स्वतंत्र आवाज़
word map

नारी शक्ति ने साबित किया सामर्थ्य-प्रधानमंत्री

'आत्मनिर्भर अभियान ने महिलाओं को देश के विकास से जोड़ा'

राष्ट्रीय महिला आयोग के स्थापना दिवस कार्यक्रम में संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 1 February 2022 01:34:02 PM

pm addressing at the 30th national commission for women foundation day programme

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय महिला आयोग के 30वें स्थापना दिवस कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा हैकि 30 वर्ष का पड़ाव चाहे व्यक्ति के जीवन का हो या फिर किसी संस्था का, बहुत अहम होता है, यह समय नई जिम्मेदारियों का होता है, नई ऊर्जा केसाथ आगे बढ़ने का होता है। प्रधानमंत्री ने कहाकि नए भारत में महिलाओं की भूमिका का निरंतर विस्तार हो रहा है, इसलिए राष्ट्रीय महिला आयोग की भूमिका का विस्तार भी समय की मांग है, ऐसे में महिला आयोगों को अपना दायरा बढ़ाना होगा और अपने राज्य की महिलाओं को नई दिशा भी देनी होगी। राष्ट्रीय महिला आयोग के स्थापना दिवस कार्यक्रम की थीम 'शी द चेंज मेकर' का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाना है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आत्मनिर्भर भारत अभियान महिलाओं की क्षमताओं को देश के विकास से जोड़ रहा है, आज मुद्रा योजना की लगभग 70 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं, देश में पिछले 6-7 वर्ष में महिला स्वयं सहायता समूहों की संख्या तीन गुना बढ़ गई है, इसी तरह 2016 केबाद 60 हजार से ज्यादा नए स्टार्टअप्स बने हैं, इनमें से 45 प्रतिशत में कम से कम एक महिला निदेशक हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि न्यू इंडिया के ग्रोथ साइकल में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है, महिला आयोगों को चाहिए कि समाज की उद्यमिता में महिलाओं की भूमिका को ज्यादा से ज्यादा पहचान मिले, उसे बढ़ावा दिया जाए। प्रधानमंत्री ने बतायाकि 2015 से लेकर अबतक 185 महिलाओं को उनके अभूतपूर्व कार्यों केलिए पद्म सम्मान दिया गया है, इस वर्ष भी 34 पद्म सम्मान अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर रही महिलाओं को दिए गए हैं, यह अपने आपमें रिकॉर्ड है, क्योंकि आजतक कभी इतनी ज्यादा महिलाओं को पद्म सम्मान नहीं मिला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि पिछले 7 साल में सरकार की नीतियां महिलाओं को लेकर और अधिक संवेदनशील हुई हैं, आज भारत उन देशों में है, जो अपने यहां सबसे अधिक मातृत्व अवकाश देता है, कम उम्र में शादी बेटियों की पढ़ाई और करियर में बाधा न बने, इसके लिए बेटियों की शादी की उम्र को 21 साल कर दिया गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि एक समय था, जब देश में महिला सशक्तीकरण को सीमित दायरे में देखा जाता था, गांव में गरीब परिवारों की महिलाएं इससे दूर थीं, आज महिला सशक्तीकरण का चेहरा वो 9 करोड़ गरीब महिलाएं भी हैं, जिन्हें पहलीबार गैस कनेक्शन मिला है और धुएं से आजादी मिली है। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज महिला सशक्तीकरण का चेहरे वो करोड़ों माताएं-बहनें भी हैं, जिन्हें उनके घर में शौचालय, सिर पर पक्की छत मिली है, करोड़ों महिलाओं को गर्भावस्था और प्रसव के समय सहायता मिलती है, जनधन बैंक खाता मिला है, सरकार की सब्सिडी सीधे महिलाओं के खाते में जमा होती है, ये महिलाएं महिला सशक्तीकरण और बदलते हुए भारत का चेहरा बन रही हैं।
प्रधानमंत्री ने कहाकि महिलाएं जब कुछ ठान लेती हैं तो उसकी दिशा नारी ही तय करती है। उन्होंने कहाकि जिन सरकारों ने महिला सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी, महिलाओं ने उन्हें सत्ता से हटाना सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहाकि सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति केसाथ काम कर रही है, रेप के जघन्य मामलों में फांसी का प्रावधान किया गया है, देशभर में फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाई जा रही हैं और थानों में महिला डेस्क की संख्या बढ़ाना हो, 24 घंटे हेल्पलाइन, साइबर क्राइम से निपटने केलिए पोर्टल जैसे अनेकों प्रयास किए जा रहे हैं। इस अवसर पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं को न्याय और सम्मान मिलना सुनिश्चित हुआ है। उन्होंने कहाकि सरकार की वन स्टॉप सेंटर योजना से 5 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता मिली है। उन्होंने महिलाओं को न्याय सुनिश्चित करने केलिए संसद में पारित महत्वपूर्ण विधेयकों पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि न्याय, विकास की नींव है, महिलाओं को न्याय और सम्मान सुनिश्चित किया गया है, हमने देश में नरेंद्र मोदी कार्यकाल में लैंगिक न्याय होते देखा है।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने महिला उद्यमिता, डिजिटल साक्षरता, कानूनी जागरुकता, क्षमता निर्माण, ऑनलाइन प्रशिक्षण और महिलाओं के व्यक्तित्व विकास को लेकर आयोग के कार्यक्रमों की जानकारी दी। उन्होंने महिलाओं के सशक्तीकरण केलिए आयोग के प्रयासों पर प्रधानमंत्री के समक्ष एक लघु फिल्म प्रस्तुत की। उन्होंने कहाकि आयोग ने महिलाओं को सशक्त बनाने केलिए कई कदम उठाए हैं जैसे-कोविड महामारी में एनसीडब्लू ने गर्भवती महिलाओं केलिए व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर लॉंच किया, महिलाओं को हर समय मदद पहुंचाने केलिए हेल्पलाइन भी जारी की है। स्थापना दिवस समारोह केतहत एनसीडब्लू ने 'बदलाव लाने वाली महिला उद्यमी', 'निर्णय लेने में महिलाएं' और 'महिलाओं का डिजिटल सशक्तीकरण' पर पैनल चर्चाओं की श्रृंखला आयोजित की। कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग, राज्य में महिला एवं बाल विकास विभाग, विश्वविद्यालय और कॉलेज के शिक्षण संकाय, विद्यार्थी, स्वयंसेवी संगठन, महिला उद्यमी और व्यावसायिक संगठनों ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई कालूभाई और दर्शना जरदोश भी ऑनलाइन शामिल हुईं।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]