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Saturday 30 April 2022 12:36:44 PM
नई दिल्ली। भारत की सात मेसे छह नई रक्षा कंपनियों ने अपने व्यापार के आरंभिक छह महीने यानी एक अक्टूबर 2021 से 31 मार्च 2022 की अवधि के दौरान अनंतिम लाभ दर्ज किया है। इन रक्षा कंपनियों का लोकार्पण विजयदशमी के दिन 15 अक्टूबर 2021 को किया गया था। इन कंपनियों में यंत्र इंडिया लिमिटेड (वाईआईएल) को छोड़कर शेष छह कंपनियों-म्यूनीशंस इंडिया लिमिटेड (एमआईएल), आर्मर्ड व्हेकिल्स निगम लिमिटेड (अवनी), एडवांस्ड वेपंस एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (एडब्लूई इंडिया), ट्रूप कंफर्ट्स लिमिटेड (टीसीएल), इंडिया ऑपटेल लिमिटेड (आईओएल) और ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड (जीआईएल) ने अनंतिम लाभ दर्ज किया है।
राष्ट्र को समर्पित किए जाने केबाद केंद्र सरकार ने शुरूआत में नई रक्षा कंपनियों की आर्थिक रूपसे मदद की थी, ताकि वे कार्पोरेट संस्थाओं की तरह अपना व्यापार शुरू कर सकें। पुराने ओएफबी केसाथ पूरे न किए जा सकनेवाले आर्डरों को दुरुस्त किया गया और उन्हें संविदाओं में बदल दिया गया, जिनकी कीमत 70,776 करोड़ रुपये निर्धारित की गई। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लक्ष्य के मद्देनज़र 7,765 करोड़ रुपये नई रक्षा कंपनियों को दिए गए, ताकि वे व्यापार शुरू करने के पहले 60 प्रतिशत तैयारी कर लें, इसके अलावा पूंजी खर्च और इक्विटी केलिए वर्तमान वित्तवर्ष केदौरान सात नई कंपनियों को 2,765.95 करोड़ रुपये जारी किए गए। इन नई कार्पोरेट संस्थाओं को कामकाजी और वित्तीय स्वायत्तता दी गई, इसमें केंद्र सरकार की मदद शामिल है।
यह कदम आयुध फैक्ट्रियों के कामकाज में क्रांति लाने वाला कदम सिद्ध हुआ। पहले छह माह मेही इन नई कंपनियों ने 8,400 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया, जो पिछले वित्तीय वर्ष केदौरान पुराने ओएफबी के मूल्य के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। पहले दिन सेही इन कंपनियों ने नए बाजारों की तलाश और निर्यात सहित अपने व्यापार को बढ़ाना शुरू कर दिया था। अपने चालू होने केबाद के छोटे से समय मेही इन कंपनियों ने घरेलू ठेके और निर्यात आर्डर अर्जित करलिए, जिनका मूल्य क्रमशः 3,000 करोड़ रुपये और 500 करोड़ रुपये है। एमआईएल ने 500 करोड़ रुपये का सबसे बड़ा आयुध निर्यात आर्डर प्राप्त किया। ये सभी कंपनियां स्वयं और सहयोग के जरिए नए उत्पादों का विकास कर रही हैं। वाईआईएल ने एक्सल बनाने केलिए भारतीय रेल से लगभग 251 करोड़ रुपये का आर्डर प्राप्त किया है।
ये नई संस्थाएं अपने संसाधनों और लागत में कटौती केलिए सर्वोत्तम उपाय कर रही हैं। लागत में कटौती पर ध्यान देते हुए इन कंपनियों ने पहले छह माह मेही ओवरटाइम तथा गैर-उत्पादक गतिविधियों में कटौती करके लगभग 9.48 प्रतिशत की बचत कर ली है। नई कंपनियों के कामकाज की नियमित निगरानी विभाग द्वारा होती है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर समय रहते हस्तक्षेप किया जा सके, ताकि ओएफबी के निगमीकरण के लक्ष्यों को पूरा किया जा सके। याद रहेकि केंद्र सरकार ने 16 जून 2021 को एक प्रमुख निर्णय लेते हुए रक्षा विनिर्माण में बड़ा सुधार किया था, जिसके तहत आयुध फैक्ट्री बोर्ड को रक्षा मंत्रालय का अधीनस्थ विभाग बना दिया गया। बोर्ड को केंद्र के स्वामित्व वाली सात कार्पोरेट संस्थाओं में बदल दिया गया था, ताकि जिसका प्रबंधन व्यावसायिक तरीकेसे हो सके।