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'शिवकुमार स्वामी आधुनिक युग के बसवअन्ना'

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सिद्धगंगा मठ में की पूजा-अर्चना

शिवकुमार स्वामी की 115वीं जयंती और गुरूवंदना समारोह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 1 April 2022 06:04:18 PM

amit shah said that shivakumar swami is the basavanna of the modern era

बेंगलुरु। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के तुमकुर सिद्धगंगा मठ में जाकर पूजा-अर्चना की और परमपावन डॉ श्रीश्रीश्री शिवकुमार स्वामी की 115वीं जयंती एवं गुरूवंदना समारोह में शामिल हुए। गृहमंत्री ने कहाकि हमसब यहां डॉ श्रीश्रीश्री शिव कुमारस्वामी की 115वीं जन्मजयंती पर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने केलिए आए हैं। उन्होंने कहाकि मैं तीसरीबार सिद्धगंगा मठ में आया हूं और हरबार यहां से चेतना, उत्साह और ऊर्जा लेकर गया। गृहमंत्री ने कहाकि हमारा देश बहुत पुरातन देश है और यहां कई तीर्थस्थान, ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ हैं, लेकिन कुछ तीर्थस्थान महान संतों के कर्मों के आधार पर बनते हैं और ये सिद्धगंगा मठ ऐसा ही एक तीर्थस्थान है, जहां श्रीश्रीश्री शिवकुमार स्वामी ने 88 साल तक बसवअन्ना के वचनों को ज़मीन पर उतारने का काम किया और उसके माध्यम से समाज में समभाव, शिक्षा और लोगों को आत्मीय रूपसे भी समृद्ध बनाने का रास्ता प्रशस्त किया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि कोई व्यक्ति अपने जीवन में अपने बारेमें ना सोचकर लोगों, समाज, देश और धर्म केबारे में सोचता है, तब उस व्यक्ति के आसपास एक आभामंडल का निर्माण होता है, वो आभामंडल कई लोगों के जीवन में नया उजाला, शिक्षा का प्रकाश लाने, उनके जीवन को सद्मार्ग पर प्रशस्त करने और धर्म अनुरागी भी बनाने का काम करता है। अमित शाह ने कहाकि श्रीश्रीश्री शिवकुमार स्वामी ने 112 साल की आयु तक और 88 साल इस मठ के पीठाधीश के रूपमें अपना जो आभामंडल बनाया वो ना सिर्फ़ आज, बल्कि अनेक युगों तक देश के लोगों को जीवन कैसे जीना चाहिए प्रेरणा देता रहेगा, इसीलिए अटलजी जब यहां आए थे तो उन्होंने कहा थाकि उत्तर में गंगा और दक्षिण में सिद्धगंगा है, ऐसी मान्यता हैकि गंगा में स्नान करने अनेक जन्मों के पापों का समूल नाश हो जाता है और सिद्धगंगा मठ में आने से ही अनेक जन्मों के पुण्यों की जागृति हो जाती है। गृहमंत्री ने कहाकि सिद्धगंगा बहुत बड़ा तीर्थ है और आज यहां 80,000 वर्गफ़ुट के क्षेत्र में एक फ़ॉर्मेसी कॉलेज के निर्माण का शिलान्यास हुआ है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि यह आध्यात्मिक स्थल एक तपस्वी के तप, कर्मयोगी के कर्म और धार्मिक जीवन जीनेवाले संत के कारण बना है, लगभग 600 साल पुराना यह स्थान अनेक लोगों के जीवन में ऊंचाई और उत्कर्ष लाने का कारण बना है, इसीलिए शिवकुमार स्वामी को आधुनिक युग का बसवअन्ना भी कहा जाता है। गृहमंत्री ने कहाकि 1908 से लेकर 1930 में वे मठ प्रमुख बने और जीवन की अंतिम सांस तक मठ को अनेक लोगों के जीवन के उद्धार का केंद्र बनाया, पक्षपातरहित समभाव के विचार को आगे बढ़ाया और बसवअन्ना के सभी वचनों को ज़मीन पर उतारने का निष्ठापूर्वक प्रयास किया। उन्होंने त्रिविधा दसोह के सिद्धांत को ज़मीन पर उतारा और सालों तक कई लोग इस सिद्धांत को आगे ले जाएं इस प्रकार का कर्म का संदेश दिया। उन्होंने कहाकि कोई अपने वचनों से संदेश देता है, कोई ज्ञान से देता है, लेकिन शिवकुमार स्वामी ने अपने कर्मों से संदेश दिया, जो युगों-युगों तक याद रहने वाला है, अन्न, अक्षर और आश्रय तीनों को इन्होंने चरितार्थ करने का काम किया। अमित शाह ने कहाकि इस मठ में जो भी आता है वो कभी भूखा वापिस नहीं जाता है, ग़रीब बच्चों केलिए यहां शिक्षा और रहने की व्यवस्था है।
अमित शाह ने कहाकि समाज के हर वर्ग के दस हज़ार से ज़्यादा ग़रीब बच्चे अपने जीवन को ज्ञान से प्रकाशित करने का काम इस मठ के तत्वावधान में कर रहे हैं। अमित शाह ने कहाकि अन्न, अक्षर और आश्रय तीनों सिद्धांत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने भी ज़मीन पर उतारा है। गृहमंत्री ने कहाकि शिवकुमार स्वामी ने शिक्षा के क्षेत्र में जो काम किया, उसमें भी समभाव हैकि हर समाज और जाति के बच्चे यहां पढ़ें और आगे बढ़ें। अमित शाह ने कहाकि उन्हें इस बात की प्रसन्नता हैकि शिवकुमार स्वामी केबाद भी सिद्धगंगा मठ उनके सिद्धांतों को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहाकि कुछ लोग शिवकुमार स्वामी को साक्षात भगवान कहते हैं, कुछ लोग बसवअन्ना का अवतार कहते हैं और कुछ लोग शिवयोगी भी कहते हैं, परंतु मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि 88 साल तक मठ के पीठाधीश के नाते उन्होंने कर्म का जो संदेश दिया है, उस संदेश पर हमसब लोग आगे चलें और पूरे समाज में सुख, समृद्धि, शिक्षा और पोषण का प्रचार करें। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, राज्यमंत्री भगवंत शुबा और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, साधु-संत और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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