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Saturday 12 March 2022 04:29:11 PM
अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अहमदाबाद में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय का एक भवन राष्ट्र को समर्पित करते हुए अपना पहला दीक्षांत भाषण दिया। उन्होंने कहाकि देशभर में रक्षा के क्षेत्र में जो अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहाकि रक्षा क्षेत्र में 21वीं सदी की जो चुनौतियां हैं, उनके अनुकूल हमारी व्यवस्था भी विकसित हो और उन व्यवस्थाओं को संभालने वाले व्यक्तित्व का विकास हो, इसके लिए इस विश्वविद्यालय का जन्म हुआ है। उन्होंने कहाकि दुर्भाग्य से आजादी केबाद हमारे देश में कानून व्यवस्था केलिए जो काम होना चाहिए था, उसमें हम पीछे रह गए, आज भी पुलिस के संदर्भ में जो अवधारणा बनी है, वो ये हैकि इनसे दूर रहो, वहीं सेना केलिए अवधारणा हैकि सेना के लोग आ जाएं तो कोई परेशानी नहीं होती। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज भारत में ऐसी मैन पावर को सुरक्षा के क्षेत्र में लाना जरूरी है, जो सामान्य मानवी के मन में मित्रता और विश्वास की अनुभूति कर सके। उन्होंने कहाकि स्ट्रेस फ्री एक्टिविटी की ट्रेनिंग सुरक्षा क्षेत्र केलिए आवश्यक हो गई है, इसके लिए ट्रेनर्स की आवश्यकता है, ऐसे में राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी इस प्रकार के ट्रेनर भी तैयार कर सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि रक्षा विश्वविद्यालय के माध्यम से हम उस प्रकार से लोगों को तैयार करना चाहते हैं, जो कम संसाधनों में भी चीजों को संभालने का सामर्थ्य रखें, हमें देश की रक्षा केलिए डेडिकेटेड वर्क फोर्स हर स्तर पर तैयार करनी होगी। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर महात्मा गांधी और दांडी मार्च में भाग लेने वाले सभी सत्याग्रहियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहाकि अंग्रेजों के अन्याय के खिलाफ गांधीजी के नेतृत्व में जो आंदोलन चला, उसने अंग्रेजी हुकूमत को हम भारतीयों के सामूहिक सामर्थ्य का एहसास करा दिया था। प्रधानमंत्री ने कहाकि औपनिवेशिककाल के दौरान आंतरिक सुरक्षा की धारणा औपनिवेशिक शासकों केलिए शांति बनाए रखने केलिए जनता में भय पैदा करने पर आधारित थी, इसी तरह पहले का परिदृश्य बहुत अलग था, क्योंकि सुरक्षा बलों के पास तैयारी केलिए अधिक समय था, जो अब नहीं है, क्योंकि प्रौद्योगिकी तथा परिवहन एवं संचार में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने कहाकि गांधीनगर आज शिक्षा की दृष्टि से एक बहुत बड़ा वाइब्रेंट एरिया बनता जा रहा है एक ही इलाके में कई सारी यूनिवर्सिटी और दो यूनिवर्सिटी ऐसी हैं, जो पूरे विश्व में पहली यूनिवर्सिटी है, फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी पूरी दुनिया में कहीं पर नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि आज की पुलिसिंग केलिए बातचीत और अन्य सॉफ्ट स्किल्स जैसे कौशल की आवश्यकता होती है, जो लोकतांत्रिक परिदृश्य में कार्य करने केलिए आवश्यक हैं। उन्होंने पुलिस और सुरक्षाकर्मियों की छवि बदलने की जरूरत पर बल दिया, लोकप्रिय संस्कृति में भी पुलिस का चित्रण इस संबंध में मददगार नहीं है। उन्होंने महामारी के दौरान पुलिस कर्मियों के मानवीय कार्यों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहाकि स्वतंत्रता केबाद देश के सुरक्षा तंत्र में सुधार की आवश्यकता थी, एक धारणा विकसित की गई थीकि हमें वर्दीधारी कर्मियों से सावधान रहना होगा, लेकिन अब यह बदल गया है, जब लोग वर्दीधारी कर्मियों को देखते हैं तो उन्हें मदद का आश्वासन मिलता है। प्रधानमंत्री ने पुलिस कर्मियों केलिए नौकरी के तनाव से निपटने में संयुक्त परिवार के घटते समर्थन केबारे में भी चर्चा की। उन्होंने बलों में योग विशेषज्ञों सहित तनाव से निपटने केलिए विशेषज्ञों और विश्राम की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहाकि देश के सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने केलिए तनाव मुक्त प्रशिक्षण गतिविधियां समय की आवश्यकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा और पुलिसिंग कार्य में प्रौद्योगिकी के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहाकि अगर अपराधी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उन्हें भी पकड़ने केलिए तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहाकि प्रौद्योगिकी पर जोर देने से दिव्यांग लोग भी इस क्षेत्र में योगदान करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहाकि गांधीनगर क्षेत्र में राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, रक्षा विश्वविद्यालय और फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय हैं। उन्होंने इन संबंधित क्षेत्रों में समग्र शिक्षा कायम करने को लेकर नियमित संयुक्त संगोष्ठियों के माध्यम से इन संस्थानों केबीच तालमेल की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहाकि इसे पुलिस यूनिवर्सिटी मानने की गलती कभी न करें, यह एक रक्षा विश्वविद्यालय है, जो देश की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखता है। उन्होंने भीड़ और भीड़ मनोविज्ञान, वार्ता, पोषण और प्रौद्योगिकी जैसे विषयों के महत्व को दोहराया। उन्होंने छात्रों से आग्रह कियाकि वे मानवता के मूल्यों को हमेशा अपनी वर्दी के अभिन्न अंग के रूपमें रखें और अपने प्रयासों में सेवा भावना की कभी कमी नहीं होने दें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा के क्षेत्र में लड़कियों और महिलाओं की बढ़ती संख्या पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहाकि हम रक्षा क्षेत्र में महिलाओं की अधिक भागीदारी देख रहे हैं, विज्ञान हो, शिक्षा हो या सुरक्षा, महिलाएं आगे बढ़कर नेतृत्व कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने संस्थान के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में ऐसे किसी भी संस्थान के पहले बैच की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने गुजरात को फार्मास्युटिकल क्षेत्र में अग्रणी बनाने में गुजरात के पुराने फार्मेसी कॉलेज के योगदान केबारे में बताया, इसी तरह आईआईएम अहमदाबाद ने देश में मजबूत एमबीए शिक्षा प्रणाली के निर्माण का नेतृत्व किया। गौरतलब हैकि राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की स्थापना पुलिस, अपराध संबंधी न्याय और सुधारात्मक प्रशासन के विभिन्न अंगों में उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षित मानव शक्ति की आवश्यकता को पूरा करने केलिए की गई थी। सरकार ने रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय को अपग्रेड करके राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय नाम से एक राष्ट्रीय पुलिस विश्वविद्यालय की स्थापना की, जिसे 2010 में गुजरात सरकार ने स्थापित किया था।
राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय राष्ट्रीय महत्व का संस्थान है, अक्टूबर 2020 से इसका संचालन शुरू किया गया, यह विश्वविद्यालय उद्योग से ज्ञान और संसाधनों का लाभ उठाकर निजी क्षेत्र केसाथ तालमेल विकसित करेगा तथा पुलिस एवं सुरक्षा से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित करेगा। राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय पुलिस विज्ञान और प्रबंधन, आपराधिक कानून और न्याय, साइबर मनोविज्ञान, सूचना प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा, अपराध जांच, रणनीतिक भाषाओं, आंतरिक रक्षा और रणनीति, शारीरिक शिक्षा और खेल, तटीय और समुद्री सुरक्षा जैसे पुलिस और आंतरिक सुरक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में डिप्लोमा से डॉक्टरेट स्तर तक शैक्षणिक पाठ्यक्रम प्रस्तुत करता है। वर्तमान में इन कार्यक्रमों में 18 राज्यों के 822 छात्र नामांकित हैं। कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल और गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।