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Thursday 10 March 2022 05:49:54 PM
आइजोल। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने पूर्वोत्तर राज्यों के विधानमंडलों सहित सभी राज्यों के विधानमंडलों की बैठकें अधिक से अधिक और लम्बी अवधि केलिए बुलाने की आवश्यकता पर बल दिया है, ताकि कानून बनाने केलिए पर्याप्त समय मिले, बड़े सार्वजनिक हित के विषयों पर चर्चा की जा सके और कार्यपालिका का दायित्व सुनिश्चित किया जा सके। मिजोरम विधानसभा के सदस्यों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि उचित अवधि केलिए विधानसभा सत्र की योजना बनाई जानी चाहिए, ताकि विचार-विमर्श, चर्चा और बहस तथा अंतिम निर्णय लेने केलिए पर्याप्त समय मिल सके। उन्होंने कहाकि विधानमंडलों की और अधिक बैठकें होनी चाहिएं और प्रत्येक सत्र में सार्थक बहस होनी चाहिए।
स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव समारोहों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहाकि अपने देश की महान लोकतांत्रिक परंपरा को मजबूत बनाने केलिए हमें महान संकल्प लेना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहाकि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य विधानसभाएं और संसद नए भारत को आकार देने केलिए प्रभावी औजार बन सकें। उन्होंने कहाकि हमारा लोकतंत्र विश्व के सबसे पुराने लोकतंत्रों में एक है और विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, हमें इसे और अच्छा बनाना चाहिए। वेंकैया नायडू ने कुछ विधानमंडलों में हाल की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और कहाकि संवैधानिक पदों का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि विधायकों को सार्थक बहस करनी चाहिए और सदन की कार्यवाही में व्यवधान नहीं डालना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहाकि जनआकांक्षा को सुना जाना चाहिए और उनका सम्मान किया जाना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने संसद तथा पूर्वोत्तर राज्यों सहित देश के विधानमंडलों में महिलाओं के उचित प्रतिनिधित्व के विषय में कहाकि कानून बनाने के कार्य में अधिक महिला सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहाकि यद्यपि मिजोरम और नागालैंड की विधानसभाओं में कोई महिला सदस्य नहीं हैं, लेकिन मणिपुर और त्रिपुरा विधासभाओं में क्रमशः दो और पांच महिला सदस्य हैं, क्षेत्र की 8 विधानसभाओं के कुल 498 सदस्यों में से केवल 20 महिला सदस्य हैं। यह केवल 4 प्रतिशत है, संसद में भी केवल 11 प्रतिशत महिला सदस्य हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को हमारी विकास रणनीति में महिलाओं की पूर्ण भागीदारी को मान्यता देने का अवसर बताते हुए उन्होंने कहाकि जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी से विकास की गति तेज होगी और विकास की प्रक्रिया अधिक समावेशी होगी।
मिजोरम विधानसभा के सदस्यों को मई में मनाए जानेवाले स्वर्ण जयंती समारोह की बधाई देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि देश स्वतंत्र राष्ट्र के रूपमें विकास का 75 वर्ष मना रहा है, मिजोरम विधानसभा के स्वर्ण जयंती समारोह और आजादी का अमृत महोत्सव दोनों भारत की लोकतांत्रिक यात्रा की प्रगति के समारोह हैं। उन्होंने कहाकि पिछले पांच दशक में शांतिपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया, विधानसभा में विधायकों का सम्मानजनक आचरण तथा सतत समावेशी विकास से मिजोरम ने देश की लोकतांत्रिक जड़ों को गहरा बनाया है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि यह प्रसन्नता की बात है कि सर्वाधिक अनुशासन, परिश्रम और शिष्टाचार के साथ सदन का सत्र संचालित किया जाता है। वेंकैया नायडू ने विधायकों से कहाकि उन्होंने वास्तव में जनता के प्रतिनिधि के रूपमें व्यक्त विश्वास, आशा और आकांक्षाओं को ऊपर रखा है और उनको मैं उच्च मानक स्थापित करने केलिए बधाई देता हूं, जिसका अनुसरण राज्य विधानमंडलों और संसद भी कर सकती है।
भारत सरकार, मिजोरम सरकार और मिजो नेशनल फ्रंट केबीच 1986 में हुए ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर की चर्चा करते हुए वेंकैया नायडू ने कहाकि मिजोरम ने संवाद की शक्ति तथा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का रास्ता दिखाया है, जो लोकतंत्र में आवश्यक है। उन्होंने कहाकि इस ऐतिहासिक समझौते ने दो दशक पुरानी अशांति और संघर्ष को समाप्त किया और शांति तथा प्रगति प्रारंभ हुई। उन्होंने कहाकि शांति समझौता एक उदाहरण है, जिसके आधार पर पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य हिस्सों में इसी तरह के शांति समझौते वास्तविकता में बदले हैं। उपराष्ट्रपति ने कहाकि हमारे संविधान निर्माताओं ने अंतिम रूपसे इस सपने को देखा था, संविधान निर्माता लोगों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के प्रति जवाबदेह शासन संचालन और शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक बातचीत के माध्यम से मतभेदों का समाधान चाहते थे।
उपराष्ट्रपति ने कहाकि राज्य सरकार कृषि तथा बागबानी, फूलों की खेती के अतिरिक्त आधारभूत विकास पर फोकस कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अकसर पूर्वोत्तर क्षेत्र की शक्ति और संभावनाओं तथा अपार क्षमता की चर्चा करते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहाकि भारत सरकार की एक्ट ईस्ट नीति के अंतर्गत मिजोरम केंद्रीय स्थान प्राप्त करने केलिए तैयार और यह राज्य दक्षिण पूर्ण एशिया की अर्थव्यवस्थाओं तथा देश के महत्वपूर्ण द्वार के रूपमें सेवा प्रदान करेगा। इस अवसर पर मिजोरम के राज्यपाल डॉ हरिबाबू कम्भमपति, मुख्यमंत्री जोरामथंग, विधानसभा अध्यक्ष लालरिनलियाना सैलो, उपमुख्यमंत्री, विधायक, आयुक्त और विधानसभा के सचिव उपस्थित थे।