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Monday 11 April 2022 05:01:10 PM
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी से मृत लोगों के परिजनों को अनुग्रह सहायता के भुगतान का दावा दायर करने केलिए समय-सीमा निर्धारित करदी है। समय-सीमा पर प्रमुख दिशा-निर्देश इस प्रकार हैं-20 मार्च 2022 से पहले कोविड-19 के कारण हुई मृत्यु के मामले में मुआवजे का दावा दायर करने केलिए 24 मार्च 2022 से साठ दिन की बाह्य समय-सीमा लागू होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 2021 की रिट याचिका (सी) संख्या 539 में विविध आवेदन संख्या 1805 वर्ष 2021 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा कोविड-19 के कारण मृतकों के परिवारों को यथाघोषित अनुग्रह सहायता के भुगतान का दावा दायर करने हेतु लाभार्थियों केलिए अपने आदेश 24 मार्च 2022 के अनुसार इसे तय किया है।
कोविड महामारी में मृतक के परिजन के दावों की जांच एवं कार्रवाई करने केलिए दावे की प्राप्ति की तिथि से तीस दिन की अवधि के भीतर मुआवजे का वास्तविक भुगतान करने का पूर्व आदेश जारी रहेगा, हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश भी दिया हैकि अत्यधिक कठिनाई के मामले में जहां कोई दावेदार निर्धारित समय-सीमा के अंदर आवेदन नहीं कर सकता है तो वह दावेदार शिकायत निवारण समिति के माध्यम से ऐसा कर सकता है, ऐसे दावों पर शिकायत निवारण समिति मामला-दर-मामला आधार पर विचार करेगी और अगर शिकायत निवारण समिति यह पाती हैकि कोई विशेष दावेदार उस निर्धारित समय-सीमा के भीतर दावा नहीं कर सकता है, जो उनके नियंत्रण से बाहर है तो उस मामले में दावे पर गुणदोष के आधार पर विचार किया जा सकता है।
कोविड महामारी में फर्जी दावों के जोखिम को कम से कम करने केलिए 5 प्रतिशत दावा आवेदनों की पहलीबार में रैंडम जांच की जाएगी और अगर यह पाया जाता हैकि किसी व्यक्ति ने फर्जी दावा किया है तो उसपर डीएम अधिनियम 2005 की धारा 52 केतहत विचार करेंगे और तदनुसार फर्जी दावेदार को दंडित किया जा सकता है। भविष्य में कोविड-19 से होने वाली किसी भी मृत्यु केलिए दावा दायर करने केलिए समय-सीमा मृत्यु की तिथि से नब्बे दिन की होगी। गौरतलब हैकि कोविड महामारी में मारे गए लोगों के दावों में बड़ा पेंच है और यहां तक सुना गया हैकि अस्पतालों की सांठगांठ से बड़ी संख्या में कोविड से फर्जी रूपसे मृत केस सामने आ रहे हैं। प्रशासन के सामने इनसे निपटने की बड़ी चुनौती है।