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रेलवे की संविदाओं में हेरा-फेरी और गिरोहबंदी

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की फर्मों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई

ग्यारह कंपनियों और फर्मों के खिलाफ अंतिम आदेश जारी हुआ

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 5 April 2022 02:57:51 PM

competition commission of india

नई दिल्ली। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने रेलवे की संविदाओं में हेरा-फेरी और गिरोहबंदी करने केलिए कई फर्मों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की है। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने ग्यारह कंपनियों एवं फर्मों के खिलाफ अंतिम आदेश जारी कर दिया है, जिन्हें प्रतिस्पर्धा अधिनियम-2002 (अधिनियम) की धारा 3(1) केसाथ लागू होने योग्य धाराएं 3(3)(ए), 3(3)(बी), 3(3)(सी) और 3(3)(डी) के प्रावधानों का उल्लंघन करने का दोषी पाया है। उल्लेखनीय हैकि यह अधिनियम प्रतिस्पर्धा-निरोधी समझौतों पर प्रतिबंध लगाता है। इस मामले में उत्तर-पश्चिम रेलवे की शिकायत पर मुकद्मा दर्ज किया गया था। सीसीआई ने पाया हैकि इन कंपनियों एवं फर्मों ने रेलवे को हाई परफॉर्मेंस पॉलीमाइड बुशेज़ और सेल्फ लुब्रिकेटिंग पॉलियस्टर रेज़िन बुशेज़ की आपूर्ति करने केलिए गिरोहबंदी की।
जांच में दोषी पाई गईं कंपनियों ने सीधे या परोक्ष रूपसे कीमतों को प्रभावित किया, संविदाएं प्राप्त कीं, आपूर्ति और बाजार पर नियंत्रण किया, बोली में कीमतें मिलकर लगाईं और पूरी बोली प्रक्रिया को तोड़ा-मरोड़ा गया। सीसीआई को इस मामले में जो सबूत मिले हैं, उनमें पक्षों केबीच ई-मेल और व्हॉट्सऐप केजरिए बातचीत, कुछ पक्षकारों का समान या एक सी कीमतें लगाना, कुछ पक्षकारों का एकही आईपी एड्रेस से बोली लगाना आदि शामिल है। सीसीआई के समक्ष इन 11 कंपनियों में से कम जुर्माने वाली चार कंपनियां थीं। अधिनियम की धारा 46 केतहत गिरोहबंदी का कोई सदस्य आयोग के पास जाकर कम जुर्माना लगाने का प्रार्थनापत्र दे सकता है। इसके एवज में उसे आयोग के समक्ष कथित गिरोहबंदी केबारे में पूरी, सच्ची और महत्वपूर्ण जानकारी देनी होती है। सीसीआई ने इसके अलावा इन 11 कंपनियों के 14 व्यक्तियों को उनकी कंपनियों या फर्मों के गैर-प्रतिस्पर्धी आचरण केलिए जिम्मेदार ठहराया है, जो अधिनियम की धारा 48 के प्रावधानों के अनुसार है।
सीसीआई ने कंपनियों एवं फर्मों और उनसे सम्बंधित दोषी व्यक्तियों पर अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करने केलिए औसत कारोबार या आय के मद्देनज़र पांच प्रतिशत की दर से जुर्माना लगाया है। अधिनियम की धारा 46 के प्रावधानों के अनुसार जुर्माने में कटौती का आधार इस प्रकार है- पहले कम जुर्माने वाले दोषी आवेदक और उससे संबंधित व्यक्तियों पर 80 प्रतिशत, दूसरे कम जुर्माने वाले आवेदक और उससे सम्बंधित व्यक्तियों पर 40 प्रतिशत, तीसरे कम जुर्माने वाले आवेदक और उससे संबंधित व्यक्तियों पर 30 प्रतिशत और चौथे कम जुर्माने वाले आवेदक और उससे संबंधित व्यक्तियों पर 20 प्रतिशत। सीसीआई ने पक्षकारों को कुल 1.16 करोड़ रुपये का जुर्माना अदा करने का आदेश दिया है, साथही यह भी आदेश दिया हैकि वे अपना कारोबार बंद रखेंगे। यह आदेश रेफ. केस नंबर 03/2018 में पारित किया गया था। आदेश की प्रति सीसीआई की वेबसाइट www.cci.gov.in. पर उपलब्ध है।

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