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Friday 6 May 2022 05:48:05 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा हैकि भविष्य का हमारा रास्ता और मंजिल दोनों स्पष्ट हैं, आत्मनिर्भर भारत हमारा रास्ता भी है और संकल्प भी। उन्होंने कहाकि बीते सालों में हमने इसके लिए हर ज़रूरी माहौल बनाने में निरंतर परिश्रम किया है। प्रधानमंत्री ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए जैन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार संगठन के 'जीतो कनेक्ट 2022' समिट के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहाकि भारत के विकास संकल्पों को दुनिया अपने लक्ष्यों की प्राप्ति का माध्यम मान रही है। उन्होंने कहाकि कार्यक्रम की थीम में 'सबका प्रयास' की भावना का उल्लेख किया गया है और वैश्विक शांति, समृद्धि, समाधान हों या वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का सशक्तिकरण, दुनिया भारत की तरफ बड़े भरोसे से देख रही है। उन्होंने कहाकि मै यूरोप के कुछ देशों का भ्रमण करके और भारत के सामर्थ्य, संकल्पों एवं आजादी के अमृतकाल में भारतमें मौजूद अवसरों के संबंध में काफी कुछ विस्तार से अनेक लोगों से चर्चा करके लौटा हूं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि विशेषज्ञता का क्षेत्र, कार्य क्षेत्र चाहे जोभी हो विचारों में चाहे जितनी भी भिन्नता हो, लेकिन नए भारत का उदय सभीको जोड़ रहा है। उन्होंने कहाकि आज सभी को लगता हैकि भारत अब 'संभावना और क्षमता' से आगे बढ़कर वैश्विक कल्याण के एक बड़े उद्देश्य केलिए कार्य कर रहा है। उन्होंने कहाकि आज देश जितना संभव हो सकता है, प्रतिभा कारोबार और प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित कर रहा है, प्रतिदिन दर्जनों स्टार्टअप का पंजीकरण कर रहा है, प्रति सप्ताह एक यूनिकॉर्न बना रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि जबसे सरकारी ई-मार्केटप्लेस यानी जीईएम पोर्टल अस्तित्व में आया है, सारी खरीद सबके सामने एक प्लेटफॉर्म पर होती है, अब दूरदराज के गांवों के लोग, छोटे दुकानदार और स्वयं सहायता समूह अपने उत्पाद सीधे सरकार को बेच सकते हैं। उन्होंने बतायाकि जीईएम पोर्टल पर 40 लाख से अधिक विक्रेता जुड़ चुके हैं। उन्होंने पारदर्शी 'फेसलेस' टैक्स निर्धारण, एक राष्ट्र-एक टैक्स, उत्पादकता से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के बारेमें भी बात की।
प्रधानमंत्री ने ‘ईएआरटीएच-अर्थ’ केलिए काम करने का आग्रह किया और बतायाकि 'ई' का अर्थ है-एनवायरमेंट यानि पर्यावरण की समृद्धि। उन्होंने उनसे इसपर भी चर्चा करने का आग्रह कियाकि वे अगले वर्ष 15 अगस्त तक हर जिले में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाने के प्रयासों को कैसे समर्थन कर सकते हैं। 'ए' का अर्थ है-एग्रीकल्चर यानि कृषि को अधिक लाभकारी बनाना और प्राकृतिक खेती, कृषि प्रौद्योगिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अधिक से अधिक निवेश करना। 'आर' का अर्थ है-रीसाईकल यानि पुनर्चक्रण और चक्रीय अर्थव्यवस्था पर जोर देना, पुन: उपयोग, कम उपयोग और पुनर्चक्रण केलिए काम करना। 'टी' का अर्थ है-टेक्नोलॉजी यानि प्रौद्योगिकी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ले जाना। उन्होंने लोगों से इस बातपर विचार करने का आग्रह कियाकि वे ड्रोन तकनीक जैसी अन्य उन्नत तकनीक को और अधिक सुलभ कैसे बना सकते हैं। 'एच' का अर्थ है-हेल्थकेयर यानि स्वास्थ्य देखभाल, उन्होंने कहाकि आज सरकार देश के हर जिलेमें स्वास्थ्य देखभाल और मेडिकल कॉलेज जैसी व्यवस्थाओं केलिए बहुत काम कर रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि इस समिट से बहुत उत्तम सुझाव और समाधान निकलेंगे।