स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 29 April 2022 06:24:03 PM
बेंगलुरू/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरू में सेमीकॉन इंडिया सम्मलेन-2022 के उद्घाटन सत्र को वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए खुशी व्यक्त कीकि यह सम्मेलन भारत में हो रहा है और सम्मलेन का उद्देश्य सेमीकंडक्टर, डिस्प्ले विनिर्माण एवं डिजाइन इकोसिस्टम में निवेश करनेवाली कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। उन्होंने कहाकि भारत में तकनीक प्राप्ति और जोखिम लेने की अदम्य इच्छाशक्ति है, हमने एक सहायक नीति वातावरण के माध्यमसे जहांतक संभव हो सका है, सभी बातों को आपके पक्ष में किया है, हमने दिखाया हैकि भारत अपने कार्य और अपने कारोबार केप्रति बहुत गंभीर है। उन्होंने आजकी दुनियाभर में सेमीकंडक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और कहाकि वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के प्रमुख भागीदारों मेसे एकके रूपमें भारत को स्थापित करना हमारा सामूहिक उद्देश्य है और हम हाईटेक, उच्च गुणवत्ता एवं उच्च विश्वसनीयता के सिद्धांत से इस दिशामें काम करना चाहते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि सेमीकंडक्टर यानी अर्धचालक से बने उपकरण विशेष रूपसे सिलिकॉन अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक सर्किट के आवश्यक घटक हैं। उन्होंने भारत को सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों केलिए एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूपमें रेखांकित करने केलिए छह कारणों का वर्णन किया, इनमें पहला कारण-भारत 1.3 बिलियन से अधिक भारतीयों को जोड़ने केलिए एक डिजिटल अवसंरचना तैयार कर रहा है, भारत ने हाल हीमें वित्तीय समावेशन बैंकिंग और डिजिटल भुगतान आदि क्षेत्रों में प्रगति की है, हम डिजिटल तकनीक का उपयोग स्वास्थ्य कल्याण समावेश सशक्तिकरण और शासन केसभी क्षेत्रोंमें जीवन को बदलने केलिए कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि दूसरा कारण-5जी आईओटी और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की क्षमताओं में विकास केसाथ छह लाख गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने जैसे कदमों के जरिए भारत अगली प्रौद्योगिकी क्रांति का नेतृत्व करने का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। तीसरा कारण-भारत दुनिया के सबसे तेजीसे बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम केसाथ मजबूत आर्थिक विकास कीओर आगे बढ़ रहा है, भारत को सेमीकंडक्टर की अपनी खपत 2026 तक 80 बिलियन डॉलर और 2030 तक 110 बिलियन डॉलर पारकर जाने की उम्मीद है। चौथा कारण-भारत ने व्यवसाय में सुगमता को और आसान बनाने केलिए व्यापक सुधार किए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25,000 से अधिक अनुपालन को ख़त्म करने, लाइसेंस के स्वतः नवीनीकरण की ओर आगे बढ़ने, डिजिटलीकरण से नियामक ढांचेमे पारदर्शिता गति एवं दुनियामें सबसे अनुकूल कराधान संरचनाओं मेसे एक जैसे उपायों की जानकारी देते हुए कहाकि पांचवां कारण-21वीं सदी की जरूरतों केलिए युवा भारतीयों के कौशल विकास और प्रशिक्षण में भारी निवेश किया गया है, हमारे पास सेमीकंडक्टर डिजाइन केलिए असाधारण प्रतिभाएं हैं, जो दुनिया के सेमीकंडक्टर डिजाइन इंजीनियरों के 20 प्रतिशत के बराबर हैं, शीर्ष 25 सेमीकंडक्टर डिजाइन कंपनियों मेसे लगभग सभीके हमारे देशमें अपने डिजाइन या आरएंडडी केंद्र हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि छठा कारण-भारत ने विनिर्माण क्षेत्रको बदलने की दिशा में कई उपाय किए हैं, ऐसे समय में जब मानवता महामारी का मुकाबला कर रही थी, भारत न केवल अपने लोगों के स्वास्थ्य में सुधार कर रहा था, बल्कि अपनी अर्थव्यवस्था स्थिति कोभी बेहतर बना रहा था। प्रधानमंत्री ने उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं केबारे में चर्चा की जो 14 प्रमुख क्षेत्रों में 26 बिलियन डॉलर से अधिक की प्रोत्साहन धनराशि की पेशकश करते हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि अगले 5 वर्ष में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्रमें रिकॉर्ड वृद्धि होनेकी उम्मीद है। उन्होंने दर्शकों को हाल हीमें घोषित सेमीकॉंन इंडिया कार्यक्रम के बारेमें भी बताया, जिसकी कुल परिव्यय धनराशि 10 बिलियन डॉलर से अधिक है। प्रधानमंत्री ने सरकारी समर्थन की आवश्यकता को स्वीकार किया और प्रतिनिधियों को व्यवसाय केलिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करने में सरकार के सर्वोत्तम प्रयासों का आश्वासन दिया। उन्होंने कहाकि जब उद्योगजगत कड़ी मेहनत करता है तो सरकार को औरभी कड़ी मेहनत करनी चाहिए। नई विश्व व्यवस्था के निर्माण केबारे में प्रधानमंत्री ने कहाकि हमें उन अवसरों का उपयोग करना चाहिए, जो उभर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने निष्कर्ष के तौरपर कहाकि हमने पिछले कुछ वर्षमें कड़ी मेहनत की है, ताकि विकास को प्रोत्साहित करनेवाले वातावरण का निर्माण किया जा सके। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री, सेमीकंडक्टर उद्योग के प्रतिनिधि, निवेशक, शिक्षाविद, राजनयिक कोर के सदस्य और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।