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Wednesday 27 April 2022 12:57:29 PM
नई दिल्ली। शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय को दुनिया का ज्ञान केंद्र बनाने का आह्वान किया है। उन्होंने इग्नू के 35वें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया और वंचितों तक पहुंचने केलिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने का भी आह्वान किया। धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि इग्नू दीक्षांत समारोह बड़ी आशा और प्रोत्साहन देने वाला है और विश्वविद्यालय ने नवीन शिक्षण अवसरों को प्रतिबिंबित किया है। उन्होंने कहाकि इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले सबसे ग़रीब व्यक्ति तक शिक्षा पहुंचाने केलिए एक आधुनिक शिक्षा संस्थान के रूपमें उभरा है।
शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि 21वीं शताब्दी ज्ञान की सदी है। उन्होंने कहाकि अगर हम भारत को ज्ञान आधारित आर्थिक महाशक्ति के रूपमें स्थापित करना चाहते हैं तो हमें अपने शिक्षा परिदृश्य में एक आदर्श बदलाव सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 हमारी शिक्षा और कौशल के परिदृश्य को रूपांतरित करने की दिशामें बढ़ाया गया एक कदम है। शिक्षामंत्री ने कहाकि प्रौद्योगिकी समानता लानेवाला एक नया कारक है, हमें नवाचार के माध्यम से अपनी जनसंख्या, विशेषकर जो सबसे निचले स्तर पर हैं उनका सशक्तिकरण सुनिश्चित करना चाहिए और यहभी सुनिश्चित करना चाहिए कि शिक्षा की पहुंच वंचितों तकभी हो। उन्होंने बतायाकि डिजिटल विश्वविद्यालय और अन्य ई-शिक्षण पहल इस दिशा में उठाए गए कदम हैं।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि हमें अपनी सभ्यतागत संपदा का उपयोग करना होगा और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के अनुरूप हमारी शिक्षा प्रणाली को अधिक समग्र, सहानुभूतिपूर्ण और वैश्विक कल्याण केलिए बनाने को लेकर हमारी भारतीय ज्ञान प्रणाली में अपार क्षमता भी है। उन्होंने कहाकि प्रौद्योगिकी, नवाचार, इंटरनेट और डिजिटल का लाभ उठाते हुए इग्नू को शिक्षा के दायरे को और अधिक विस्तारित करने, ई-सामाग्री (कंटेंट) संरचना को मजबूत करने एवं विश्व में एक मानक ज्ञान केंद्र के रूपमें सामने आना का प्रयास करना चाहिए। धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि इग्नू को 'ज्ञान के पुनर्जागरण' का नेतृत्व करना है। उन्होंने देश के 32 क्षेत्रीय केंद्रों के उन 2.91 लाख से अधिक मेधावी छात्रों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं, जिन्होंने अपनी डिग्री, डिप्लोमा, प्रमाणपत्र, पीएचडी/ एम फिल एवं स्वर्ण पदक प्राप्त किए हैं।
धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा एवं शिक्षण केक्षेत्र का विस्तार करने और विश्वविद्यालय को 37 साल की शानदार यात्रा में 'जन-जन का विश्वविद्यालय' बनाने केलिए इग्नू के शिक्षकों, कर्मचारियों, पूर्व छात्रों और छात्रों को सराहना की। उन्होंने कहाकि छात्रों के साझा किए गए अनुभव इग्नू के मूल कर्तव्यनिर्देश प्रस्ताव की पुष्टि करते हैं। धर्मेंद्र प्रधान ने कहाकि हमारे विश्वविद्यालयों का उद्देश्य शिक्षा एवं शिक्षण को लचीला बनाने केसाथ शिक्षण केदौरान कमाई को प्रोत्साहित करना होना चाहिए।