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Monday 14 March 2022 02:06:17 PM
मुंबई। राष्ट्रीय भारतीय सिनेमा संग्रहालय परिसर में विंटेज कारों और बाइक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। आजादी के अमृत महोत्सव के हिस्से के रूपमें एनएमआईसी ने द विंटेज एंड क्लासिक कार क्लब ऑफ इंडिया के सहयोग से प्रदर्शनी आयोजित की। यह प्रदर्शनी कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए संग्रहालय के बंद होने केबाद एनएमआईसी केलिए अपने दर्शकों का स्वागत करने का एक अवसर भी थी। सिनेप्रेमी और जिज्ञासु सिनेमा प्रशंसक इसके लिए उत्साहित थे। दर्शकों को सिनेमा के समृद्ध अतीत, वर्तमान और भविष्य का जश्न मनाने वाली फिल्मों की स्लेट की सराहना करने का मौका मिलेगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अपर सचिव नीरजा शेखर ने इस अवसर पर कहाकि प्रदर्शनी केलिए 75 विंटेज कारों और बाइक का एक बहुत ही सुंदर संग्रह रखा गया है, यह एक प्रतीक है, जो हमें वर्तमान पीढ़ी को हमारी पिछली पीढ़ियों के देश को आजाद कराने में किए गए संघर्षों और बलिदान केबारे में याद दिलाने में मदद करता है।
अभिनेता अक्षय कुमार और अभिनेत्री कृति सैनन ने भी प्रदर्शनी में शिरकत की। फिल्म प्रभाग के महानिदेशक रविंदर भाकर ने इस अवसर पर संग्रहालय परिसर में एक सेल्फी पॉइंट का उद्घाटन किया। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की अपर सचिव नीरजा शेखर ने कहाकि राष्ट्रीय भारतीय सिनेमा संग्रहालय वर्षों से भारतीय सिनेमा के दिग्गजों के योगदान को दर्शाता है, यह एक ड्रीम प्रोजेक्ट रहा है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में किया था। नीरजा शेखर ने कहाकि महामारी ने संग्रहालय जाने वालों और सिनेमा प्रेमियों को लंबे समय तक एनएमआईसी से दूर रखा है, अब हम यहां लोगों का फिरसे स्वागत करना चाहते हैं। उन्होंने कहाकि संग्रहालय समय-समय पर अपना उन्नयन करना जारी रखेगा और क्षेत्रीय सिनेमा से जुड़े नए-नए प्रदर्शों को जोड़ता रहेगा। उन्होंने कहाकि हमारे सिनेमा की बहुत पुरानी परंपरा है, आजादी से पहले के दौर में भी हमारे देश में 13 भाषाओं में फिल्में बन रही थीं, हम बहुत उत्साहित हैंकि हम एनएमआईसी के माध्यम से अपनी सिनेमाई विरासत और समृद्धि को प्रदर्शित करने में सक्षम हैं।
एनएफडीसी इंडिया के प्रबंध निदेशक और फिल्म प्रभाग के महानिदेशक रविंदर भाकर ने संग्रहालय को अद्वितीय बनाने केबारे में अपने विचार साझा किए। फिल्म प्रभाग के महानिदेशक रविंदर भाकर ने कहाकि आनेवाले दिनों में आप महसूस करेंगे कि एनएमआईसी स्पष्ट रूपसे एक अद्वितीय संग्रहालय बन जाएगा, यह दुनिया के प्रसिद्ध संग्रहालयों के बराबर बनाया गया है और वर्तमान में एशिया में सबसे अच्छा है। उन्होंने कहाकि जो चीज वास्तव में राष्ट्रीय भारतीय सिनेमा संग्रहालय को अद्वितीय बनाती है, वह है इसकी अमूल्य संपदा और कलाकृतियां, यह अपने आपमें एक विशिष्ट संरचना के रूपमें खड़ा है, यह फिल्म निर्माताओं और सामान्य दर्शकों को सशक्त बनाता है और आपको पुरानी यादों में ले जाता है। वीसीसीसीआई के अध्यक्ष नितिन दोसा ने कहाकि उन्हें एनएमआईसी के साथ समुचित सहयोग जारी रखने की उम्मीद है, हम एनएमआईसी के साथ साझेदारी करके सम्मानित और प्रसन्न हैं, हमारे संरक्षण और प्रदर्शन व्यक्तित्व मेल खाते हैं हम सभी ऐतिहासिक रूपसे महत्वपूर्ण वाहनों और संबंधित सामग्रियों का प्रदर्शन करते हैं।
नितिन दोसा ने कहाकि वीसीसीसीआई सावधानीपूर्वक और कुशल ड्राइविंग को प्रोत्साहित करता है और सड़क सुरक्षा के महत्व को स्थापित करना हमारा कर्तव्य है। अभिनेता अक्षय कुमार ने कहाकि सभी को शानदार एनएमआईसी को देखना चाहिए, जो उनके अनुसार लगभग पूजा स्थल की तरह है। उन्होंने कहाकि मैं यहां आकर अभिभूत हूं, वास्तव में एनएमआईसी के साथ जुड़ना एक खुशी की बात है, मैं वर्षों से प्रसिद्ध फिल्मों को देखते हुए बड़ा हुआ हूं और सभीको इस शानदार फिल्म संग्रहालय को आकर देखना चाहिए। अक्षय कुमार ने कहाकि अगर मैं कुछ कह सकता हूं तो इतना कहूंगा कि यह लगभग एक फिल्म निर्माता केलिए पूजा स्थल की तरह है, क्योंकि यहां महान फिल्म निर्माताओं के कार्यों को सम्मानपूर्वक संग्रहित और चित्रित किया गया है। अभिनेत्री कृति सैनन ने संग्रहालय खासकर बच्चों के वर्ग केबारे में बात की। कृति सैनन ने कहाकि मैं संग्रहालय को देखने केबाद बहुत प्रभावित हूं, इसके संग्रह बहुत ही आनंदमय हैं।
कृति सैनन ने कहाकि उन्हें नहीं पता थाकि चंद्रलेखा पहली दक्षिण भारतीय फिल्म थी, जो पूरे भारत में प्रसिद्ध हुई, जिसने दक्षिण भारतीय निर्माताओं को उत्तर भारत में अपनी फिल्मों का विपणन करने केलिए प्रेरित किया, यह 1940 के दशक में भारत में बनी सबसे महंगी फिल्म भी थी। कृति सैनन ने कहाकि बच्चों का सेक्शन फ्लोर मेरा पसंदीदा है, जो गतिविधि आधारित है और बहुत कुछ सीखने लायक है। एनएमआईसी के पास फिल्म वीरा पांड्या कट्टाबोम्मन में शिवाजी गणेशन के पहने गए कवच और फिल्म अदिमाई पेन में एमजी रामचंद्रन के पहने गए लाल कोट सहित कलाकृतियों का एक विशाल संग्रह है। फिल्म निर्माण और वितरण से जुड़े फिल्म संपदा, पुराने उपकरण, पोस्टर, महत्वपूर्ण फिल्मों की प्रतियां, प्रचार पत्रक, ध्वनि ट्रैक, ट्रेलर, पारदर्शिता, पुरानी सिनेमा पत्रिकाएं और आंकड़े भारतीय सिनेमा के इतिहास के कालक्रम में व्यवस्थित तरीके से दर्शाए गए हैं।
राष्ट्रीय भारतीय सिनेमा संग्रहालय को दो भवनों में रखा गया है-नया संग्रहालय भवन और 19वीं शताब्दी का ऐतिहासिक महल गुलशन महल दोनों मुंबई में फिल्म डिवीजन परिसर में हैं। नए संग्रहालय भवन में चार प्रदर्शनी हॉल हैं, जो विषय केंद्रित हैं। गांधी एंड सिनेमा न केवल महात्मा गांधी के जीवन पर बनी फिल्मों को दर्शाता है, बल्कि सिनेमा पर उनके जीवन के गहरे प्रभाव को भी दर्शाता है। चिल्ड्रंस फिल्म स्टूडियो आगंतुकों विशेष रूपसे बच्चों को फिल्म निर्माण के पीछे विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कला से अवगत होने का अवसर प्रदान करता है। एक इंटरैक्टिव प्रारूप में यह सिनेमा बनाने से जुड़े विभिन्न पहलुओं जैसे कैमरा, लाइट, शूटिंग, अभिनय का अनुभव आदि पर व्यावहारिक अनुभव प्रदान करता है। रखे गए प्रदर्शों में क्रोमा स्टूडियो, इमर्सिव एक्सपीरियंस जोन, स्टॉप-मोशन एनिमेशन स्टूडियो, वर्चुअल मेकओवर स्टूडियो आदि शामिल हैं। प्रौद्योगिकी, रचनात्मकता और भारतीय सिनेमा सिल्वर स्क्रीन पर सिनेमैटोग्राफिक प्रभाव पैदा करने केलिए वर्षों से भारतीय फिल्म निर्माताओं द्वारा प्रौद्योगिकी के रचनात्मक उपयोग को प्रदर्शित करता है।
सिनेमा एक्रॉस इंडिया पूरे भारत में जीवंत सिनेमैटोग्राफिक संस्कृति की करिश्माई बहुरूपदर्शक उपस्थिति को प्रदर्शित करता है। गुलशन महल एक एएसआई ग्रेड-II विरासत संरचना है, जिसे एनएमआईसी परियोजना के हिस्से के रूपमें स्थापित किया गया है। यहां मौजूद प्रदर्शन भारतीय सिनेमा के सौ वर्षों से अधिक की यात्रा को दर्शाते हैं। इसे नौ खंडों में विभाजित किया गया है-सिनेमा की उत्पत्ति, भारत में सिनेमा का आगमन, भारतीय मूक फिल्म, ध्वनि की शुरुआत, स्टूडियो युग, द्वितीय विश्व युद्ध का प्रभाव, रचनात्मक अनुनाद, नई लहर और क्षेत्रीय और इससे परे सिनेमा। संग्रहालय मंगलवार से रविवार सुबह 11 बजे से शाम 6 बजे तक जनता केलिए खुला रहता है। काउंटर शाम 5 बजे बंद हो जाता है तथा सोमवार एवं सार्वजनिक अवकाश पर बंद रहता है।