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भारत के साइबरस्पेस की कड़ी सुरक्षा-डोभाल

'राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया अभ्यास' का उद्घाटन

भारत में साइबर सुरक्षा डिजिटल परिवर्तन की आधारशिला

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 18 April 2022 04:50:37 PM

tight security of india's cyberspace-doval

नई दिल्ली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत और सचिव डीआरडीओ डॉ सतीश रेड्डी केसाथ आज ऑनलाइन रूपसे 'राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया अभ्यास' का उद्घाटन किया। राष्ट्रीय साइबर अभ्यास 29 अप्रैल तक एक हाइब्रिड अभ्यास के रूपमें आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य सरकार एवं महत्वपूर्ण क्षेत्र के संगठनों, एजेंसियों के वरिष्ठ प्रबंधन और तकनीकी कर्मियों को समकालीन साइबर खतरों और प्रबंधन पर प्रशिक्षित करना है। अजीत डोभाल ने इस अवसर पर मुख्य भाषण में देश में हो रही डिजिटल क्रांति और सरकार द्वारा बड़ी संख्या में डिजिटल सेवाओं के शुभारंभ पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि साइबर सुरक्षा किसीभी सफल डिजिटल परिवर्तन की आधारशिला है, साइबरस्पेस में कोईभी खतरा सीधे तौरपर हमारी सामाजिक, आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है, इसलिए हमें अपने साइबरस्पेस की सुरक्षा करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहाकि भारत सरकार साइबर सुरक्षा में क्षमता निर्माण और कौशल बढ़ाने केलिए विभिन्न कदम उठा रही है। गौरतलब हैकि साइबर घटनाएं और प्रतिक्रिया कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय कर रहा है और इसे भारत के डेटा सुरक्षा परिषद के सहयोग से ज्ञान भागीदार के रूपमें और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन का समर्थन है। प्रशिक्षण केलिए मंच साइबरएक्सर टेक्नोलॉजीज ने प्रदान किया है, जो एक एस्टोनियाई साइबर सुरक्षा कंपनी है, जिसे विश्वस्तर पर कई बड़े साइबर अभ्यास आयोजित करने केलिए मान्यता प्राप्त है। प्रशिक्षण सत्र, लाइव फायर और सामरिक अभ्यास के माध्यम से 140 से अधिक अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रतिभागियों को विभिन्न प्रमुख साइबर सुरक्षा क्षेत्रों जैसे घुसपैठ का पता लगाने की तकनीक, मैलवेयर सूचना साझाकरण प्लेटफॉर्म, भेद्यता प्रबंधन और प्रवेश परीक्षण, नेटवर्क प्रोटोकॉल और डेटा प्रवाह, डिजिटल फोरेंसिक आदि पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
राष्ट्रीय साइबर अभ्यास रणनीतिक नेताओं को साइबर खतरों को बेहतर ढंग से समझने, तैयारी का आकलन करने और साइबर संकट प्रबंधन और सहयोग केलिए कौशल विकसित करने में मदद करेगा। यह साइबर सुरक्षा कौशल, टीम वर्क, योजना, संचार, महत्वपूर्ण सोच और निर्णय लेने के विकास और परीक्षण में भी मदद करेगा। राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत ने भारतीय साइबर स्पेस के महत्व और इसे नागरिकों, व्यवसायों, सरकारों केलिए सुरक्षित और सुरक्षित रखने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने दुनिया और देशमें हो रहे रैंसमवेयर और आपूर्ति श्रृंखला हमलों में वृद्धि केबारे में बात की। उन्होंने कहाकि इन हमलों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने केलिए सभी संगठनों केबीच तालमेल हासिल करना बहुत महत्वपूर्ण था। उन्होंने ऑयल इंडिया लिमिटेड पर हाल के रैंसमवेयर हमले और वैश्विक परिदृश्य में साइबर युद्ध के महत्व पर भी प्रकाश डाला।

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