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Wednesday 13 April 2022 03:39:33 PM
ईटानगर। केंद्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू केसाथ पूर्वोत्तर भारत में हवाई अड्डों और एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड्स को जोड़ने की योजना केतहत पहली मेड इन इंडिया उड़ान डॉर्नियर डीओ-228 को झंडी दिखाकर रवाना किया। नागर विमानन मंत्री ने इस अवसर पर कहाकि केंद्र सरकार नागर विमानन इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार और विकास केलिए पूर्वोत्तर में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। उन्होंने कहाकि पिछले 70 वर्षमें 74 हवाई अड्डे विकसित किए गए थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में पिछले 7 साल में हमने 66 नए हवाई अड्डों का निर्माण किया है और देशमें हवाई अड्डों की कुल संख्या 140 हो गई है, पूर्वोत्तर में इससे पहले 9 हवाई अड्डे परिचालन में थे, लेकिन यहां पिछले 7 साल में 15 हवाई अड्डे स्थापित हो चुके हैं। उन्होंने कहाकि इस उड़ान का संचालन असम के डिब्रूगढ़ से अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट और आखिरमें असम के लीलाबारी केलिए होगा।
पूर्वोत्तर में नागरिक विमानन के विकास की योजनाओं पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि अरुणाचल प्रदेश में छह महीने के भीतर 645.63 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन केसाथ होलोंगी में एक नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का शुभारंभ किया जाएगा। उन्होंने बतायाकि तेजू में हवाई अड्डे के सुधार केलिए 67 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं और काम जारी है। उन्होंने बतायाकि एनईआर में मार्च 2024 तक हवाई संपर्क और हवाई इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार केलिए मंत्रालय ने 500 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन को मंजूरी दी है, इसमेसे 227 करोड़ रुपये से अरुणाचल प्रदेश में एएलजी और हवाई संपर्क का विकास किया जाना है, जो कुल बजट का 50 प्रतिशत है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि इंफाल में 499 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन केसाथ व्यापक सुधार किया जाएगा, जहां एक नया इंटीग्रेटेड टर्मिनल भवन का निर्माण, उससे जुड़े कार्य किए जाएंगे। उन्होंने कहाकि 438.28 करोड़ रुपये के बजटीय समर्थन से अगरतला हवाई अड्डे पर एक नया एकीकृत टर्मिनल भवन हाल में पूरा कर दिया गया है, इसके अतिरिक्त अगरतला हवाई अड्डे पर 120 करोड़ रुपये की धनराशि रनवे, टैक्सीवे और एप्रोन के विकास पर व्यय की जाएगी।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बतायाकि असम के डिब्रूगढ़ में 55.54 करोड़ रुपये के आवंटन केसाथ हवाई अड्डे के रनवे की री-कारपेटिंग का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहाकि हवाई अड्डा इंफ्रास्ट्रक्चर में इन सभी विकास कार्यों केसाथ एनईआर में हवाई संपर्क में काफी सुधार होने जा रहा है। उन्होंने कहाकि उड़ान योजना केतहत 18 हवाई पट्टियों, हेलीपोर्ट्स एवं हेलीपैड्स, वाटर एयरोड्रम्स का काम भी सौंप दिया गया है और एनईआर में लगभग 182 करोड़ रुपये के बजटीय आवंटन केसाथ विकास कार्य किए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहाकि उड़ान योजना केतहत 415 रूट परिचालन में आ चुके हैं और इससे 91 लाख लोगों को लाभ हुआ है, इसके तहत 1 लाख 75 हजार उड़ानें संचालित हो चुकी हैं। विमानन टरबाइन ईंधन पर वैट में कटौती के संबंध में केंद्रीय मंत्री ने कहाकि मुख्यमंत्री पेमा खांडू केसाथ वर्चुअल बैठक केबाद अरुणाचल प्रदेश सरकार ने एटीएफ पर वैट 20 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत कर दिया है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास का न सिर्फ सामरिक महत्व है, बल्कि यह क्षेत्र भारत की विकासगाथा का एक हिस्सा है, एनईआर में कनेक्टिविटी बहुत आवश्यक है और कई स्थानों पर हवाई परिवहन लोगों तथा कार्गो की आवाजाही केलिए जीवनरेखा के समान है। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहाकि क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़े देश का आम नागरिक केतहत नागर विमानन मंत्रालय ने एनईआर की प्राथमिक क्षेत्र के रूपमें पहचान की है, इससे एनईआर के भीतर और बाहर संपर्क को बढ़ाने में सहायता मिली है, इस संबंधमें नए हवाई अड्डों का विकास हो रहा है और पुराने हवाई अड्डों का सुधार हो रहा है। उन्होंने कहाकि दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों को देखते हुए उड़ान योजना के तहत संपर्क केलिए हेलिकॉप्टर संचालन पर ध्यान केंद्रित किया गया है और नागर विमानन मंत्रालय के किएगए इन व्यापक नागरिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकास से एनईआर में पर्यटन, रोमांचक खेलों और आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा।
गौरतलब हैकि सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी अलायंस एयर ने भारत में निर्मित डोर्नियर एयरक्राफ्ट के संचालन केलिए रक्षा मंत्रालय केतहत आनेवाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड केसाथ समझौता किया है। इस विमान को हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट कहा गया है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन केतहत आगे बढ़ाई गई है, इसके साथही अलायंस एयर नागरिक संचालन में भारत में निर्मित विमान उड़ाने वाली पहली व्यावसायिक विमानन कंपनी बन गई है। भारत में निर्मित डीओ-228 की तैनाती चरणबद्ध तरीके सेकी जाएगी, पहले चरणमें दो हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट डिब्रूगढ़ में तैनात किए जाएंगे, जो तेजू पासीघाट और जीरो को जोड़ेंगे। कार्यक्रम के दूसरे चरण में मेचुका, तूतिंग और विजॉयनगर को जोड़ने की योजना है। आगामी 15 दिन में विमानन कंपनी तेजू को जोड़ देगी और उसके बाद 30 दिनके भीतर जीरो केलिए हवाई सेवा शुरू कर दी जाएगी।
केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, अरुणाचल प्रदेश सरकार में मुख्य सचिव नरेश कुमार, अरुणाचल प्रदेश सरकार में नागर विमानन मंत्री नाकोप नालो, अरुणाचल प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री गोरुक पोरदुंग, अरुणाचल से संसद सदस्य रहे तापीर गाओ, नागर विमानन मंत्रालय सचिव राजीव बंसल, अरुणाचल प्रदेश सरकार में सचिव (नागर विमानन) स्वप्निल नायर, एचएएल के सीएमडी आर माधवन, एएआई चेयरमैन संजीव कुमार, संयुक्त सचिव ऊषा पाधी और नागर विमानन मंत्रालय में संयुक्त सचिव अम्बर दुबे, अलायंस एयर के सीएमडी विक्रमदेव दत्त और अरुणाचल प्रदेश, अलायंस एयर, भारतीय वायुसेना और भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के कई अधिकारी भी इस दौरान उपस्थित थे।