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पर्यटन संस्कृति मंत्रियों का अमृत समागम

'आज़ादी की जंग लड़ने वाले बलिदानियों का महिमामंडन करें'

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का अमृत महोत्सव में देशसे आह्वान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 12 April 2022 06:26:04 PM

amrit samagam of tourism culture ministers in delhi

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में देशके पर्यटन और संस्कृति मंत्रियों के सम्मेलन-अमृत समागम में कहा हैकि शायद एक पीढ़ी केबाद किसीके भाग्य में ऐसा समय आता हैकि हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना सकें। उन्होंने कहाकि हमसब भाग्यशाली हैंकि आज़ादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में हमपर ऐसा कोई ना कोई दायित्व हैकि हम सबको इससे जुड़ने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहाकि आज़ादी के 75 साल कई सारी उपलब्धियों के साल हैं और आज़ादी से लेकर अबतक भारत को वैश्विक मंच पर प्रथम पंक्ति में बिठाने में हम सफल हुए हैं। अमित शाह ने कहाकि विकास केसभी क्षेत्रों में कई कीर्तिमान हमने संयुक्त पुरूषार्थ से रचे हैं, हम अपने इतिहास और संस्कृति कोभी संरक्षित रखने और संवर्धित करने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहाकि आज़ादी के अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशके सामने आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाने की कल्पना रखी थी और ये एक बहुद्देश्यीय अमृत महोत्सव होना चाहिए।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि आज़ादी के अमृत महोत्सव के माध्यम से नई पीढ़ी को 1857 से 1947 तक 90 सालतक आज़ादी की जंग लड़नेवाले लोगों के त्याग, बलिदान और तपस्या की जानकारी मिलनी चाहिए, उनका महिमामंडन होना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने का आह्वान किया, जिसमें उन्होंने कहा हैकि अमृत महोत्सव वर्ष से लेकर आज़ादी के शताब्दी वर्षतक के 25 वर्षके कालखंड को आज़ादी के अमृतकाल के रूपमें मनाएं। गृहमंत्री ने कहाकि ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक, सरकार का हर विभाग विकास का एक लक्ष्य तय करे। गृहमंत्री ने कहाकि 12 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज़ादी के अमृत महोत्सव की शुरूआत भारत की आज़ादी की काशी गांधी आश्रम से की थी, उसके बाद देशके हर कोने में 25000 से ज़्यादा कार्यक्रम हुए हैं, इसी कालखंड में कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर के कारण कठिन समय आया और कई कार्यक्रमों को हाईब्रिड मोड में करना पड़ा, लेकिन अबजब देश कोरोना की गिरफ़्त से बाहर निकल रहा है, तब आज़ादी का अमृत महोत्सव हम जनभागीदारी केसाथ मनाएं।
अमित शाह ने कहाकि हर गांव, तहसील, ज़िला और प्रदेश की हिस्सेदारी आज़ादी के अमृत महोत्सव में हो। अमित शाह ने कहाकि आज़ादी के अमृत महोत्सव को पांच वर्गों में मनाने की कल्पना रखी गई है-फ़्रीडम स्ट्रगल, आइडिया @75, अचीवमेंट्स @75, एक्शन @75 और रिज़ॉल्व @75। उन्होंने कहाकि इन पांच वर्गों में हमें आनेवाले समय की प्लानिंग करनी चाहिए, सभी राज्यों के मंत्रियों और अधिकारियों से आग्रह कियाकि हर गांव और राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाना सुनिश्चित करें, इसमें जितने लोग विशेषकर युवा सम्मिलित होंगे तो शताब्दी वर्षमें देश को विश्व में शीर्ष स्थान पर बिठाने में उनकी ऊर्जा ही काम आएगी, वो अपनेआप संकल्पों की सिद्धि के 25 साल की यात्रा के सहयात्री बन जाएंगे और देशको उपलब्धियों की ओर ले जाएंगे। अमित शाह ने कहाकि 25 साल बाद कोई हो ना हो, लेकिन देश तो होगा ही, देश को आगे बढ़ना चाहिए, इस कल्पना केसाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संकल्प यात्रा का विचार किया है, हम सबको पार्टी पॉलिटिक्स से ऊपर उठकर इस संकल्प यात्रा को सफल बनाना चाहिए।
गृहमंत्री ने कहाकि अनेक प्रकार से अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ आज़ादी की लड़ाई लड़ी गईं और 1857 से 1947 का संघर्ष आनेवाली पीढ़ी के मन में फिरसे एकबार जागृत करना है। उन्होंने कहाकि सिर्फ़ इतिहास इसकी जानकारी युवा पीढ़ी को नहीं दे सकता, अनेक घटनाएं और वीरनायकों के चरित्र को उनके मानसपटल पर जीवित करना पड़ेगा, तबवो अपने आपको आज़ादी के संघर्ष केसाथ जोड़ेंगे। अमित शाह ने कहाकि भारत की नई पीढ़ी को आज़ादी और देश केसाथ जोड़ने का ये स्वर्णिम अवसर है, इसीलिए नई पीढ़ी के मन में देशभक्ति का जज़्बा जगाना और उसके आधार पर वो पूरे जीवन देश केलिए काम करता रहे ऐसी नई पीढ़ी का सृजन करने का ये एक बहुत बड़ा मौक़ा है, इसके लिए व्यापक जनभागीदारी केसाथ आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जाए, राष्ट्रगान का कार्यक्रम हो, रंगोली बनाने का कार्यक्रम हो, स्वतंत्रता संग्राम के अनजाने वीरों पर शोध और संकल कार्यक्रम हों, मेरा गांव, मेरी धरोहर कार्यक्रम हो, देशमें 6.5 लाख वर्चुअल संग्रहालय बनाने का जो हमारा कार्यक्रम है, इसके साथ देशभर के ज़िलों को भी जोड़ना होगा।
अमित शाह ने कहाकि प्रधानमंत्री को पोस्टकार्ड लिखे गए, स्वतंत्रता स्वर जिसमें ब्रिटिश प्रतिबंधित कविताओं का संकलन हुआ, वंदे भारत नृत्य उत्सव हुआ, 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का स्मरण कार्यक्रम हुआ, इन सारे कार्यक्रमों ने चेतना तो जागृत कीही है, लेकिन आजसे लेकर कार्यक्रम की समाप्ति तक हमें जनजागृति और जनता की भागीदारी दोनों बढ़ाने केलिए आगे काम करना होगा। अमित शाह ने कहाकि एक वर्षमें 25000 कार्यक्रम हुए, लेकिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 7200 कार्यक्रम हुए, यह संख्या बढ़ानी पड़ेगी और संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण से आजादी के अमृत महोत्सव को हमें सफल बनाना होगा। गृहमंत्री ने कहाकि आनेवाले दिनों में हरघर झंडा, अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस, डिजिटल जिला रिपॉजिटरी, स्वतंत्र स्वर और मेरा गांव, मेरी धरोहर ये सारे कार्यक्रम जनभागीदारी को सुनिश्चित करनेवाले हैं। अमित शाह ने कहाकि हर घर झंडा कार्यक्रम राज्य सरकारों, पंचायत, नगरनिगम, जिला पंचायत, तहसील पंचायत की सहभागिता एवं हर स्कूल की हिस्सेदारी के बिना यह सफल नहीं हो सकता हमें इसे आगे बढ़ाना होगा।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि मैं मानता हूंकि ऐसा करनेसे एक अद्भुत राष्ट्रभक्ति की चेतना जागृत होगी और हमारी नई पीढ़ी इसके साथ जुड़ेगी, इस प्रकारके कार्यक्रमों से हमें बहुत फायदा होगा। अमित शाह ने कहाकि स्वतंत्रता संग्राम में पत्रकारिता के माध्यम सेभी बहुत सारे लोगों ने देशसेवा की है। अमित शाह ने कहाकि पत्रकारिता के विद्यार्थियों को आजादी में पत्रकारिता की भूमिका विषय पर अगर हम जोड़ते हैं तो बहुत काम हो सकता है। उन्होंने कहाकि नाट्य और संगीत में रुचि रखने वाले लोगों एवं फाइनआर्ट्स के विद्यार्थियों को भी इनमें सहभागी बनाना चाहिए, एक नई चेतना की जागृति होगी। उन्होंने यहां मौजूद राज्यों के संस्कृति और पर्यटन मंत्री से कहाकि आजादी का अमृत महोत्सव, अमृतकाल और शताब्दी का समय, भारत को महान दुनिया में सर्वोच्च स्थान पर बिठाने और विश्वगुरु बनाने का समय है। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन एवं उत्तरपूर्व मामलों के मंत्री जी किशन रेड्डी, संसदीयकार्य और संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल, विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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