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प्रशिक्षु को भर्ती प्रक्रिया से ही रेलवे में नौकरी

भर्ती उम्मीदवारों का सभी भर्ती मानकों से गुजरना जरूरी-रेलवे

प्रशिक्षुओं की रेलवे में सीधे नियुक्त करने की मांग खारिज

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 31 January 2022 03:38:04 PM

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नई दिल्ली। रेलवे का कहना हैकि बिना भर्ती प्रक्रिया का सामना किए रेलवे से सिर्फ अपरेंटिस किए हुए युवा प्रशिक्षुओं की रेलवे में नियुक्ति की मांग स्वीकार्य नहीं है। रेलवे प्रतिष्ठानों में अपरेंटिस किए युवा अन्य उम्मीदवारों के साथ लिखित परीक्षा देते हैं तो उन्हें न्यूनतम योग्यता अंक, मीटिंग और चिकित्सा मानकों को प्राप्त करने के अधीन नियुक्ति में दूसरों से वरीयता दी जाती है, इसलिए यह मांग संवैधानिक प्रावधानों और सार्वजनिक रोज़गार के मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन करती है। गौरतलब हैकि भारतीय रेलवे अगस्त 1963 से अपरेंटिस अधिनियम केतहत निर्दिष्ट ट्रेडों में आवेदकों को प्रशिक्षण प्रदान करता आ रहा है। इन आवेदकों को बिना किसी प्रतियोगिता या चयन के उनकी शैक्षणिक योग्यता केआधार पर प्रशिक्षु के रूपमें लिया जाता है, हालांकि रेलवे ऐसे उम्मीदवारों को केवल प्रशिक्षण प्रदान करने केलिए बाध्य था, जिन्होंने अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया था, उन्हें 2004 से लेवल 1 पदों केलिए विकल्प के रूपमें नियुक्त किया जा रहा है।
रेलवे का कहना हैकि विकल्प के तौरपर नियुक्त उम्मीदवार अस्थायी नियुक्त व्यक्ति होते हैं, जिन्हें किसी भी अत्यावश्यकता और परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने केलिए लगाया जा सकता है, जबकि ऐसी नियुक्तियों को अस्थायी रेल सेवकों के कारण लाभ दिया जाता है, लेकिन वे नियुक्ति के उचित प्रक्रिया से गुजरे बिना स्थायी रोज़गार पाने के हकदार नहीं हैं। रेलवे में कायापलट को देखते हुए और रेलवे भर्तियों में निष्पक्षता, पारदर्शिता और निष्पक्षता लाने की दृष्टि से रेलवे ने 2017 में सभी भर्तियों केलिए प्रक्रिया को लेवल 1 पर केंद्रीकृत कर दिया था, जो अबसे एक आम राष्ट्रव्यापी कंप्यूटर आधारित परीक्षण के माध्यम से आयोजित किया जाता है। अपरेंटिस अधिनियम 2014 में संशोधित किया गया था, जिसके तहत अधिनियम की धारा 22 में प्रावधान किया गया थाकि एक नियोक्ता अपने प्रतिष्ठान में प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं की भर्ती केलिए एक नीति तैयार करेगा। इस तरह के संशोधन के अनुसरण में रेलवे ने खुले बाजार में भर्ती में रेलवे प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं को लेवल 1 के पदों पर विज्ञापित पदों के 20 प्रतिशत की सीमा तक वरीयता देने का प्रावधान किया।
हालांकि जब ये अपरेंटिस किए युवा अन्य उम्मीदवारों केसाथ लिखित परीक्षा केलिए उपस्थित होते हैं, उन्हें न्यूनतम योग्यता अंक, मीटिंग और चिकित्सा मानकों को प्राप्त करने के अधीन, दूसरों पर नियुक्ति में वरीयता दी जाती है। फलस्वरूप विज्ञप्ति सीईएन 02/2018 में 63202 पदों में से 12504 लेवल 1 पदों को 2018 में पहली आम भर्ती में ऐसे उम्मीदवारों केलिए निर्धारित किया गया था। इसी प्रकार सीईएन आरआरसी 01/2019 के तहत 103769 पदों में से 20734 लेवल-1 पदों को इन अपरेंटिस केलिए निर्धारित किया गया है। इस नोटिफिकेशन केलिए भर्ती होनी है। अब ये अपरेंटिस किए युवा प्रशिक्षु रेलवे में नियुक्ति की मांग कर रहे हैं, बिना निर्धारित भर्ती प्रक्रिया अर्थात लिखित परीक्षा और शारीरिक दक्षता परीक्षा, जोकि अन्य सभी उम्मीदवारों को मौजूदा नियमों के अनुसार गुजरना आवश्यक है। यह मांग स्वीकृति केलिए कानूनी रूपसे सही नहीं है, क्योंकि यह संवैधानिक प्रावधानों और सार्वजनिक रोज़गार के मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन है, जिसमें निष्पक्ष चयन की प्रक्रिया के अलावा कोई भी रोज़गार प्रदान नहीं किया जा सकता है।

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