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'कश्मीर में आतंकवाद पर निर्णायक नियंत्रण'

पंडित प्रेमनाथ और श्यामा प्रसाद मुखर्जी का स्वप्न पूरा-गृहमंत्री

'अब देशभर में हुआ करेगी केंद्रीय सुरक्षाबलों की वार्षिक परेड'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 19 March 2022 05:09:26 PM

amit shah inspecting the 83rd raising day parade of the crpf in jammu

जम्मू। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज जम्मू में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के 83वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे, उन्होंने सीआरपीएफ़ की भव्य परेड का निरीक्षण भी किया। गृहमंत्री ने इस अवसर पर कहाकि सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की वार्षिक परेड देश के अलग-अलग हिस्सों में आयोजित की जाएगी, इसका उद्देश्य हैकि देशकी सीमाओं की सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा में लगे सभी सीएपीएफ़ संगठन अलग-अलग हिस्सों में जाकर देशकी जनता केसाथ आत्मीय संबंध बनाएं और देशकी संस्कृति केसाथ घुल-मिलकर अपने आपको सदैव ड्यूटी केलिए समर्पित करें, इसीलिए सीआरपीएफ़ की वार्षिक परेड आज ऐतिहासिक शहर जम्मू में हुई है। अमित शाह ने कहाकि इसी भूमि से पंडित प्रेमनाथ डोगरा और श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर को भारत का अटूट हिस्सा बताते हुए एक देशमें दो प्रधान, दो निशान और दो विधान नहीं चलेंगे आंदोलन किया था। ये पहला अवसर है जब सीआरपीएफ़ अपना स्थापना दिवस दिल्ली से बाहर मना रहा है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में आखिर श्यामाप्रसाद मुखर्जी और पंडित प्रेमनाथ डोगरा दोनों का एक प्रधान एक निशान और एक विधान का स्वप्न पूरा हुआ है। गृहमंत्री ने कहाकि सीआरपीएफ़ की स्थापना से लेकर आजतक 2340 सीआरपीएफ़ जवानों ने बलिदान दिया है। गृहमंत्री ने देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हुए, देश की आंतरिक सुरक्षा करते हुए, नक्सलवाद और आतंकवाद से लड़ते हुए, दंगों से निपटते हुए बलिदान देने वाले सीआरपीएफ़ जवानों को देशकी ओरसे विनम्र श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहाकि आगे जबभी देश का इतिहास लिखा जाएगा तो इन 2340 जवानों का बलिदान स्वर्णाक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने मरणोपरांत सम्मानित जवानों के परिजनों से कहाकि उनके बेटे, पति, भाई की शहादत कभी विफल नहीं जाएगी, देश युगों-युगों तक उनकी शहादत को याद रखेगा। गृहमंत्री ने कहाकि सीआरपीएफ़ ने खुद की चिंता करे बगैर देश एवं देशवासियों की सुरक्षा का विचार किया, जिसे सभी जवान समर्पण केसाथ आगे बढ़ाएंगे। अमित शाह ने कहा कि सीआरपीएफ़ सिर्फ एक सीएपीएफ़ ही नहीं है, बल्कि देश का बच्चा-बच्चा सीआरपीएफ़ के जवानों के समर्पण, बलिदान और त्याग की भावना की सराहना करता है। अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद, कश्मीर में पाक-प्रेरित आतंकवाद उत्तरपूर्व में अशांति फैलाने वाले समूहों से मुकाबले में सीआरपीएफ़ ने बहुत सराहनीय भूमिका निभाई है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि आजही केदिन 1950 में देशके प्रथम गृहमंत्री और लौहपुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल ने सीआरपीएफ़ को ध्वज दिया था, वहांसे शुरू हुआ ये संगठन आज 246 बटालियन और 3,25,000 जवानों के साथ देशका सबसे बड़ा सशस्त्र बल बन गया है, जिसकी विश्वसनीयता का लोहा ना सिर्फ़ देश बल्कि दुनिया के सभी सशस्त्र बल मानते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि सीआरपीएफ़ के स्थापना दिवस पर हम हॉट स्प्रिंग को कैसे भूल सकते हैं, 21 अक्तूबर 1959 को जब चीनी सेना ने हमला किया, सीआरपीएफ़ के जवान बहुत कम संख्या में होनेके बावजूद उनसे भिड़ गए और देशकी एक-एक इंच ज़मीन के लिए वीरता से लड़कर प्राणों का बलिदान दिया और पूरा देश कभीभी उस घटना को नहीं भूल सकता, इसीलिए 21 अक्तूबर को देशके सभी पुलिस बल पुलिस दिवस के रूपमें उससे प्रेरणा लेकर देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए फिरसे अपने आप को समर्पित करते हैं। उन्होंने कहाकि 9 अप्रैल 1965 को कच्छ में सरदार पोस्ट पर जब पाकिस्तानी इन्फ़ेंट्री ब्रिगेड ने हमला किया था, तबभी सीआरपीएफ़ के जवानों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था, ये दोनों घटनाएं देशके इतिहास में स्वर्णाक्षरों से लिखी गईं, इसीलिए 9 अप्रैल को हम शौर्यदिन के रूपमें भी मनाते हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि एक जमाना था जब नक्सलवाद, नॉर्थ ईस्ट थियेटर, कश्मीर में पाकप्रेरित आतंकवाद 1990 के दशक में चरम पर था और हर नागरिक के मनमें चिंता होती थीकि देशका भविष्य क्या होगा, मगर दो दशक मेंही सीआरपीएफ ने इन शक्तियों को समाप्त करके दिखाया है। उन्होंने कहाकि विधानसभा चुनाव हों या लोकसभा चुनाव देश में सबसे बड़ी ड्यूटी का निर्वहन करने वाला कोई सशस्त्र बल है तो वह सीआरपीएफ है। अमित शाह ने उल्लेख कियाकि एक जमाने में देशभर में भीषण दंगे होते थे और रैपिड एक्शन फोर्स की स्थापना केबाद दंगों पर नियंत्रण करने की नई पद्धतियां विकसित की गई हैं, जिनसे आरएएफ ने दंगे कम करने में रैपिड एक्शन फोर्स को सफलता मिली है। रैपिड एक्शन फोर्स ने स्टेट रिज़र्व पुलिस को भी प्रशिक्षित करने का अभियान चलाया, रैपिड एक्शन फोर्स और स्टेट रिज़र्व पुलिस साथ मिलकर काम करते हैं, जिसके बहुत अच्छे परिणाम मिले हैं। गृहमंत्री ने कहाकि यह आजादी के अमृत महोत्सव का वर्ष है और प्रधानमंत्री ने देशकी जनता के सामने लक्ष्य रखा है कि आजादी की शताब्दी में दुनिया में हर क्षेत्रमें भारत प्रमुख स्थान पर हो। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ भी आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में एक रोडमैप को आत्मसात करने की रणनीति बनाकर अपने को सबसे आधुनिक, सक्षम और प्रभावी सशस्त्र बल बनाए।
अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहाकि जम्मू कश्मीर में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है और वहां लोकतंत्र को गांवतक पहुंचाने की शुरुआत हुई है, वहां 30000 से ज्यादा जनप्रतिनिधि लोकतंत्र का हिस्सा बने हैं और हर गांव में पंच और सरपंच अपने गांव को विकास के रास्ते पर ले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि धारा 370 हटाने के कारण दलितों, पिछड़े वर्ग, महिलाओं और पहाड़ी लोगों को जो विकास की प्रक्रिया से कटे हुए थे, नए कानूनों के तहत इन सबको समाहित करते हुए सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी विकास की शुरुआत हुई है। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहाकि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर एक निर्णायक नियंत्रण हासिल करने में सशस्त्र बलों को सबसे बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने कहाकि वहां औद्योगिक विकास भी हुआ है और 33,000 करोड़ रूपए से ज्यादा के निवेश हुआ है, वहां प्रधानमंत्री पैकेज के सारे पहलुओं को पूर्ण करने केलिए तेजगति से काम हो रहा है। उन्होंने कहाकि जम्मू-कश्मीर में हरघर जल और बिजली पहुंचाना, कोरोना के ख़िलाफ़ सफलता, हरघर शौचालय, हरघर में आयुष्मान भारत कार्ड, जैसी सारी योजनाओं में शत-प्रतिशत सफलता हासिल हुई है।
उन्होंने कहा कि कश्मीर में सड़क निर्माण में सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 5 साल में सबसे तेज रफ्तार के साथ काम हुआ है, नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे, गांव को जोड़ने वाले छोटे-छोटे रास्ते, हरक्षेत्र में रिकॉर्ड काम हुआ है। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 7 नए मेडिकल कॉलेज बने हैं, दो एम्स बने हैं, 21 जलविद्युत योजनाओं को शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहाकि आजादी के बाद पहली बार भ्रष्टाचार के विरोध में यहां दो प्रकार से एक बहुत बड़ा अभियान से चलाया गया है, भ्रष्ट लोगों को नसीहत देने का अभियान और प्रशासन से भ्रष्टाचार कैसे ख़त्म हो, इसके लिए भी एक बहुत बड़ा बदलाव जम्मू कश्मीर प्रशासन ने किया है। अमित शाह ने सीआरपीएफ से कहाकि वह आंतरिक सुरक्षा और देश की सुरक्षा केलिए अपने ऐतिहासिक रिकॉर्ड को तेजस्विता के साथ और आगे बढ़ाने का संकल्प करे। समारोह में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और केंद्रीय गृहसचिव, गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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