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एनआईए मुस्तैद और दक्ष है-गृहमंत्री

दिल्ली में एनआईए का 13वां स्थापना दिवस समारोह

एनआईए को दोषसिद्धि में बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है

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Thursday 21 April 2022 06:04:40 PM

home minister amit shah, nia's 13th raising day celebrations in delhi

नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए के 13वें स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूपमें शामिल हुए और उत्कृष्ट सेवाओं केलिए एनआईए अधिकारियों को पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया। समारोह में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा और निशीथ प्रमाणिक, राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक, दिल्ली पुलिस आयुक्त और एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। गृहमंत्री ने समारोह को संबोधित करते हुए कहाकि आज का दिन राष्ट्रीय जांच एजेंसी के साथ-साथ गृह मंत्रालय केलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि एनआईए आंतरिक सुरक्षा के एक अतिमहत्वपूर्ण क्षेत्र को बड़ी ही मुस्तैदी और दक्षता केसाथ संभाल रहा है और उसे आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहाकि एनआईए को ऐसे अपराधों की जांच करनी होती है, जहां साक्ष्य और प्रमाण मिलने में दिक्कत होती है, लेकिन फिरभी एनआईए ने दोषसिद्धि की जो उपलब्धि हासिल की है, वह देशभर की पुलिस और आतंकवादी विरोधी सभी एजेंसियों केलिए प्रेरणास्रोत है और मैं इसके लिए सम्पूर्ण एनआईए परिवार को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि किसीभी संस्था केलिए 13 साल का कालखंड शिशु अवस्था के समान होता है, लेकिन देश के गृहमंत्री के नाते मै यह निश्चित रूपसे कहता हूंकि एनआईए ने बहुतही अल्प समय में 90 प्रतिशत से अधिक दोषसिद्धि दर केसाथ ‘गोल्ड स्टैंडर्ड’ सेट किए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का टेरर फ्री भारत और शत प्रतिशत जीरो टोलरेंस अगेंस्ट टेररिज्म का जो लक्ष्य है, उसको सिद्ध करने में एनआईए की बहुत बड़ी भूमिका है। गृहमंत्री ने एनआईए को आश्वस्त करते हुए कहाकि एनआईए को जोभी सहायता चाहिए भारत सरकार उसके लिए पूरी तरह कटिबद्ध है। उन्होंने कहाकि हमारा देश विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है और दुनियाभर में हर क्षेत्र में इस प्रकार की स्थिति का निर्माण हुआ हैकि भारत के बिना विश्व के लक्ष्य पूरे नहीं हो सकते, इसलिए यह बहुत जरूरी हैकि भारत की आंतरिक सुरक्षा सुदृढ़ और सुनिश्चित रहे। गृहमंत्री ने कहाकि आतंकवाद किसीभी सभ्य समाज केलिए एक अभिशाप है, दुनियामें अगर इस अभिशाप का सबसे बड़ा किसी ने दर्द झेला है तो वह भारत ने झेला है। उन्होंने कहाकि आतंकवाद से बड़ा मानव अधिकारों का उल्लंघन कुछ और होही नहीं सकता, इसलिए आतंकवाद का समूल नाश मानव अधिकारों की रक्षा केलिए बहुत जरूरी है, एनआईए को दृढ़ निश्चय केसाथ आतंकवाद को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
अमित शाह ने कहाकि एनआईए ने विगत 7 साल में अनेक कठिन क्षेत्रों में बहुत अच्छा काम किया है और जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ना एक बात है, मगर आतंकवाद को जड़ समेत उखाड़ देना दूसरी बात है, अगर उसे उखाड़ कर फेंकना है तो हमें टेरर फंडिंग की उनकी सारी व्यवस्थाओं को ध्वस्त करना पड़ेगा। उन्होंने कहाकि एनआईए ने टेरर फंडिंग के मामले रजिस्टर किए, जम्मू-कश्मीर से आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने की दिशामें बहुत बड़ी सहायता की है, एनआईए की सजगता के कारण आज आतंकवादियों को पैसा मुहैया कराने वाले रास्तों पर नकेल कसी गई है। गृहमंत्री ने कहाकि जम्मू-कश्मीर में एनआईए ने स्लीपर सैल को ध्वस्त करने में बहुत बड़ा काम किया है, एनआईए ने पहलीबार 2018 और 2019 में जो केस रजिस्टर किए, इससे उनके लॉजिस्टिक और हथियारों की सप्लाई दोनों पर एक कठोर आघात हुआ है, जो आतंकवाद की मदद भी करते थे और समाज में सम्मान केसाथ जीते थे, एनआईए ने ऐसे सभी लोगों को अपनी पहचान एक्सपोज करने केलिए मजबूर कर दिया और उन्हें कानून की अदालत में ले जाकर खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहाकि एनआईए ने वामपंथी उग्रवाद और बारूद व रसद मुहैया कराने के मामलों मेभी शुरुआत कीहै और विशेषकर टेरर फंडिंग के साथ-साथ वामपंथी उग्रवादी संगठनों की फंडिंग के मूल तक पहुंचने के कुछ केस एनआईए को दिए गए हैं और आशा हैकि उसे जम्मू-कश्मीर की तरह इसमें भी बड़ी सफलता मिलेगी।
गृहमंत्री ने कहाकि ने एनआईए ने टेरर फंडिंग संबंधित 105 मामले रजिस्टर किए हैं, 876 आरोपियों के खिलाफ 94 चार्जशीट दाखिल कीं, 796 आरोपियों को अरेस्ट किया है और उसमेसे 100 आरोपियों को दोषी भी ठहराया है, यह बहुत बड़ी सिद्धि है। अमित शाह ने कहाकि सरकार का प्रयास हैकि सभी राज्यों की पुलिस और एजेंसियों केसाथ आतंकवाद संबंधी सभी सूचनाओं को साझा करनेमें समन्वय स्थापित किया जाए, आतंकवाद विरोधी कानूनों को मजबूत और पुख्ता बनाया जाए, आतंकवादी विरोधी इंस्टिट्यूशन को ताकत दी जाए और आतंकवादी मामलों में शत-प्रतिशत दोष सिद्धि का लक्ष्य लेकर चलें। उन्होंने कहाकि वर्ष 2000 से 2022 तक देशमें आतंकवादी मामलों का यदि विश्लेषण करें तो ढेर सारी घटनाएं जहन में आती हैं, परंतु कुछ घटनाएं ऐसी होती है, जो व्यवस्था में रिफॉर्म को ट्रिगर करती हैं। उन्होंने कहाकि मुंबई में आतंकवादी हमला एक ऐसीही घटना थी, जिसके बाद राष्ट्रीय एंटी टेरर एजेंसी बनाई गई, कोस्टल सिक्योरिटी केलिए भी प्लान बना, टेरर फाइनेंस पर नकेल कसने केलिए सभी एजेंसियां सजग हुईं, टेरर इंवेस्टिगेशन में भी गुणात्मक सुधार आया है और इंटेलिजेंस व्यवस्थाओं एवं इंटेलिजेंस के सही समयपर सटीक उपयोग केलिए काफी समयबद्ध कार्यक्रम बने हैं। उन्होंने कहाकि देशभर की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने इस बर्बर हमले से सीख लेते हुए आतंकवाद विरोधी अभियान को मजबूत किया है। गृहमंत्री ने कहाकि 2014 से एनआईए के सशक्तिकरण केलिए ढेर सारे काम किएगए हैं, हम चाहते हैंकि एनआईए सशक्त और मजबूत बने और दुनियाभर में आतंकवाद विरोधी एजेंसी के रूपमें एनआईए को स्वीकृति मिले।
अमित शाह ने कहाकि हमने एनआईए एक्ट और यूएपीए एक्ट को मजबूत करने का काम किया है, एक बहुत महत्वपूर्ण संशोधन बिल पायलट किया है, जिसके बाद एनआईए को कई प्रकार के अधिकार मिले हैं, भारत के बाहर किसीभी आतंकवादी हमले में जहां भारतीय हताहत हुआ हो, उस मामले में जांच करने के अधिकार एनआईए को दिए गए हैं और एनआईए को अब अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के रूपमें भी स्वीकृति दिलाने का लक्ष्य लेकर उसे सिद्ध करना चाहिए। उन्होंने कहाकि नए संशोधन में हमने एनआईए को घुसपैठ, विस्फोटक पदार्थ और साइबर अपराध के अधिकार भी दिए हैं, पहले एनआईए को आतंकवादी संगठनों को आतंकवादी संगठन घोषित करने का अधिकार था, अब भारतमें पहलीबार हमने संगठनों के साथ-साथ व्यक्तियों कोभी आतंकवादी घोषित करने का अधिकार एनआईए को दे दिया है और अबतक 36 व्यक्तियों को आतंकवादी घोषित किया गया है, यह एक नए प्रकार की शुरुआत है। अमित शाह ने कहाकि देशकी पुलिस जांच पद्धति में आमूलचूल परिवर्तन होना चाहिए, अब इंवेस्टिगेशन थर्ड डिग्री पर नहीं, बल्कि डेटा और इंफॉर्मेशन की डिग्री पर निर्भर होनी चाहिए, अब डेटाबेस बनाने पड़ेंगे और डिजिटल फॉरेंसिंक मेभी दक्षता हासिल करनी पड़ेगी। उन्होंने कहाकि एनआईए को मादक पदार्थ, हवाला ट्रांजैक्शन, हथियारों की तस्करी, जाली मुद्राएं, बम धमाके, टेरर फंडिंग और टेररिज्म इन सात क्षेत्रों में एक राष्ट्रीय डेटाबेस बनाने का काम दिया गया है और इसकी बहुत अच्छे तरीकेसे शुरुआत भी हो चुकी है।
गृहमंत्री ने कहाकि वे हाल हीमे लोकसभा में एक बिल लेकर गए थे, जिसमें जेलों कोभी इसके साथ जोड़ने का काम किया गया है। अमित शाह ने कहाकि एक मॉडस ओपरेन्डी ब्यूरो बन रहा है, उसमें भी एनआईए को जो नए लड़कों को टेररिज्म केसाथ जोड़ने की मॉडस ओपरेन्डी है, उसकी स्टडी करने में बीपीआरएंडी की मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहाकि जुलाई 2021 में एनआईए के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण केलिए राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद केसाथ करार किया गया है, एनआईए को विश्व की अन्य शक्तिशाली एजेंसियों के समान विकसित करने और उसके पेशेवर कौशल को बढ़ाने केलिए दो विशेषज्ञों के एक सैल की भी स्थापना की गई है। गृहमंत्री ने कहाकि आज़ादी के अमृत महोत्सव में एनआईए को भी अगले 25 साल केलिए अपने लक्ष्य तय करने चाहिएं और उनकी सिद्धि का रोडमैप बना चाहिए। अमित शाह ने कहाकि एनआईए एक राष्ट्रीय एजेंसी है और जबतक इसका इंस्टीट्यूशनलाइजेशन नहीं होगा, व्यवस्थाएं, इंफॉर्मेशन और इंफॉर्मेशन के उपयोग के तरीके संस्थागत नहीं किए जाएंगे, तबतक आगे प्रगति संभव नहीं है। उन्होंने कहाकि सफलता केसों के बारेमें न सोची जाए, बल्कि सफलता को पद्धति में कंवर्ट करें, सफलता व्यक्तियों की सफलता नहीं, बल्कि संस्थागत सफलता होनी चाहिए।

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