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एयर इंडिया कर्मी पाएंगे ईपीएफओ का लाभ

एयर इंडिया रखेगा कार्मिकों की सामाजिक सुरक्षा जरूरतों का ध्यान

कर्मचारी भविष्य निधि के लिए 7,453 कर्मचारियों को शामिल किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 29 January 2022 05:17:30 PM

air india employees will get the benefit of epfo

नई दिल्ली। एयर इंडिया अपने कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा जरूरतों को पूरा करने यानी सामाजिक सुरक्षा कवरेज केलिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में शामिल हो गई है। इससे पहले एयर इंडिया लिमिटेड ने ईपीएफ और एमपी अधिनियम 1952 की धारा 1(4) के तहत स्वेच्छा से कवरेज केलिए आवेदन किया था। इस संबंध में एक दिसंबर 2021 को जारी राजपत्र अधिसूचना जारी करके इसकी अनुमति दी गई थी। यह अधिसूचना 13 जनवरी 2022 से प्रभावी भी हो गई है। इसके तहत एयर इंडिया के उन 7,453 कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ प्रदान किया जाएगा, जिनके दिसंबर 2021 केलिए योगदान को एयर इंडिया ने ईपीएफओ के पास दाखिल किया था।
एयर इंडिया के इन कर्मचारियों को उनके भविष्य निधि खाते में उनके वेतन के 12 फीसदी पर अतिरिक्त 2 फीसदी नियोक्ता का योगदान प्राप्त होगा। इससे पहले कर्मचारियों को 1925 के पीएफ अधिनियम के तहत कवर किया गया था, जिसके तहत भविष्य निधि में नियोक्ता और कर्मचारी का योगदान क्रमश: 10-10 फीसदी था। अब कर्मचारियों पर ईपीएफ योजना 1952, ईपीएस 1995 और ईडीएलआई 1976 लागू होंगे। कर्मचारियों को 1,000 रुपये की गारंटी न्यूनतम पेंशन और कर्मचारी की मृत्यु के मामले में परिवार एवं आश्रितों को पेंशन उपलब्ध होगी। मृत्यु के मामले में एक सुनिश्चित बीमा लाभ न्यूनतम 2.50 लाख रुपये से लेकर अधिकतम 7 लाख रुपये तक उपलब्ध होगा। इस लाभ केलिए ईपीएफओ के दायरे में आनेवाले कर्मचारियों से कोई प्रीमियम नहीं लिया जाता है।
ज्ञातव्य हैकि 1952-53 से एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइन्स दो अलग-अलग कंपनियां थीं, जिन्हें पीएफ अधिनियम-1925 के तहत कवर किया गया था। वर्ष 2007 में दोनों कंपनियों का एक कंपनी एयर इंडिया लिमिटेड में विलय हो गया था। पीएफ अधिनियम-1925 के तहत इसके कर्मचारियों को भविष्य निधि का लाभ उपलब्ध था, लेकिन इनके लिए कोई वैधानिक पेंशन योजना या बीमा योजना नहीं थी। कंपनी के कर्मचारी स्वयं अंशदायी वार्षिकी आधारित पेंशन योजना में अपना योगदान देते थे। इस योजना के मापदण्डों के आधार पर कर्मचारियों को जमा धनराशि का भुगतान किया जाता था, हालांकि इसमें किसी सदस्य की मृत्यु के मामले में कोई न्यूनतम पेंशन गारंटी नहीं थी और कोई अतिरिक्त लाभ नहीं था।

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