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Monday 4 April 2022 12:44:10 PM
मुंबई। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने मुंबई में अल्पसंख्यकों के लिए सिविल सेवा और अन्य सरकारी परीक्षा तैयारियों केलिए आवासीय कोचिंग कार्यक्रम चलाने वाली अंजुमन-ए-इस्लाम की यूपीएससी अकादमी का उद्घाटन किया है। विशेष रूपसे मुस्लिम समुदाय से संबंधित छात्रों और उम्मीदवारों केलिए यह कार्यक्रम समाज के वंचित वर्गों के मुस्लिम छात्रों की सफलता की कहानियों से प्रेरित है। कार्यक्रम अंजुमन-ए-इस्लाम के प्रबंधन ने शुरू किया है और इसे अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में केंद्रीय वक्फ आयोग ने वित्तपोषित किया है। एआईयूपीएससी आवासीय कोचिंग सेंटर अंजुमन-ए-इस्लाम के कालसेकर तकनीकी परिसर न्यू पनवेल मुंबई में खोला गया है, जिसका विज़न देशभर में हज हाउस, जामिया मिलिया, एएमयू और अन्य पेशेवर संस्थानों के स्थापित अन्य कोचिंग केंद्रों के उभरते रुझानों को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रमों के व्यापक सेट को विकसित करना है।
अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहाकि मंत्रालय की बैकअप टू ब्रिलिएंस नीति के कारण बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदायों के युवाओं का सिविल सेवाओं में चयन किया जा रहा है और वे अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सफल हो रहे हैं। उन्होंने कहाकि इस नीति ने जमीनी स्तरपर परिणाम दिखाए हैं, वर्ष 2014 से पहले केंद्र सरकार की नौकरियों में अल्पसंख्यक समुदायों की भागीदारी 5 प्रतिशत से कम थी, जो अब 10 प्रतिशत से अधिक हो गया है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री विरासत का संवर्धन योजना, जो लागू हो गई है, जरूरतमंदों को रोज़गारोन्मुखी कौशल विकास प्रदान करते हुए उनके सामाजिक और आर्थिक एवं शैक्षिक सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहाकि सरकार ने हुनर हाट, सीखो और कमाओ, नई मंजिल नई रोशनी, उस्ताद और ग़रीब नवाज़ स्वरोज़गार योजना जैसे विभिन्न कौशल विकास और रोज़गारोन्मुखी कार्यक्रमों के माध्यम से 8 वर्ष में अल्पसंख्यक समुदाय के लगभग 21.5 लाख लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण और रोज़गार के अवसर प्रदान किए हैं।
मुख्तार अब्बास नक़वी ने बतायाकि प्रगति की यह स्थिति 2014 से पहले अल्पसंख्यक समुदायों के केवल 20,000 लोगों को इस तरह के अवसर मिलने के विपरीत है। उन्होंने बतायाकि 2014 से पहले जहां अल्पसंख्यक समुदाय के केवल 3 करोड़ छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई थी, वहीं अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने पिछले 8 वर्ष में अल्पसंख्यक समुदाय के 5.2 करोड़ छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की है और सरकार के ऐसे प्रयासों से मुस्लिम लड़कियों में स्कूल छोड़ने की दर कम हुई है। उन्होंने कहाकि मुस्लिम लड़कियों में स्कूल छोड़ने की दर, जो पहले 70 प्रतिशत से अधिक थी, अब घटकर 30 प्रतिशत से कम हो गई है और हम इसे 0 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखते हैं। प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत विकास कार्यों केबारे में उन्होंने कहाकि सरकार ने पूरे देश में इसका विस्तार किया है, जो पहले अल्पसंख्यक समुदाय बहुल 90 जिलों तक ही सीमित था। इस अवसर पर अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने संस्थान के शैक्षणिक टॉपर और संकाय के उपलब्धि हासिल करने वालों को भी सम्मानित किया।
मुख्तार अब्बास नक़वी ने बतायाकि 18,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का अल्पसंख्यक क्षेत्रों में निर्माण किया गया है, इनमें स्कूल, कॉलेज, स्मार्ट क्लासरूम, आईटीआई, पॉलिटेक्निक, छात्रावास, कॉमन सर्विस सेंटर, कौशल विकास केंद्र, अस्पताल, पेयजल, स्वच्छता, खेल सुविधाएं, सद्भाव मंडप, हुनर केंद्र आदि शामिल हैं। उन्होंने कहाकि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के बरेली में एक यूनानी मेडिसिन कॉलेज केलिए 200 करोड़ रुपये और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के तीन परिसरों केलिए 300 करोड़ रुपये को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहाकि हमने मदरसों में औपचारिक शिक्षा शुरू कर दी है और मदरसा शिक्षकों को देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में प्रशिक्षित किया जा रहा है, इन परियोजनाओं से न केवल अल्पसंख्यकों, बल्कि अन्य जरूरतमंद वर्गों को भी लाभ हुआ है। उन्होंने बताया कि 100 प्रतिशत ऑनलाइन हज प्रक्रिया, केवल मेहरम केसाथ हज करने वाली मुस्लिम महिलाओं पर प्रतिबंध हटाना, हज सब्सिडी को हटाने केबाद भी किफायती हजयात्रा, वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण, जीआईएस/ जीपीएस मैपिंग और वक्फ संपत्तियों पर विकास परियोजनाएं अन्य महत्वपूर्ण सुधार हैं, जो सरकार ने किए हैं।
मुख्तार अब्बास नक़वी ने कहाकि यह प्रधानमंत्री की गरिमा केसाथ विकास की प्रतिबद्धता है, जिसमें समाज के सभी वर्गों का समावेशी सशक्तिकरण शामिल है। गौरतलब हैकि अंजुमन-ए-इस्लाम की यूपीएससी अकादमी में चयन प्रक्रिया केलिए कुल 1,141 छात्रों ने आवेदन किया था। परीक्षा में शामिल 760 छात्रों में से पहली सूची में इंटर-से-मेरिट के आधार पर पहले 50 छात्रों का चयन किया गया। मॉड्यूल-वार कोचिंग सत्र 12 जुलाई 2021 से ऑनलाइन मोड में शुरू हुए। कोविड-19 प्रतिबंध खत्म होने के बाद माता-पिता और उम्मीदवारों की सहमति के आधार पर उन्हें जनवरी 2022 से आवासीय कोचिंग केलिए बुलाया गया था। आवासीय के साथ-साथ ऑनलाइन कोचिंग और प्रारंभिक परीक्षा श्रृंखला चल रही है।