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Saturday 12 February 2022 02:00:06 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि चार्टर्ड अकाउंटेंट देश के वित्तीय स्वास्थ्य खाते के जागरुक रखवाले हैं, इसलिए वित्तीय स्वास्थ्य केलिए उनका ईमानदार विवेक बहुत आवश्यक है। डॉ जितेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के रूपमें इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के वार्षिक पुरस्कार प्रस्तुति कार्यक्रम में शामिल हुए थे, जहां उन्होंने देश के विभिन्न कॉरपोरेट घरानों के साथ-साथ सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की इकाइयों को वित्तीय रिपोर्टिंग और अंतर्राष्ट्रीय सतत रिपोर्टिंग में उत्कृष्टता केलिए पुरस्कृत किया। इस अवसर पर उन्होंने, आईसीएआई के अध्यक्ष सीए निहार जंबुसरिया और आईसीएआई उपाध्यक्ष सीए डॉ देबाशीष मित्रा ने अपने विचार साझा किए। पुरस्कृत होने वालों में टाटा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, रिलायंस, एनएचपीसी समेत भारत के कुछ प्रमुख कॉर्पोरेट और सार्वजनिक क्षेत्र के घराने शामिल हैं।
कार्मिक राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि भारत के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्थान देश की प्रमुख लेखा संस्था है, उसे ठोस लेखांकन प्रथाओं और मानकों को स्थापित करने का कार्य सौंपा गया है। उन्होंने कहाकि आईसीएआई को राष्ट्रनिर्माण के हितमें जवाबदेही, उत्कृष्टता और ईमानदारी के सर्वोच्च मानकों का पालन करने की उच्च अपेक्षाओं पर खरा उतरना है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यापार में आसानी लाने और वैश्विक मानकों के अनुकूल भारतीय अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने केलिए कई पथप्रदर्शक उपायों की शुरुआत की है। उन्होंने कहाकि आनेवाले वर्ष में आईसीएआई की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि वित्तीय बाजारों के सफल संचालन केलिए वित्तीय रिपोर्टिंग महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसने वार्षिक रूपसे प्रकाशित रिपोर्टों के माध्यम से समान रूपसे उद्देश्यपूर्ण और निष्पक्ष जानकारी दी है। उन्होंने कहाकि यह बदले में सरकार और उसकी एजेंसियों को आवश्यक संसाधन आवंटित करने में मदद करता है और देश की आय एवं अन्य संबंधित क्षेत्रों की गणना केलिए नींव के रूपमें कार्य करता है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि उन्हें यह जानकर खुशी हुईकि आईसीएआई ने विभिन्न भारतीय लेखा मानकों को जारी किया है और लेखांकन के क्षेत्र में सबसे उन्नत क्षेत्रों के अनुरूप लाने केलिए कुछ पिछले लेखांकन मानकों को भी संशोधित किया है। उन्होंने कहाकि वर्ष 1958 में स्थापित इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया अवार्ड्स फॉर फाइनेंशियल रिपोर्टिंग विभिन्न कंपनियों को वित्तीय रिपोर्टिंग के अपने मानकों में सुधार करने केलिए एक विश्वसनीय मंच प्रदान करता है। उन्होंने कहाकि हालांकि इस साल पहलीबार आईसीआईए ने जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता आदि जैसे क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले संगठनों को मान्यता देने और उन्हें पुरस्कृत करने के नेक उद्देश्य केसाथ सस्टेनेबल रिपोर्टिंग अवार्ड्स भी शुरू किया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कॉर्पोरेट गवर्नेंस डिसक्लोजर कंपटीशन केलिए सार्क वार्षिक पुरस्कार भी प्रदान किए।