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Friday 22 April 2022 01:30:15 PM
नई दिल्ली। भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ और आजादी के अमृत महोत्सव पर डाक विभाग केतहत 100 प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाले निकाय इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने फिनक्लुवेशन-वित्तीय समावेशन केलिए समाधानों के सह-सृजन तथा नवोन्मेषण केलिए फिनटेक स्टार्टअप समुदाय केसाथ सहयोग करने केलिए एक संयुक्त पहल लॉंच की है। रेल, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स तथा आईटी मंत्री अश्वनी वैष्णव ने इस अवसर पर कहाकि फिनक्लुवेशन डाक विभाग और इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक द्वारा आम आदमी केलिए 'आपका बैंक आपके द्वार' के वास्तविक सार को पकड़ने केलिए आयोजित एक पहल है। उन्होंने कहाकि देश ने यूपीआई आधार जैसे वैश्विक रूपसे अग्रणी तकनीकी नवाचारों से फिनटेक स्पेस में लंबी छलांग लगाई है। उन्होंने कहाकि फिनक्लुवेशन इसी दिशामें एक कदम है, वित्तीय समावेशन केलिए लक्षित सार्थक वित्तीय उत्पादों के निर्माण की दिशामें स्टार्टअप समुदाय को प्रोत्साहित करने केलिए एक शक्तिशाली मंच की स्थापना करने की यह उद्योग की प्रथम पहल है। उन्होंने कहाकि आईपीपीबी के बैंकिंग पक्ष के संयोजन केसाथ डीओपी का विश्वसनीय तथा द्वारतक सेवा प्रदान करनेवाला नेटवर्क और स्टार्टअप्स की टेक्नो-फंक्शनल प्रतिभा देश के नागरिकों को बेहतर सेवा उपलब्ध करा सकती है।
संचार राज्यमंत्री देवुसिंह चौहान ने कहाकि फिनक्लुवेशन सहभागी स्टार्टअप्स केसाथ समावेशी वित्तीय समाधानों को सह-सृजित करने केलिए आईपीपीबी का एक स्थायी प्लेटफॉर्म होगा। उन्होंने कहाकि आईपीपीबी तथा डाक विभाग सामूहिक रूपसे निकटवर्ती डाकघर के माध्यम से लगभग 430 मिलियन ग्राहकों को 4,00,000 से अधिक विश्वसनीय तथा सक्षम डाकघर कर्मचारियों और ग्रामीण डाक सेवकों के द्वार उनके द्वारतक सेवा करेंगे और इसे विश्व का सबसे बड़ा और भरोसेमंद डाक नेटवर्क बनाएंगे। फिनक्लुवेशन स्टार्टअप्स को सहभागी बनने, विचार देने, सहज तथा अनुकूल उत्पादों एवं सेवाओं-जिन्हें ग्राहकों तक पहुंचाया जा सकता है का विकास तथा विपणन करने केलिए आमंत्रित करता है। उन्होंने कहाकि स्टार्टअप्स को संयोजित समाधान विकसित करने केलिए प्रोत्साहित किया जा रहा है जैसे-क्रेडिटाइजेशन लक्षित ग्राहकों के उपयोग मामलों केसाथ संयोजित नवोन्मेषी तथा समावेशी क्रेडिट उत्पादों का विकास करना तथा डाक नेटवर्क के माध्यम से उनके द्वार तक पहुंचाना। डिजिटाइजेशन-डिजिटल भुगतान प्रौद्योगिकियों केसाथ पारम्परिक सेवाओं के समन्वयन केजरिए सुविधा प्रदान करना जैसेकि अंतः पारस्परिक बैंकिंग सेवा के रूपमें पारंपरिक मनीऑर्डर सेवा उपलब्ध कराना। बाजार आधारित कोई भी समाधान जो लक्षित ग्राहकों की सेवा करने में आईपीपीबी या डाक विभाग से संबंधित किसी अन्य समस्या का समाधान करने में सहायता कर सकती है।
गौरतलब हैकि पारंपरिक वितरण नेटवर्कों केसाथ जुड़ी वित्तीय सेवाओं केसाथ प्रौद्योगिकी का समन्वयन नए प्रकार के व्यवसाय अवसर उपलब्ध करा रही है। बैंकों द्वारा प्रौद्योगिकी खरीद आधारित उत्पाद सृजन के पारम्परिक मॉडल में उपयोगकर्ता का समुचित अनुभव प्राप्त नहीं हो पाता, जिससे ग्राहक की अपेक्षाओं तथा सेवा प्रदान करनेमें बड़ा अंतराल रह जाता है। पारंपरिक प्रौद्योगिकी कंपनियां उत्पाद सृजन में स्वामित्व की कमी केकारण इन अपेक्षाओं को पूरा करने में विफल रहती हैं। डाक विभाग के सचिव तथा पोस्ट सर्विसेज बोर्ड के अध्यक्ष विनीत पांडेय ने कहा हैकि हमारे नागरिकों की विविध और जटिल आवश्यकताएं होती हैं जिन्हें विचारपूर्ण सोच, बेहतर उत्पाद डिजाइन तथा उपयोगकर्ताओं केबीच त्वरित प्रोटोटाइपिंग की जरूरत होती है। उन्होंने कहाकि फिनक्लुवेशन केसाथ हम भारत केलिए प्रौद्योगिकी आधारित वित्तीय समाधान विकसित करने केलिए सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं का उपयोग करना चाहते हैं। उन्होंने बतायाकि फिनक्लुवेशन स्टार्टअप्स को आईपीपीबी तथा डाक विभाग विशेषज्ञों के साथ समाधान विकसित करने केलिए तथा डाक नेटवर्क और आईपीपीबी की प्रौद्योगिकी क्षमता का उपयोग करते हुए प्रायोगिक परियोजना का संचालन करने केलिए काम करने की अनुमति देगा।
आईपीपीबी के एमडी एवं सीईओ जे वेंकटरामु ने कहाकि फिनक्लुवेशन के जरिए हम एक ऐसे प्लेटफॉर्म का निर्माण करना चाहते हैं, जो स्टार्टअप्स को हमारे साथ सकारात्मक प्रभाव तथा किफायती तरीकेसे वंचित ग्राहकों को उत्पाद उपलब्ध कराने की आवश्यकता की समझ केसाथ काम करने का अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहाकि फिनक्लुवेशन के संरक्षक ग्राहकों की आवश्यकताओं के अनुरूप उत्पादों को ढालने तथा आईपीपीबी और डाक विभाग के प्रचालनगत मॉडलों केसाथ बाजार रणनीतियों के अनुकूल बनाने केलिए स्टार्टअप्स केसाथ घनिष्ठतापूर्वक कार्य करेंगे। ज्ञातव्य हैकि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक की स्थापना संचार मंत्रालय के डाक विभाग केतहत भारत सरकार के स्वामित्व वाली 100% इक्विटी केसाथ की गई थी। आईपीपीबी को 1 सितंबर 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉंच किया था। बैंक की स्थापना भारत में आम आदमी केलिए सबसे सुलभ, किफायती और भरोसेमंद बैंक बनाने की दृष्टिसे की गई है। आईपीपीबी का मूल उद्देश्य बिना बैंक वाले और कम बैंकिंग सुविधा वाले लोगों केलिए बाधाओं को दूर करना है और 160,000 डाकघरों (ग्रामीण क्षेत्रों में 145,000) और 400,000 डाक कर्मचारियों के नेटवर्क का लाभ अंतिम मील तक पहुंचना है।
आईपीपीबी की पहुंच और इसका प्रचालनगत मॉडल सीबीएस-एकीकृत स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से सरल और सुरक्षित तरीके से ग्राहकों के द्वारतक कागजरहित, नकदीरहित और उपस्थितिरहित बैंकिंग को सक्षम करता है। मितव्ययी नवोन्मेषण का लाभ उठाते हुए और आम लोगों केलिए बैंकिंग की सुगमता पर समुचित ध्यान देने केसाथ आईपीपीबी 13 भाषाओं में उपलब्ध सहज ज्ञान युक्त इंटरफेस के माध्यमसे सरल और किफायती बैंकिंग समाधान प्रदान करता है। आईपीपीबी कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और डिजिटल इंडिया के विजन में योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। आईपीपीबी के अनुसार भारत तभी समृद्ध होगा, जब प्रत्येक नागरिक को आर्थिक रूपसे सुरक्षित और सशक्त बनने का समान अवसर प्राप्त होगा, हमारा आदर्श वाक्य है-प्रत्येक ग्राहक महत्वपूर्ण है, प्रत्येक लेन-देन महत्वपूर्ण है और प्रत्येक जमा मूल्यवान है। स्टार्टअप्स फिनक्लुवेशन पेज https://www.ippbonline.com/web/ippb/fincluvation पर आवेदन कर सकते हैं। आईपीपीबी के बारेमें और जानकारी केलिए www.ippbonline.com विजिट करें।