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Saturday 15 January 2022 05:21:58 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केसाथ आज वीडियो कॉंफ्रेंस के जरिए स्टार्टअप कारोबारियों ने बातचीत की। प्रधानमंत्री ने स्टार्टअप्स कारोबारियों से कहाकि यह नवाचार यानी विचार, उद्योग और निवेश का नया दौर है और आपका श्रम भारत केलिए है, आपका उद्यम भारत केलिए है, आपका धन सृजन और रोज़गार सृजन भारत केलिए है। उन्होंने कहाकि मैं आपके साथ खड़ा हूं, सरकार आपके साथ है और पूरा देश आपके साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इस स्टार्टअप इंडिया इनोवेशन सप्ताह का आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव के इस वर्ष में और भी अधिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि स्टार्टअप की भूमिका तभी महत्वपूर्ण होगी, जब भारतीय स्वतंत्रता अपने शताब्दी वर्ष तक पहुंच जाएगी। प्रधानमंत्री ने कहाकि देश के उन सभी स्टार्ट-अप्स, सभी इनोवेटिव युवाओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, जो स्टार्टअप्स की दुनिया में भारत का झंडा बुलंद कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि स्टार्टअप्स का ये कल्चर देश के दूर-दराज तक पहुंचे, इसके लिए 16 जनवरी को अब नेशनल स्टार्टअप डे के रूपमें मनाने का फैसला किया गया है। स्टार्टअप कारोबारियों ने प्रधानमंत्री को छह विषयों-ग्रोइंग फ्रॉम रूट्स, नजिंग द डीएनए, फ्रॉम लोकल टू ग्लोबल, भविष्य की प्रौद्योगिकी, विनिर्माण क्षेत्र में चैंपियंस का निर्माण और सतत विकास पर प्रस्तुतियां दीं। इन प्रस्तुतियों केलिए 150 से अधिक स्टार्टअप उद्योगों को छह वर्किंग ग्रुप में विभाजित किया गया था, प्रत्येक विषय केलिए दो स्टार्टअप प्रतिनिधियों ने प्रस्तुतियां दीं, इन्होंने उस विशेष विषय केलिए चुने गए सभी स्टार्टअप की ओर से बात की। स्टार्टअप प्रतिनिधियों ने विचारों को साझा करने केलिए ऐसे मंच के माध्यम से अवसर प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया तथा स्टार्टअप इकोसिस्टम केलिए उनके दृष्टिकोण और समर्थन की प्रशंसा की।
स्टार्टअप प्रतिनिधियों ने कृषि में मजबूत डेटा संग्रह तंत्र सहित भारत को कृषि व्यवसाय का पसंदीदा हब बनाने, प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने, मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे से निपटने, वर्चुअल पर्यटन जैसे नवाचारों से यात्रा तथा पर्यटन को बढ़ावा देने, एड-टेक एवं रोज़गार की पहचान, अंतरिक्ष क्षेत्र, ऑफलाइन खुदरा बाजार को डिजिटल कॉमर्स से जोड़ने, विनिर्माण दक्षता में वृद्धि, रक्षा क्षेत्र में निर्यात, हरित टिकाऊ उत्पादों और परिवहन के स्थायी साधनों को बढ़ावा देने जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर विचार और इनपुट साझा किए। प्रधानमंत्री ने नवाचार, उद्यमिता और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने केलिए इस दशक में सरकार के बड़े परिवर्तनों के तीन महत्वपूर्ण पहलुओं को सूचीबद्ध किया, पहला उद्यमिता और नवाचार को नौकरशाही की सरकारी प्रक्रियाओं के जाल से मुक्त करना, दूसरा नवाचार को बढ़ावा देने केलिए एक संस्थागत तंत्र बनाना और तीसरा युवा नवोन्मेषकों और युवा उद्यमों की हैंडहोल्डिंग।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन प्रयासों के हिस्से के रूपमें स्टार्टअप इंडिया और स्टैंडअप इंडिया जैसे कार्यक्रमों को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहाकि 'एंजेल टैक्स' की समस्याओं को दूर करने, कर प्रक्रिया को सरल बनाने, सरकारी फंडिंग की व्यवस्था करने, 9 श्रम और 3 पर्यावरण कानूनों के स्व-प्रमाणन की अनुमति देने और 25 हजार से अधिक अनुपालनों को हटाने जैसे उपायों ने प्रक्रिया को और आगे बढ़ाया है, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म पर स्टार्टअप रनवे, सरकार को स्टार्टअप सेवाओं के प्रावधान की सुविधा प्रदान कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि सरकार का प्रयास छात्रों में नवोन्मेष के प्रति आकर्षण पैदा कर देश में नवोन्मेष को संस्थागत बनाना है, 9 हजार से अधिक अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं बच्चों को स्कूलों में कुछ नया करने और नए विचारों पर काम करने का अवसर प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहाकि ड्रोन के नए नियम हों या नई अंतरिक्ष नीति, सरकार की प्राथमिकता अधिक से अधिक युवाओं को नवोन्मेष के अवसर उपलब्ध कराना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारी सरकार ने आईपीआर पंजीकरण से संबंधित नियमों को भी सरल बनाया है। प्रधानमंत्री ने नवाचार के संकेतकों में तीव्र वृद्धि को उधृत किया। उन्होंने कहाकि वर्ष 2013-14 में 4 हजार पेटेंट स्वीकृत किए गए थे, पिछले वर्ष 28 हजार से अधिक पेटेंट प्रदान किए गए थे, वर्ष 2013-14 में जहां लगभग 70 हजार ट्रेडमार्क पंजीकृत थे, वहीं 2020-21 में 2.5 लाख से अधिक ट्रेडमार्क पंजीकृत किए गए हैं, वर्ष 2013-14 में जहां केवल 4 हजार कॉपीराइट दिए गए थे, वहीं पिछले वर्ष उनकी संख्या 16 हजार को पार कर गई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि नवाचार केलिए भारत के अभियान के परिणामस्वरूप वैश्विक नवाचार सूचकांक में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है। उन्होंने कहाकि भारत नवाचार सूचकांक में 81वें स्थान पर था, लेकिन अब भारत इस सूचकांक में 46वें स्थान पर आ गया है। नरेंद्र मोदी ने बताया कि भारत के स्टार्टअप 55 अलग-अलग उद्योगों केसाथ काम कर रहे हैं और स्टार्टअप की संख्या जहां पांच साल पहले 500 से कम थी, वहीं यह बढ़कर आज 60 हजार से अधिक हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे स्टार्टअप लीक से हटकर व्यापक बदलाव ला रहे हैं, इसलिए मेरा मानना हैकि स्टार्टअप नए भारत की रीढ़ बनने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछले साल देश में 42 यूनीकॉर्न तैयार हुए थे, हजारों करोड़ रुपए की ये कंपनियां आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी भारत की पहचान हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज भारत तेज़ी से यूनिकॉर्न की सेंचुरी लगाने की तरफ बढ़ रहा है और मैं मानता हूं भारत के स्टार्टअप्स का स्वर्णिम काल तो अब शुरु हो रहा है। प्रधानमंत्री ने विकास और क्षेत्रीय लैंगिक असमानताओं की समस्याओं को दूर करने में उद्यमिता के सशक्तिकरण की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहाकि आज देश के 625 जिलों में से प्रत्येक में कम से कम एक स्टार्टअप है और आधे से अधिक स्टार्टअप दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में हैं, ये आम गरीब परिवारों के विचारों को व्यवसाय में बदल रहे हैं और लाखों युवा भारतीयों को रोज़गार मिल रहा है। नरेंद्र मोदी ने भारत की विविधता को भारत की वैश्विक पहचान की एक प्रमुख शक्ति और आधारशिला बताया। उन्होंने कहाकि भारतीय यूनिकॉर्न और स्टार्टअप इस विविधता के वाहक हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत के स्टार्टअप आसानी से दुनिया के अन्य देशों तक पहुंच सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवप्रवर्तकों का आह्वान कियाकि आप अपने सपनों को सिर्फ लोकल ना रखें ग्लोबल बनाएं, इस मंत्र को याद रखें- आइए भारत केलिए नवोन्मेष करें, भारत से नवोन्मेष करें। प्रधानमंत्री ने कई क्षेत्रों का सुझाव दिया, जहां स्टार्टअप इकोसिस्टम एक प्रमुख भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहाकि पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान में अतिरिक्त जगह का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों केलिए चार्जिंग ढांचा बनाने केलिए किया जा सकता है, इसी तरह रक्षा निर्माण, चिप निर्माण जैसे क्षेत्र कई संभावनाएं प्रदान करते हैं। उन्होंने ड्रोन सेक्टर पर ध्यान दिया और कहाकि नई ड्रोन नीति के बाद कई निवेशक ड्रोन स्टार्टअप्स में निवेश कर रहे हैं, सेना, नौसेना और वायुसेना ने ड्रोन स्टार्टअप्स को 500 करोड़ रुपये के ऑर्डर दिए हैं। प्रधानमंत्री ने शहरी नियोजन में संभावित क्षेत्रों के रूपमें 'वॉक टू वर्क कॉन्सेप्ट', एकीकृत औद्योगिक सम्पदा और स्मार्ट मोबिलिटी के बारे में भी बात की। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज मिलेनीअल अपने परिवारों की समृद्धि और राष्ट्र की आत्मनिर्भरता दोनों के आधार हैं, ग्रामीण अर्थव्यवस्था से लेकर उद्योग 4.0 तक, हमारी जरूरतें और हमारी क्षमता दोनों ही असीमित हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि भविष्य की प्रौद्योगिकी से संबंधित अनुसंधान और विकास पर निवेश सरकार की प्राथमिकता है। भविष्य की संभावनाओं का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि अभी हमारी आधी आबादी ही इंटरनेट का उपयोग कर रही है, इसलिए इस क्षेत्र में भविष्य की संभावनाएं अपार हैं। उन्होंने स्टार्टअप्स से भी गांवों की ओर बढ़ने की अपील की। उन्होंने कहाकि चाहे वह मोबाइल इंटरनेट हो, ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी हो या वास्तविक सम्पर्क, गांवों की आकांक्षाएं बढ़ रही हैं और ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्र विस्तार की एक नई लहर की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, डॉ मनसुख मांडविया, अश्विनी वैष्णव, सर्बानंद सोनोवाल, पुरुषोत्तम रूपाला, जी किशन रेड्डी, पशुपति कुमार पारस, डॉ जितेंद्र सिंह और सोम प्रकाश भी उपस्थित थे।