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'देशके सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा'

रक्षामंत्री ने किया सीमा सड़क संगठन पर्यटन पोर्टल का उद्घाटन

सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी विकास में बीआरओ का योगदान सराहा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 25 March 2022 02:05:54 PM

raksha mantri inaugurates bro tourism website to promote tourism in border areas

नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में सीमा सड़क संगठन पर्यटन पोर्टल का उद्घाटन किया और कहाकि यूजर के अनुकूल इस पोर्टल का उद्देश्य बीआरओ की निर्मित्त सड़क अवसंरचना परियोजनाओं केलिए निर्देशित पर्यटन की ई-बुकिंग की सुविधा प्रदान करना है। उन्होंने बतायाकि आरंभिक चरण में पोर्टल के माध्यम से अटल सुरंग, रोहतांग के निर्देशित पर्यटन केलिए केवल ई-बुकिंग की उपलब्ध होगी, शीघ्र ही लद्दाख, जम्मू एवं कश्मीर, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश आदि में अवसंरचना परियोजनाओं को निर्देशित पर्यटन में शामिल कर लिया जाएगा। रक्षामंत्री ने कहाकि उमलिंग ला दर्रा में विश्व की सबसे ऊंची मोटर चलाने योग्य सड़क, अत्याधुनिक सेला बाई-लेन सुरंग तथा नेचिफु सुरंग उन परियोजनाओं में शामिल हैं, जिन्‍हें इसमें सम्मिलित किया जाएगा।
सीमा सड़क महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने इस अवसर पर पोर्टल से पहला टिकट रक्षामंत्री को प्रस्तुत किया। राजनाथ सिंह ने पोर्टल के विकास में बीआरओ के प्रयासों की सराहना की और विश्वास जताया कि यह दूरदराज के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देनेमें दीर्घकालिक रूपसे सहायक होगा। पोर्टल में बीआरओ, सीमावर्ती राज्यों में इसके निष्पादित कार्यों की प्रकृत तथा सामने आनेवाली चुनौतियों के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने के अतिरिक्त पर्यटन गंतव्यों, स्थानीय वनस्पतियों और जीवों के चित्र-वीडियो गैलरी शामिल हैं। इसमें सिविल इंजीनियरिंग के क्षत्र में काम करने वालों विशेष रूपसे छात्रों तथा शिक्षाविदों केलिए निर्माण से संबंधित तकनीकी सूचना भी प्रदान की गई है। रक्षामंत्री ने कहाकि आनेवाले दिनों में यह बीआरओ की निष्पादित परियोजनाओं के इतिहास तथा महत्व केबारे में सूचना का सबसे सुगम, भरोसेमंद स्रोत बन जाएगा तथा आगामी परियोजनाओं के बारे में भी झलक उपलब्ध कराएगा।
रक्षामंत्री ने इन क्षेत्रों में पर्यटन को प्रोत्साहित करने में अतुलनीय भूमिका निभाने केलिए बीआरओ की सराहना की और कहाकि अटल सुरंग के निर्माण केबाद उस क्षेत्र में पर्यटकों की संख्या छह गुनी बढ़ गई। उन्होंने दूरदराज के क्षेत्रों में 75 स्थानों पर बीआरओ कैफे की स्थापना के बारे में विशेष उल्लेख किया और विश्वास व्यक्त कियाकि ये कैफे यात्रियों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेंगे, दूरदराज के क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देंगे तथा स्थानीय अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाएंगे। राजनाथ सिंह ने पिछले छह दशक के दौरान 60,000 किलोमीटर से अधिक सड़कों, 850 प्रमुख पुलों, 19 एयरस्ट्रिप्स तथा चार सुरंगों के निर्माण और इस प्रकार सुदूर तथा दुर्गम क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास के जरिए राष्ट्र निर्माण में अहम भूमिका निभाने केलिए भी सराहना की। उन्होंने राष्ट्र के विकास में कनेक्टिविटी, बुनियादी ढांचे के महत्व पर जोर दिया और कहाकि सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़कें, सेतु तथा सुरंगे सशस्त्र बलों की आवश्यकता की पूर्ति करने के अतिरिक्त क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास सुनिश्चित करने में केंद्रीय भूमिका निभाती हैं।
राजनाथ सिंह ने कहाकि पहले सीमावर्ती क्षेत्र में बुनियादी ढांचे का विकास कभी भी प्राथमिकता नहीं रही और यह डर रहाकि कठिन समय में हमारे विरोधी इसका दुरूपयोग कर सकते हैं, हमने पूरी तरह इस दृष्टिकोण को बदल दिया है, किसी भी क्षेत्र के बुनियादी ढांचे का विकास राष्ट्र के विकास तथा वैश्विक स्थिति से भी जुड़ा हुआ है, बदलते समय में सभी क्षेत्र विकास के पथ पर आगे बढ़ते हैं। उन्होंने कहाकि हम सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास सुनिश्चित करने केलिए भी प्रतिबद्ध हैं, बीआरओ के पूंजीगत बजट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी की हाल की घोषणा फिरसे इस प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है। रक्षामंत्री ने इस तथ्य की सराहना की कि दूर-दराज के क्षेत्र अब प्रवासी लोग वापस अपने घरों की तरफ लौटने लगे हैं, जिन लोगों ने पहले रोज़गार, शिक्षा तथा बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की खोज में अपने गांवों को छोड़ दिया था, अब इन क्षेत्रों में विकास होता देख वापस लौटने लगे हैं। उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के हुरी गांव की चर्चा की, जिसके निवासी बीआरओ के जिला मुख्यालय से संपर्क सुनिश्चित किए जाने केबाद वापस लौट आए। उन्होंने कहाकि अटल सुरंग तथा उमलिंग ला दर्रा बीआरओ की सबसे बड़ी उपलब्धियां हैं, जिन्होंने भारत को विश्व के मानचित्र पर ला खड़ा किया है।
रक्षामंत्री ने कहाकि बीआरओ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की दिशा में प्रयास कर रहा है। रक्षामंत्री ने कहाकि पर्यटन और यात्रा उद्योग विश्व में सबसे बड़े रोज़गार प्रदाताओं तथा संपत्ति सुजनकर्ताओं में से एक हैं और सरकार ने देश में पर्यटन को बढ़ावा देने केलिए कई कदम उठाए हैं, अतुल्य भारत, एक विरासत को अपनाएं-अपनी धरोहर, अपनी पहचान, स्वदेश दर्शन पूर्वोत्तर से प्यार के साथ, देखो अपना देश तथा उड़ान कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जिनका उद्देश्य देश का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहाकि इन प्रयासों से कनेक्टिविटी बढ़ेगी, सुरक्षा प्रणाली मजबूत होगी, पर्यटन गंतव्य विकसित होंगे तथा रोज़गार अवसरों का सृजन होगा। रक्षा से संबंधित विषयों केसाथ विशेष रूपसे युवाओं के जुड़ने की इच्छा की ओर इंगित करते हुए राजनाथ सिंह ने रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से रक्षा पर्यटन को बढ़ावा देने केलिए एक योजना तैयार करने का आग्रह किया।
रक्षामंत्री ने सुरक्षा और मर्यादा का ध्यान रखते हुए उद्योग, स्टार्ट अप्स तथा पूर्व सैनिकों की सहायता से लोगों केलिए ऐतिहासिक युद्ध क्षेत्रों, युद्ध स्मारकों, प्रशिक्षण अकादमियों या अन्य समान प्रकार के रक्षा प्रतिष्ठानों का दौरा आयोजित करने की संभावना की खोज करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहाकि इससे लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना पैदा होगी, साथही राजस्व भी सृजित होगा। डीजीबीआर लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने उद्घाटन भाषण में कहाकि यह पोर्टल लोगों को आसानी से उन स्थानों की यात्रा करने में सक्षम बनाएगा, जो पर्यटकों तथा शिक्षाविदों के बीच लोकप्रिय हो गए हैं। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएं) संजीव मित्तल तथा रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। बीआरओ कर्मी तथा पर्यटन एवं यात्रा एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में वर्चुअल तरीके से भाग लिया। पोर्टल का लिंक https://marvels.bro.gov.in है।

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