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Saturday 9 April 2022 12:06:40 PM
भुवनेश्वर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने ओडिशा तट पर चांदीपुर के एकीकृत परीक्षण रेंज में सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट बूस्टर तकनीक का परीक्षण किया। इस दौरान परीक्षण केलिए इस्तेमाल की गई जटिल मिसाइल प्रणाली में शामिल सभी महत्वपूर्ण घटकों के विश्वसनीय कामकाज का सफलतापूर्वक प्रदर्शन हुआ और मिशन के सभी उद्देश्यों को पूरा किया गया। एसएफडीआर आधारित प्रपल्शन मिसाइलों को सुपरसोनिक गतिसे बहुत लंबी दूरी पर हवाई खतरों को रोकने में सक्षम बनाता है। आईटीआर के तैनात टेलीमेट्री, रडार और इलेक्ट्रोऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम जैसे कई रेंज इंस्ट्रूमेंट्स से प्राप्त किए गए डेटा से इस प्रणाली के सफल प्रदर्शन की पुष्टि हुई है।
सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट बूस्टर तकनीक को हैदराबाद की रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला ने अन्य डीआरडीओ प्रयोगशालाओं जैसे हैदराबाद की अनुसंधान केंद्र इमरत और पुणे की उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला के सहयोग से विकसित किया है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने एसएफडीआर के सफल परीक्षण केलिए डीआरडीओ को बधाई देते हुए इसे देश में विशेष मिसाइल प्रौद्योगिकियों के विकास की दिशा में मील का पत्थर बताया है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव तथा डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने डिजाइन, विकास और परीक्षण में शामिल टीमों की सराहना करते हुए कहाकि एसएफडीआर के सफल परीक्षण केसाथ अब हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की सीमा को बढ़ाया जा सकता है।