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प्रधानमंत्री ने की सिख प्रतिनिधियों की मेजबानी

'सिख परंपरा वास्तव में एक भारत श्रेष्ठ भारत की जीवंत परंपरा'

हमारे गुरुओं ने हमें साहस और सेवा की सीख दी-नरेंद्र मोदी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 30 April 2022 12:55:03 PM

pm hosts sikh delegates

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 लोक कल्याण मार्ग पर प्रधानमंत्री आवास पर सिख प्रतिनिधिमंडल की बड़ी गर्मजोशी से मेजबानी की, इस समूह में विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले लोग शामिल थे। प्रधानमंत्री ने सिख समुदाय केसाथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया और कहाकि गुरुद्वारों में जाना, सेवा में समय देना, लंगर पाना, सिख परिवारों के घरों पर रहना ये उनके जीवन का हिस्सा रहा है एवं यहां प्रधानमंत्री आवास में भी समय-समय पर सिख संतों के चरण पड़ते रहते हैं, उनकी संगत का सौभाग्य मिलता रहता है। प्रधानमंत्री ने अपनी विदेश यात्राओं के दौरान दुनियाभर में सिख विरासत के स्थानों की अपनी यात्राओं को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे गुरुओं ने हमें साहस और सेवा की सीख दी है, दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में बिना किसी संसाधन के भारतीय गए और अपने श्रमसे सफलता के मुकाम हासिल किए, यही स्पिरिट आज नए भारत की भी है। सिख प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके देश और समाज की बेहतरी केलिए किए गए एवं किए जा रहे विभिन्न कार्यकलापों केलिए प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि नया भारत नए आयामों को छू रहा है, पूरी दुनिया पर अपनी छाप छोड़ रहा है। उन्होंने कहाकि कोरोना महामारी का ये कालखंड इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, महामारी की शुरुआत में पुरानी सोच वाले लोग भारत को लेकर चिंताएं जाहिर कर रहे थे, लेकिन अब लोग महामारी से निपटने केलिए भारत का उदाहरण दे रहे हैं, पहले कहा जारहा थाकि भारत की इतनी बड़ी आबादी, भारत को कहांसे वैक्सीन मिलेगी, कैसे लोगों का जीवन बचेगा? लेकिन आज भारत वैक्सीन का सबसे बड़ा सुरक्षा कवच तैयार करने वाला देश बनकर उभरा है। उन्होंने कहाकि आपको यह सुनकर भी गर्व होगाकि 99 प्रतिशत टीकाकरण हमारे अपने मेड इन इंडिया टीकों के माध्यम से किया गया है। प्रधानमंत्री ने कहाकि इसी कठिन कालखंड में हम दुनिया के सबसे बड़े स्टार्टअप इको-सिस्टम में से एक बनकर उभरे हैं। उन्होंने कहाकि हमारे यूनिकॉर्न की संख्या लगातार बढ़ रही है, भारत का ये बढ़ता हुआ कद, ये बढ़ती हुई साख, इससे सबसे ज्यादा किसी का सिर ऊंचा होता है तो वो हमारा डायस्पोरा है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे भारतीय डायस्पोरा को तो मैं हमेशा से भारत का राष्ट्रदूत मानता रहा हूं, भारत से बाहर वे मां भारती की बुलंद आवाज़ हैं, बुलंद पहचान हैं। उन्होंने कहाकि भारत की प्रगति देखकर आपका भी सीना चौड़ा होता है, आपका भी सिर गर्व से ऊंचा होता है। उन्होंने कहाकि हम दुनिया में कहींभी हों 'इंडिया फर्स्ट' में हमारा प्राथमिक विश्वास होना चाहिए। सिख गुरुओं के महान योगदान और बलिदान को नमन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहाकि श्रीगुरु नानक देवजी ने पूरे राष्ट्र की चेतना को जगाया था, राष्ट्र को अंधकार से निकालकर प्रकाश की राह दिखाई थी। उन्होंने कहाकि हमारे गुरुओं ने पूरबसे पश्चिम, उत्तरसे दक्षिण पूरे भारत की यात्राएं कीं, हर कहीं उनकी निशानियां हैं, उनकी प्रेरणाएं हैं, उनके लिए आस्था है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे गुरुओं ने लोगों को प्रेरणा दी, अपनी चरण रज से इस भूमि को पवित्र किया, इसीलिए सिख परंपरा वास्तव में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की जीवंत परंपरा है। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान और स्वतंत्रता केबाद सिख समुदाय के योगदान केलिए देशकी ओरसे उनका आभार व्यक्त किया और कहाकि सिख समुदाय देश के साहस, पराक्रम और कड़ी मेहनत का पर्याय है।
प्रधानमंत्री ने कहाकि यह संघर्ष एक खास अवधि तक सीमित नहीं है, बल्कि हजारों वर्षों की चेतना, आदर्शों, आध्यात्मिक मूल्यों और तपस्या की अभिव्यक्ति है। प्रधानमंत्री ने श्रीगुरु तेगबहादुर के 400वें प्रकाश पर्व, श्रीगुरु नानक देवजी के 550वें प्रकाश पर्व और श्रीगुरु गोबिंद सिंहजी के 350वें प्रकाश पर्व जैसे ऐतिहासिक आयोजनों से जुड़े रहने के सौभाग्य पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहाकि इस सरकार के कालखंड में करतारपुर साहिब कॉरिडोर का निर्माण हुआ, आज लाखों श्रद्धालुओं को वहां शीश नवाने का सौभाग्य मिल रहा है, लंगर को टैक्स फ्री करने से लेकर हरमिंदर साहिब को एफसीआरए की अनुमति तक गुरुद्वारों के आसपास स्वच्छता बढ़ाने से लेकर उन्हें बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने तक देश आज हर संभव प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री ने गुरुओं द्वारा कर्तव्य पर जोर दिए जानेके बारेमें बताया और इसे अमृतकाल में कर्तव्य की भावना केसाथ जोड़ते हुए कहाकि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का मंत्र इसी भावना का आह्वान है। उन्होंने कहाकि कर्तव्य की यह भावना न केवल वर्तमान के लिए, बल्कि हमारी आनेवाली पीढ़ियों केलिए भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने पर्यावरण, पोषण और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण को लेकर हमेशा सक्रिय रहने केलिए सिख समुदाय की सराहना की। उन्होंने सिख प्रतिनिधियों से अमृत सरोवर केलिए हाल ही में शुरू किएगए अभियान में योगदान देने का अनुरोध किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी उपस्थित थे।

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