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Saturday 23 April 2022 06:06:58 PM
जगदीशपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज बिहार के जगदीशपुर में बाबू वीरकुंवर सिंह के विजयोत्सव में शामिल हुए और उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके उन्हें नमन किया। गृहमंत्री ने कहाकि बाबू वीरकुंवर सिंह देशभक्ति, वीरता और सामाजिक समरसता के अद्वितीय प्रतीक थे, स्वतंत्रता आंदोलन के ऐसे वीर महानायक थे, जो 80 साल की उम्र मेभी अपने साहस और पराक्रम से विदेशी शासन को बार-बार धुल चटाई। गृहमंत्री ने कहाकि आजादी केलिए जिस साहस एवं समर्पण से उन्होंने विदेशी शासन से लोहा लिया वह चिरकाल तक हमें राष्ट्रसेवा की प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने विजयोत्सव पर बाबू वीरकुंवर सिंह के परिवार की चौथी पीढ़ी के सदस्य ब्रह्मानंद का सम्मान किया और कहाकि नरेंद्र मोदी सरकार स्वतंत्रता आंदोलन के भुला दिए गए वीरनायकों की शौर्यगाथा को जनमानस की स्मृति में पुनर्जीवित करके, उन्हें इतिहास में उचित सम्मान देने हेतु निरंतर सेवारत है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि देशभक्ति का जो ज्वार यहां उमड़ा है, मैने अपने जीवन में आजतक ऐसा कार्यक्रम नहीं देखा, इतिहासकारों ने स्वतंत्रता आंदोलन में बाबू वीरकुंवर सिंह की वीरता और बलिदान को उचित स्थान नहीं दिया, लेकिन आज बिहार की जनता ने इतनी बड़ी संख्या में यहां आकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी है। अमित शाह ने कहाकि ये क्षेत्र विश्वामित्र की जन्मभूमि माना जाता है, प्रभु श्रीराम ने यहीं ताड़का वध किया था, यहींसे उन्हें मिथिला जानेकी प्रेरणा मिली, यही वशिष्ठ नारायण सिंहजी की जन्मभूमि है, यही शिवपूजन सहाय, महान कवि शैलेन्द्र, बिंदेश्वरी दुबे और सहकारिता के पुरोधा तपेश्वर सिंह की भूमि रही है। गृहमंत्री ने कहाकि बिहार जयप्रकाश नारायण, बाबू जगजीवनराम, कर्पूरी ठाकुर, राजेंद्र बाबू, भगवान गौतम बुद्ध और भगवान महावीर की भूमि है। गृहमंत्री ने कहाकि आज जब हम आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे सामने कुछ लक्ष्य रखे हैं, हमारी आज़ादी केलिए जिन्होंने सर्वस्व बलिदान किया, उन्हें युवा पीढ़ी की स्मृति में पुनर्जीवित करके श्रद्धांजलि देना है।
अमित शाह ने कहाकि बाबू वीरकुंवर सिंह बहुत बड़े समाज सुधारक थे, समाज के पिछड़े वर्ग के कल्याण का जो विचार उन्होंने उस समय देश के सामने रखा आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से गरीब, पिछड़े व आदिवासियों के कल्याण के उनके विचार को जमीन पर चरितार्थ करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि नरेंद्र मोदीजी ने कल्पना की हैकि 2047 में पूरी दुनियामें हर क्षेत्रमें भारत शीर्ष पर होना चाहिए और बाबू वीरकुंवर सिंह को यही सच्ची श्रद्धांजलि हो सकती है। अमित शाह ने कहा कि 1857 में हुए आज़ादी के पहले संग्राम को इतिहासकारों ने हमेशा एक विफल विद्रोह कहकर बदनाम करने का प्रयास किया है, वीर सावरकर ने पहलीबार उसे आज़ादी का पहला स्वतंत्रता संग्राम कहकर सम्मानित करने का काम किया। गृहमंत्री ने कहाकि नाना साहब पेशवा, अज़ीमुल्ला ख़ान, बेग़म ज़ीनत महल, रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, वीर कुंवर सिंह जैसे ना जाने कितने लाखों लोगों ने अपनी जान न्योछावर करके अंग्रेज़ों के पैरों के नीचे की ज़मीन हिलाने का काम किया।
गृहमंत्री ने कहाकि बाबू वीरकुंवर सिंह एक अकेले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने 80 साल के होनेके बावजूद आरा और सासाराम से लेकर अयोध्या तक और वहांसे बलिया होते हुए फिरसे आरा तक विजयी पताका फहराई, उनके हाथ में गोली लगने से गैंगरीन होने का डर था और इसीलिए उन्होंने ख़ुद अपना हाथ काटकर गंगा में समर्पित कर दिया था और उन्होंने जब यहां आकर आजादी का झंडा फहराया उसके 3 दिन बाद वे शहीद हुए। गृहमंत्री ने कहाकि वीरकुंवर सिंह ने 1857 और 1858 में बांदा, रीवा, आज़मगढ़, बनारस, बलिया, गाजीपुर, सासाराम, गोरखपुर और अयोध्या तक आजादी की अलख जगाने का काम किया था। विजयोत्सव में केंद्रीय मंत्री आरके सिंह, नित्यानंद राय, अश्विनी कुमार चौबे, राधामोहन सिंह और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।