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Wednesday 30 March 2022 02:30:45 PM
नई दिल्ली/ कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीश्री हरिचंद ठाकुर की 211वीं जयंती पर श्रीधाम ठाकुरनगर ठाकुरबाड़ी पश्चिम बंगाल में मतुआ धर्म महामेला-2022 को वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहाकि मार्च 2021 में उन्हें बांग्लादेश के ओराकांदी ठाकुरबाड़ी में श्रीश्री गुरुचंद ठाकुर और महान मतुआ परंपरा को श्रद्धापूर्वक नमन करने का अवसर मिला था। उन्होंने फरवरी 2019 में भी अपनी ठाकुरनगर यात्रा को याद किया। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दियाकि मतुआ धर्म महामेला मतुआ परंपरा को नमन करने का अवसर है, ये उन मूल्यों केप्रति आस्था व्यक्त करने का अवसर है, जिनकी नींव श्रीश्री हरिचंद ठाकुर ने रखी थी, इसे गुरुचंद ठाकुर और बोरो मां ने सशक्त किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि मंत्रिपरिषद में उनके सहयोगी शांतनु ठाकुर के सहयोग से यह महान परंपरा और समृद्ध हो रही है। प्रधानमंत्री ने महामेले को एक भारत-श्रेष्ठ भारत के मूल्यों को सशक्त करने वाला बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि हमारी संस्कृति और सभ्यता इसलिए महान है, क्योंकि इसमें निरंतरता है, प्रवाहमान है, इसमें खुद को सशक्त करने की एक स्वाभाविक प्रवृत्ति है। मतुआ समुदाय के नेताओं के सामाजिक कार्यों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने स्वच्छता, स्वास्थ्य और देश की बेटियों को आत्मविश्वास प्रदान करने केलिए न्यू इंडिया के प्रयासों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब हम समाज के हर क्षेत्र में हमारी बहनों और बेटियों को बेटों केसाथ कंधे से कंधा मिलाकर राष्ट्रनिर्माण में योगदान देते देखते हैं, तब लगता हैकि हम सही मायने में श्रीश्री हरिचंद ठाकुर जैसी महान विभूतियों का सम्मान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि जब सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के आधार पर सरकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाती है, जब सबका प्रयास, राष्ट्र के विकास की शक्ति बनता है, तब हम सर्वसमावेशी समाज के निर्माण की तरफ बढ़ते हैं। श्रीश्री हरिचंद ठाकुर के ईश्वरीय प्रेम के साथ-साथ कर्तव्य पर जोर देने की बात को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने नागरिक जीवन में कर्तव्यों की भूमिका पर भी जोर दिया।
प्रधानमंत्री ने कहाकि हमें कर्तव्यों की इसी भावना को राष्ट्र के विकास का भी आधार बनाना है, हमारा संविधान हमें बहुत सारे अधिकार देता है, उन अधिकारों को हम तभी सुरक्षित रख सकते हैं, जब हम अपने कर्तव्यों को ईमानदारी से निभाएंगे। प्रधानमंत्री ने समाज में हर स्तरपर भ्रष्टाचार को मिटाने केलिए मतुआ समुदाय से जागरुकता फैलाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि अगर कहीं भी किसी का उत्पीड़न हो रहा हो तो वहां ज़रूर आवाज़ उठाएं, ये हमारा समाज केप्रति और राष्ट्र केप्रति कर्तव्य है। प्रधानमंत्री ने कहाकि राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन राजनीतिक विरोध के कारण अगर किसी को हिंसा से डरा-धमकाकर कोई रोकता है तो वह दूसरे के अधिकारों का हनन है, इसलिए हमारा कर्तव्य हैकि हिंसा, अराजकता की मानसिकता अगर समाज में कहीं भी है तो उसका विरोध किया जाए। प्रधानमंत्री ने स्वच्छता, वोकल फॉर लोकल के आह्वान और राष्ट्र प्रथम के मंत्र को भी दोहराया।