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Monday 4 April 2022 01:07:34 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला ने स्वदेशी रूपसे छह नई और दुर्लभ संदर्भ सामग्रियां विकसित की हैं, जो दुनियाभर में सभी वर्ल्ड एंटी डोपिंग एसोसिएशन (वाडा) से मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाओं में डोपिंग निरोधक विश्लेषण केलिए आवश्यक रसायन का सबसे शुद्धरूप हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च गुवाहाटी और सीएसआईआर-इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन जम्मू के सहयोग से एनडीटीएल ने एक साल से भी कम समय में छह संदर्भ सामग्रियां विकसित की हैं। केंद्रीय युवा कार्य एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने एनडीटीएल की 15वीं शासी निकाय बैठक के दौरान खेल सचिव सुजाता चतुर्वेदी और खेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में संदर्भ सामग्रियों को लॉंच किया।
एनडीटीएल ने इन संदर्भ सामग्रियों के निर्माण के साथ-साथ दुनिया की उन कुछ प्रयोगशालाओं मेंसे एक होने की पहचान प्राप्त की है, जहां ऐसी संदर्भ सामग्रियां विकसित की गई हैं। उपलब्धि के बारेमें खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने उन तीन संस्थानों के वैज्ञानिकों की सराहना की, जिन्होंने इन संदर्भ सामग्री को बनाने केलिए अथक प्रयास किया है। उन्होंने कहाकि ये संदर्भ सामग्री दुनियाभर में आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन वाडा से मान्यताप्राप्त हर प्रयोगशाला में डोपिंग निरोधक विश्लेषण केलिए आवश्यक हैं। खेल मंत्री ने कहाकि भारत स्वयं कनाडा और ऑस्ट्रेलिया से आरएम आयात करता रहा है, हालांकि इस वैज्ञानिक विकास केसाथ भारत ने वास्तव में आत्मनिर्भर भारत की ओर एक कदम बढ़ाया है, जो डोपिंग निरोधक विज्ञान के क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दृष्टिकोण है।
खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहाकि बहुत जल्द हम इन आरएम को अन्य देशों में भी निर्यात करेंगे, इन दुर्लभ संदर्भ सामग्रियों की उपलब्धता से पूरे डोपिंग निरोधक समुदाय को अपनी परीक्षण क्षमताओं को सशक्त करने और दुनियाभर में खेल नीति में निष्पक्ष खेल को बढ़ावा देने केलिए दूसरे देशों केबीच आपसी सहयोग में मदद मिलेगी। खेल मंत्री ने कहाकि पिछले साल इन संदर्भ सामग्रियों केलिए अनुसंधान शुरू हुआ था, जब एनडीटीएल ने 2-3 वर्ष की अवधि में चरणबद्ध तरीके से निषिद्ध पदार्थों की 20 ऐसी संदर्भ सामग्री को स्वदेशी रूपसे संश्लेषित और विकसित करने केलिए दोनों राष्ट्रीय वैज्ञानिक संगठनों केसाथ एक समझौता किया था। उन्होंने कहाकि भारत सरकार के सक्रिय समर्थन और वित्तपोषण के बलपर एनडीटीएल और एनआईपीईआर-जी और सीएसआईआर-आईआईआईएम जम्मू केबीच अनुसंधान एवं विकास संबंधी यह गतिविधियां शुरू की गई हैं।
दुर्लभ डोप परीक्षण सामग्रियों मेंसे तीन-तीन को एनआईपीईआर-गुवाहाटी और सीएसआईआर-आईआईआईएम जम्मू के सहयोग से संश्लेषित किया गया है। पिछले साल भी एनडीटीएल और एनआईपीईआर-गुवाहाटी के वैज्ञानिकों ने 2021 में दो स्वदेशी रूपसे विकसित दुर्लभ संदर्भ सामग्री को संश्लेषित करने में सफलता प्राप्त की थी, जिन्हें वाडा से मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाओं केसाथ लॉंच करके साझा किया गया था। इस संदर्भ सामग्रियों से बेहतर डोपिंग निरोधक परीक्षण सुनिश्चित करना, जो खेल मंत्रालय की प्रतिबद्धता के अनुरूप है और देशमें डोपिंग निरोधक कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यांवयन केसाथ खेल क्षेत्र में निष्पक्षता कायम करना एकमात्र उद्देश्य है।