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Thursday 17 February 2022 02:42:48 PM
नई दिल्ली। भारत-जर्मनी में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, व्यापारिक गतिविधियों में तकनीकी बाधाओं को दूर करने, उत्पाद सुरक्षा बढ़ाने तथा उपभोक्ता संरक्षण को सुदृढ़ करने केलिए भारत और जर्मनी केबीच कार्ययोजना-2022 पर हस्ताक्षर किए गए हैं। उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय और जर्मनी के आर्थिक एवं ऊर्जा मामलों केलिए जर्मन संघीय मंत्रालय के नेतृत्व में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे पर भारत-जर्मन कार्यकारी समूह की 8वीं वार्षिक बैठक वर्चुअल माध्यम से हुई। यह कार्यकारी समूह साल 2013 से वार्षिक बैठक करता आ रहा है और द्विपक्षीय व्यापार में सहयोग केलिए विविध प्रौद्योगिकी क्षेत्रों से संबंधित हितधारकों की मांगों और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए देश में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने तथा इसे मजबूत करने हेतु सहयोग के क्षेत्रों की पहचान करता है।
उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहाकि भारत केलिए जर्मनी एक महत्वपूर्ण और विश्वसनीय भागीदार देश है। उन्होंने भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलने केलिए भारत सरकार की पहल की सफलता केलिए अच्छी तरह से स्थापित और सुदृढ़ गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे के महत्व को रेखांकित किया, जिसमें मानकीकरण, तकनीकी नियम तथा बाजार की निगरानी करना शामिल है। रोहित कुमार सिंह ने आशा व्यक्त कीकि यह कार्य योजना 2022 गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे को बेहतर ढंग से कार्यांवित होने और लचीली प्रणालियों की दिशा में सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगी। उन्होंने विभिन्न पहलुओं पर एक-दूसरे के दृष्टिकोण से सीखने केलिए विभिन्न मंत्रालयों, मानकीकरण निकायों तथा उद्योग जैसे सभी संबंधित हितधारकों की भागीदारी का आग्रह किया।
जर्मन प्रतिनिधिमंडल की सह-अध्यक्ष, जर्मन फेडरल मिनिस्ट्री फॉर इकोनॉमिक अफेयर्स एंड क्लाइमेट एक्शन में डिजिटल व इनोवेशन पॉलिसी की महानिदेशक डॉ डेनिएला ब्रोनस्ट्रुप ने वर्चुअल बैठक में भारतीय प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने कहाकि चुनौतीपूर्ण समय के बावजूद दोनों देशों ने कार्य समूह के ढांचे के तहत सहयोग करना जारी रखा है, यह जर्मनी और भारत के बीच मजबूत संबंधों का एक बड़ा संकेत है तथा दोनों पक्ष द्विपक्षीय व्यापार को और सहयोग देने केलिए आपसी हित के मुद्दों पर सूचनाओं एवं विशेषज्ञता के आदान-प्रदान से लाभ प्राप्त कर सकते हैं। जर्मन पक्ष ने अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ में अपनी पहल की जानकारी साझा की और आईटीयू में निदेशक मानकों की स्थिति केलिए जर्मन उम्मीदवार के समर्थन का अनुरोध किया। गुणवत्ता एवं सुरक्षा में संयुक्तता विषय पर एक प्रकाशन जारी किया गया, जिसमें जर्मनी तथा यूरोपीय संघ में गुणवत्ता के बुनियादी ढांचे केबारे में जानकारी प्रदान की गई और कहा गयाकि यह प्रकाशन भारत में नीति निर्माताओं एवं व्यापार भागीदारों केलिए यूरोप एवं जर्मनी में गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे को समझने में बहुत मददगार होगा।
जर्मन पक्ष के किएगए वैश्विक गुणवत्ता अवसंरचना सूचकांक के अध्ययन के परिणाम को भी साझा किया गया। जीक्यूआईआई रिपोर्ट के अनुसार भारत को मानकीकरण केलिए 7वें, प्रत्यायन गतिविधियों में 9वें और मेट्रोलॉजी संबंधी गतिविधियों हेतु 19वें स्थान पर रखा गया है। भारत ने 100 में से 95.6 अंक प्राप्त किए हैं और यह देश में समग्र गुणवत्ता वाले बुनियादी ढांचे केलिए दुनिया में 10वें स्थान पर है। इसके बाद डिजिटलीकरण और निरंतरता: प्रभावी और आधुनिक गुणवत्ता बुनियादी ढांचे केलिए प्रमुख कारक विषय पर एक पैनल चर्चा तथा 2022 में भारत-जर्मन कार्य समूह के आंतरिक सहयोग केलिए केंद्रीय क्षेत्रों पर एक सत्र का आयोजन किया गया। पैनल चर्चा में विशेषज्ञों ने डिजिटल एवं हरित परिवर्तन केलिए गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे की प्रासंगिकता, क्यूआई पर इसके प्रभाव तथा क्यूआई उद्योग को विशेष रूपसे एसएमई का समर्थन कैसे प्राप्त हो सकता है, इस मुद्दे पर चर्चा की गई।
विशेषज्ञों ने इन विषयों और भारत-जर्मन सहयोग से प्राप्त होने वाले लाभों पर एक सामान्य समझ की आवश्यकता पर बल दिया। वर्ष 2022 केलिए एक कार्ययोजना पर सहमति हुई, जिसमें मोबिलिटी, ऊर्जा, चक्रीय अर्थव्यवस्था, स्मार्ट खेती, चिकित्सा उपकरण, डिजिटलीकरण, मशीनरी सुरक्षा, चिकित्सा उपकरणों और अन्य यंत्र तथा बाजार की निगरानी करने में सहयोग होना शामिल है। बैठक में 150 से अधिक जर्मन और भारतीय हितधारक शामिल हुए, इसमें विभिन्न भारतीय मंत्रालय डीपीआईआईटी, एमओपी, एमओआरटीएच, डीसीपीसी, सीपीआरआई, उद्योग संघ फिक्की, सीआईआई, वीडीएमए, वीडीए, मानकीकरण विज्ञापन मान्यता निकाय बीआईएस, डीआईएन, डीकेई, एनएबीसीबी, डीएकेकेएस और भारत-जर्मन चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों ने हिस्सा लिया।