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Saturday 23 April 2022 11:48:15 AM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने तेजीसे बदलती विश्व व्यवस्था से उत्पन्न होरहीं चुनौतियों से निपटने केलिए देशके सभी क्षेत्रों विशेष रूपसे सुरक्षा प्रणाली को लगातार मजबूत करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहाकि प्रत्येक नया खतरा पिछले खतरे से अधिक जटिल और चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है, हमने पश्चिम एशिया, अफगानिस्तान और अब पाकिस्तान मेभी अस्थिरता देखी है, किसी नकिसी तरह इस तरहकी घटनाएं हमारे देश कोभी प्रभावित करती हैं। उन्होंने कहाकि शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने केलिए देशको प्रत्येक क्षेत्रमें तैयार रहने की जरूरत है, भविष्य के नए खतरों और चुनौतियों से निपटने केलिए विध्वंसकारक प्रौद्योगिकी का विकास एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। रक्षामंत्री ने एक कार्यक्रम में डेफकनैक्ट 2.0 केदौरान इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस प्राइम और छठे डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज की शुरूआत करते हुए ये बातें कहीं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहाकि आईडीईएक्स प्राइम का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में लगातार बढ़ते स्टार्ट-अप की मदद केलिए 1.5 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये तककी परियोजनाओं को सहयोग करना है। राजनाथ सिंह ने डेफकनैक्ट 2.0 को देश के बढ़ते तकनीकी कौशल का प्रतीक और भारतीय रक्षा स्टार्ट-अप इकोसिस्टम के निरंतर विकास का उत्सव बताया। उन्होंने कहा कि यह आईडीईएक्स पहल की सफलता का संकेत है जिसने अनेक नई और स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास में मदद की है। रक्षामंत्री ने 38 प्रॉब्लम स्टेटमेंट केसाथ डिस्क 6 कीभी शुरूआत की। रक्षामंत्री ने रक्षा उत्पादन विभाग को आईडीईएक्स पहल केलिए 'इनोवेशन (जनरल)-सेंट्रल' श्रेणी केतहत लोक प्रशासन में उत्कृष्टता केलिए प्रधानमंत्री पुरस्कार 2021 प्राप्त करने केलिए बधाई दी। उन्होंने नवाचारों और तकनीकी विकास को प्रदर्शित करने केलिए स्टार्टअप केलिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करने केलिए आईडीईएक्स की सराहना की।
रक्षामंत्री ने कहाकि आईडीईएक्स ने हमारे विज्ञान और प्रौद्योगिकी पेशेवरों को एआई, ऑगमेंटेड रियलिटी, ब्लॉक-चेन और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों जैसी भविष्य की तकनीकों को समझने का अवसर प्रदान किया है। उन्होंने कहाकि खरीदने का अनुरोध करने के माध्यम से स्टार्ट-अप इकोसिस्टम को भी बढ़ावा दिया गया है और प्रोत्साहित किया गया है। राजनाथ सिंह ने इस तथ्य की सराहना कीकि आईडीईएक्स ने अबतक सफलता प्राप्त करने वाले 100 से अधिक का बाजार में परिचय कराया है, इस प्रकार हजारों कुशल और अकुशल लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार मिला है। उन्होंने आशा व्यक्त कीकि निर्माण उद्यम के आईडीईएक्स विजेताओं का परिचय कराने केसाथ लाखों लोगों को रोज़गार मिलेगा, यह बहुतसे लोगों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रक्षामंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना के अनुसार निजी क्षेत्र, व्यक्तिगत नवोन्मेषकों, स्टार्टअप और एमएसएमई को आत्मनिर्भर भारत के मजबूत स्तंभ बताए।
रक्षामंत्री ने उन्हें नई रक्षा प्रौद्योगिकियों की कल्पना, नवाचार और विकास करने और प्रत्येक में विशिष्टता सुनिश्चित करने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहाकि रक्षा प्रौद्योगिकियां उन प्रौद्योगिकियों मेसे एक हैं, जिनकी उपयोगिता और विशिष्टता समान महत्व रखती है। राजनाथ सिंह ने कहाकि रक्षा प्रौद्योगिकियों की उपयोगिता महत्वपूर्ण है, लेकिन केवल हमारे लिए इसकी उपलब्धता समान महत्व रखती है। उन्होंने कहाकि जैसे-जैसे तकनीक दूसरों तक फैलती जाती है, इसका महत्व खत्म हो जाता है, यदि विशिष्टता खत्म हो जाती है, उस तकनीक का प्रभाव धीरे-धीरे कम हो जाता है, विशिष्टता सुनिश्चित करने पर ध्यान देने केसाथ नई तकनीकों को विकसित करनेकी आवश्यकता है। रक्षामंत्री ने कहाकि सरकार, सशस्त्र बल, निजी क्षेत्र, व्यक्तिगत नवोन्मेषक, स्टार्ट-अप, एमएसएमई और शिक्षाविद मिलकर एक मजबूत बंधन बना सकते हैं और आत्मनिर्भर भारत के साझा उद्देश्य को प्राप्त करने केलिए आगे बढ़ सकते हैं।
राजनाथ सिंह ने घरेलू उद्योग, स्टार्ट-अप और इनोवेटर्स को मजबूत करने, सशस्त्र बलों को नवीनतम उपकरणों से लैस करने और सरकार को आत्मनिर्भर भारत के अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने केलिए सरकार के कई कदमों को सूचीबद्ध किया। इन उपायों में आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने केलिए पूंजीगत खरीद बजट का 68 प्रतिशत घरेलू खरीद केलिए निर्धारित करना, निजी उद्योग और स्टार्ट-अप केलिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25 प्रतिशत आरक्षित करना और 101 वस्तुओं की तीसरी सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची जारी करना शामिल है। उन्होंने कहाकि कई स्टार्ट-अप जल्द ही रक्षा यूनीकॉर्न के रूपमें सामने आएंगे और फॉर्च्यून 500 कंपनियों में जगह बनाएंगे। नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत भी इस अवसर पर मौजूद थे। उन्होंने रक्षा निर्माण को भारत का विनिर्माण केंद्र बनने की कुंजी बताया।
नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी ने कहाकि आईडीईएक्स की उपलब्धियों ने एक बड़ी सफलता की नींव रखी हैकि आनेवाले समय में विनिर्माण भारत में होगा। अमिताभ कांत ने कहाकि भारतीय स्टार्ट-अप केपास अभूतपूर्व ऊर्जा है और वे अन्य चीजों के अलावा रक्षा निर्माण एवं कृषि उत्पादकता में चुनौतियों का सफलतापूर्वक समाधान ढूंढ रहे हैं। उन्होंने कहाकि सरकार का लक्ष्य समस्याओं को हल करने केलिए स्टार्ट-अप की क्षमता का दोहन करना है। उन्होंने इस तथ्य की सराहना कीकि रक्षा निर्माण में महिला उद्यमियों की संख्या बढ़ रही है, जो भारत में नवाचार और अनुसंधान एवं विकास की सीमा को आगे बढ़ाएंगे। रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार ने आईडीईएक्स पहल की सफलता केलिए स्टार्ट-अप को श्रेय दिया। हालांकि उन्होंने इसे केवल एक अंतरिम मील का पत्थर करार दिया, स्टार्ट-अप को घर-निर्मित प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकियों के बराबर लाने केलिए निरंतर प्रयास करने का आह्वान किया।
रक्षा सचिव ने सशस्त्र बलों और डीपीएसयू से स्टार्ट-अप केलिए और चुनौतियों केसाथ आने का आग्रह किया, जो रक्षा इकोसिस्टम को मजबूत कर सकते हैं। उन्होंने आईडीईएक्स को निरंतर समर्थन और उसमें विश्वास रखने केलिए सशस्त्र बलों की सराहना की। इस अवसर पर इनोवेट4डिफेंस इंटर्नशिप का तीसरा संस्करण भी शुरू किया गया, जिसमें पूरे भारत के छात्रों से आवेदन आमंत्रित किए गए। डेफकनैक्ट 2.0 केदौरान एक डीआईओ ई-पुस्तिका और 'रनवे फॉर इनोवेशन' ई-कॉफी टेबल बुक का लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी, थलसेना के उपप्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे, नौसेना उपप्रमुख वाइस एडमिरल एसएन घोरमडे, वायुसेना के उपप्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी, रक्षा मंत्रालय और सैन्य अधिकारी, स्टार्ट-अप के प्रमुख, नवोन्मेषकर्ता उपस्थित थे।