल नामावली को देखने पहुंचे। चंडीगढ़ में एनसीसी कैडेटों ने कला कुंभ में हिस्सा लिया और चित्र भी बनाए, इसके साथ देशभर से आए कलाकारों से चित्रकारी की बारीकियां भी जानी।
चंडीगढ़ में कला कुंभ के समापन समारोह में पंजाब के राज्यपाल और केंद्रशासित चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित और भुवनेश्वर में सांसद, केआईआईटी और केआईएसएस के संस्थापक डॉ अच्युत्य सामंत उपस्थित थे। इन नामावली में देश की विभिन्न कला एवं संस्कृति की समृद्धता, क्षमता के माध्यम से राष्ट्रीय गौरव और उत्कृष्टता को दिखाया गया है। इनमें एक भारत श्रेष्ठ भारत का विचार सही मायने में चरितार्थ होता दिखाई देता है, जहां हमारे देश के विभिन्न हिस्सों से संबंधित आजादी के गुमनाम नायकों की वीरता और संघर्ष की कहानियों को चित्रित किया गया और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाया गया है। इन नामावली को गणतंत्र दिवस 2022 उत्सव केलिए राजपथ पर कलात्मक रूपसे रखा जाएगा। नामावली सभी लोगों केलिए खुली गैलरी के रूपमें काम करेगी, इसका उद्देश्य लोगों को समृद्ध राष्ट्रीय विरासत केबारे में सही मायने में प्रेरित करना है।

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