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Friday 11 February 2022 02:48:25 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डेन में वार्षिक उद्यानोत्सव की शुरुआत करते हुए यहां आने वाले आम लोगों को भी अनुमति दे दी है। मुगल गार्डेन 12 फरवरी से 16 मार्च 2022 तक प्रत्येक सोमवार को छोड़कर जो रखरखाव के दिन होंगे, आम जनता केलिए 10 बजे सुबह से सायं पांच बजे (अंतिम प्रवेश सायं 4 बजे) खुला रहेगा। आगंतुकों को केवल एडवांस ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से ही मुगल गार्डेन को देखने की अनुमति होगी। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी एहतियाती उपायों के कारण सीधा प्रवेश उपलब्ध नहीं होगा। दस बजे सुबह से सायं पांच बजे के बीच सात पहले से बुक किए गए घंटे के स्लॉट उपलब्ध होंगे, अंतिम प्रवेश सायं 4 बजे होगा। प्रत्येक स्लॉट में अधिकतम 100 व्यक्ति समायोजित हो सकेंगे।
पर्यटन के दौरान आगंतुकों को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन करना पड़ेगा जैसेकि मास्क पहनना, सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना आदि। प्रवेश बिंदु पर उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग से गुजरना होगा। किसी भी आगंतुक को बिना मास्क के प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी आगंतुकों केलिए प्रवेश तथा प्रस्थान प्रेसीडेंट एस्टेट के गेट नंबर 35 से होगा, जो राष्ट्रपति भवन के नार्थ एवेन्यू से मिलन बिंदु के निकट है। आगंतुक यात्रा के दौरान मोबाइल फोन रख सकते हैं। बहरहाल उनसे आग्रह किया जाता हैकि वे पानी की कोई बोतल, ब्रीफकेस, हैंडबैग/ लेडीज पर्स, कैमरा, रेडियो/ ट्रांजिस्टर, बक्से, छाते, अस्त्र और शस्त्र तथा खाने की सामग्रियां आदि लेकर न आएं। हैंड सैनिटाइजर, पीने के पानी, शौचालय, प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार या चिकित्सा सुविधा सार्वजनिक रास्ते के साथ लगे विभिन्न बिंदुओं पर उपलब्ध कराई जाती है।
इस वर्ष के उद्यानोत्सव का मुख्य आकर्षण ट्यूलिप की 11 किस्में हैं, जिनके फरवरी के दौरान विभिन्न चरणों में खिलने की उम्मीद की जा रही है। सेंट्रल लॉन में भव्य डिजाइनों में फ्लावर कार्पेट भी प्रदर्शित किए जाएंगे। इस वर्ष के आलंकारिक फूलों की प्रमुख रंग योजना सफेद, पीला, लाल और नारंगी है। बगीचों में कुछ हवा शुद्ध करने वाले पौधों के साथ एक छोटा कैक्टस कॉर्नर भी तैयार किया गया है। ज्ञातव्य हैकि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने मुगल गार्डेन को आम जनता केलिए खुलवाया था। राष्ट्रपति भवन के पीछे के भाग में मुगल गार्डन अपने किस्म का अकेला ऐसा उद्यान है, जहां विश्वभर के रंग-बिरंगे फूलों की छटा देखने को मिलती है। यहां विविध प्रकार के फूलों और फलों के पेड़ों का संग्रह है। इसकी अभिकल्पना ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस ने लेडी हार्डिग के आदेश पर की थी। तेरह एकड़ में फैले इस उद्यान में ब्रिटिश शैली के संग-संग औपचारिक मुगल शैली का मिश्रण दिखाई देता है। बुकिंग https://rashtrapatisachivalaya.gov.in or https://rb.nic.in/rbvisit/visit_plan.aspx पर की जा सकती है।
मुगल गार्डेन चार भागों में बंटा हुआ है और चारों एक-दूसरे से भिन्न एवं अनुपम हैं। यहां कई छोटे-बड़े बगीचे हैं जैसे-पर्ल गार्डन, बटरफ्लाई गार्डन और सकरुलर गार्डन आदि। बटरफ्लाई गार्डन में फूलों के पौधों की बहुत सी पंक्तियां लगी हुई हैं, यह माना जाता है कि तितलियों को देखने के लिए यह जगह सर्वोत्तम है। मुगल उद्यान में अनेक प्रकार के फूलों में गुलाब, गेंदा, स्वीट विलियम आदि शामिल हैं। इसमें जड़ी-बूटियां और औषधियां भी उगाई जाती हैं, जिसे औषधि उद्यान कहते हैं। मुख्य उद्यान मुगल गार्डन का समसे बड़ा भाग है, जिसे पीस द रेज़िस्टेंस कहते हैं। इसके उत्तर और दक्षिण में टेरेस गार्डन हैं और इसके पश्चिम में एक टेनिस कोर्ट तथा लॉन्ग गार्डन हैं। यहां से दो नहरें उत्तर से दक्षिण व दो नहरें पूर्व से पश्चिम को बहती हैं, जिनके बीच में संगम पर छह फव्वारे कमल के आकार के बने हुए हैं। ये नहरें बाग को चार भागों में विभाजित करती हैं। यहीं मुगल वास्तु की चार बाग शैली का आभास होता है। मुगल उद्यान हर वर्ष फरवरी-मार्च के महीने में वसंत ऋतु में आम जनता केलिए खोला जाता है।