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Friday 21 January 2022 04:27:19 PM
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से आज गुजरात के सोमनाथ में नए सर्किट हाउस का उद्घाटन किया और एक जनसभा को संबोधित करते हुए गुजरात सरकार, सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट और श्रद्धालुओं को सोमनाथ सर्किट हाउस के उद्घाटन केलिए बधाई दी। उन्होंने कहाकि समय के कहर के बावजूद सोमनाथ मंदिर की चोटी और शिखर को देखकर श्रद्धालु एवं पर्यटक भारत की चेतना व स्मृतियों पर गौरवांवित महसूस करेंगे। भारतीय सभ्यता की चुनौतीपूर्ण यात्रा और सैकड़ों वर्षों की गुलामी की परिस्थितियों पर प्रधानमंत्री ने कहाकि जिन परिस्थितियों में सोमनाथ मंदिर को तबाह किया गया और फिर जिन परिस्थितियों में सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रयासों से मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ, वो दोनों ही हमारे लिए एक बड़ा संदेश हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज जब आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान हम अपने अतीत से सीखना चाहते हैं तो सोमनाथ जैसे संस्कृति और आस्था के स्थल इसके केंद्र में हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हम दुनिया के कई देशों के बारे में सुनते हैंकि उसकी अर्थव्यवस्था में पर्यटन का योगदान कितना बड़ा है। उन्होंने कहाकि हमारे यहां तो हर राज्य में, हर क्षेत्र में ऐसी ही अनंत संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री ने आध्यात्मिक स्थलों के एक आभासी भारत दर्शन के बारे में जानकारी दी, गुजरात में सोमनाथ, द्वारका, कच्छ का रण और स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, उत्तर प्रदेश में अयोध्या, मथुरा, काशी, प्रयाग, कुशीनगर और विंध्याचल जैसे स्थान, देवभूमि उत्तराखंड में बद्रीनाथ केदारनाथ, हिमाचल में ज्वाला देवी, नैना देवी, दिव्य और प्राकृतिक चमक से परिपूर्ण संपूर्ण पूर्वोत्तर क्षेत्र, तमिलनाडु में रामेश्वरम, ओडिशा में पुरी, आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी, महाराष्ट्र में सिद्धि विनायक, केरल में सबरीमाला को सूचीबद्ध किया। उन्होंने कहाकि ये स्थान हमारी राष्ट्रीय एकता और एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं, आज देश उन्हें समृद्धि के एक मजबूत स्रोत के रूपमें भी देखता है, इनके विकास के माध्यम से हम एक बड़े क्षेत्र के विकास को उत्प्रेरित कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि पिछले 7 साल में देश ने पर्यटन की संभावनाओं को साकार करने केलिए लगातार काम किया है, पर्यटन केंद्रों का ये विकास आज केवल सरकारी योजना का हिस्साभर नहीं है, बल्कि जनभागीदारी का एक अभियान है, देश की हेरिटेज साइट्स, हमारी सांस्कृतिक विरासतों का विकास इसका बड़ा उदाहरण हैं। उन्होंने 15 थीम पर्यटक सर्किट जैसे उपायों को सूचीबद्ध किया, उदाहरण केलिए रामायण सर्किट में भगवान श्रीराम से संबंधित स्थानों का भ्रमण किया जा सकता है, इसके लिए विशेष रेलगाड़ी शुरू की गई है। प्रधानमंत्री ने बतायाकि दिव्य काशी की यात्रा केलिए दिल्ली से विशेष रेलगाड़ी चलाई जा रही है, इसी तरह बुद्ध सर्किट भगवान बुद्ध से संबंधित स्थानों की यात्रा को आसान बना रहा है, विदेशी पर्यटकों केलिए वीजा नियमों को आसान बनाया गया है और टीकाकरण अभियान में पर्यटन स्थलों को प्राथमिकता दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश पर्यटन को समग्र रूपमें देख रहा है, आज के समय में पर्यटन बढ़ाने के लिए चार बातें आवश्यक हैं, पहला स्वच्छता- पहले हमारे पर्यटन स्थल, पवित्र तीर्थस्थल भी अस्वच्छ रहते थे, आज स्वच्छ भारत अभियान ने ये तस्वीर बदली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि पर्यटन बढ़ाने केलिए दूसरा अहम तत्व है सुविधा, लेकिन सुविधाओं का दायरा केवल पर्यटन स्थल तक ही सीमित नहीं होना चाहिए, सुविधा परिवहन, इंटरनेट, सही जानकारी, मेडिकल व्यवस्था हर तरह की होनी चाहिए और इस दिशा में भी देश में चौतरफा काम हो रहा है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि पर्यटन बढ़ाने का तीसरा महत्वपूर्ण पहलू है समय, आजकल ट्वेन्टी-ट्वेन्टी का दौर है, लोग कम से कम समय में ज्यादा से ज्यादा स्थान कवर करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि पर्यटन बढ़ाने केलिए चौथी और बहुत महत्वपूर्ण बात है हमारी सोच का इन्नोवेटिव और आधुनिक होना जरूरी है, लेकिन साथही साथ हमें अपनी प्राचीन विरासत पर कितना गर्व है, ये बहुत मायने रखता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आजादी केबाद दिल्ली में कुछ गिने-चुने परिवारों केलिए ही नव-निर्माण हुआ, लेकिन आज देश उस संकीर्ण सोच को पीछे छोड़कर, नए गौरव स्थलों का निर्माण कर रहा है, उन्हें भव्यता दे रहा है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि ये हमारी ही सरकार है, जिसने दिल्ली में बाबासाहेब मेमोरियल का निर्माण किया है, रामेश्वरम में एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक को बनवाया, इसी तरह नेताजी सुभाषचंद्र बोस और श्यामजी कृष्ण वर्मा से जुड़े स्थानों को भव्यता दी गई है। आदिवासी समाज के गौरवशाली इतिहास को सामने लाने केलिए देशभर में आदिवासी म्यूज़ियम्स भी बनाए जा रहे हैं। नव विकसित स्थानों की संभावनाओं पर विस्तार से बातचीत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि महामारी के बावजूद 75 लाख लोग स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देखने आए हैं। उन्होंने कहाकि ऐसे स्थान पर्यटन के साथ-साथ हमारी पहचान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे। प्रधानमंत्री ने 'वोकल फॉर लोकल' यानी स्थानीय केलिए मुखर होने के अपने आह्वान की सीमित व्याख्या न करने की सलाह दी। उन्होंने कहाकि इस आह्वान में स्थानीय पर्यटन भी शामिल हैं। उन्होंने लोगों से विदेश में किसी भी पर्यटन स्थल की यात्रा पर जाने से पहले भारत के कम से कम 15-20 पर्यटक स्थानों का दौरा करने के अपने अनुरोध को दोहराया। कार्यक्रम में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल, राज्य के मंत्री, संसद सदस्य और मंदिर ट्रस्ट के सदस्य भी ऑनलाइन उपस्थित थे।