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आरपीएफ व सत्यार्थी रोकेंगे मानव तस्करी!

राष्ट्र को तस्करी से मुक्त बनाने केलिए दोनों ने किया दावा

रेलवे सुरक्षा बल ने एवीए केसाथ किया समझौता हस्ताक्षर

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 7 May 2022 02:04:48 PM

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नई दिल्ली। रेलवे सुरक्षा बल ने तस्करी मुक्त राष्ट्र केलिए एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन (एवीए) केसाथ एक समझौता किया है। गौरतलब हैकि राष्ट्र को तस्करी मुक्त बनाने के एक साझा उद्देश्य से एकसाथ मिलकर काम करने केलिए रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक संजय चंदर ने कैलाश सत्यार्थी की उपस्थिति में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन की सीईओ रजनी सिब्बल केसाथ विस्तृत विचार-विमर्श शुरू किया था। इसी विचार-विमर्श को आगे बढ़ाते हुए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसमें दोनों ने सूचना साझा करने, मानव तस्करी के खिलाफ काम करने केलिए आरपीएफ कर्मियों और रेलवे कर्मचारियों की क्षमता बढ़ाने, संवेदनशीलता बढ़ाने, जागरुकता पैदा करने, मानव तस्करी के मामलों की पहचान करने और पता लगाने में एक-दूसरे की मदद करने के उद्देश्य से साथ-साथ काम करने का संकल्प लिया।
रेलवे सुरक्षा बल और एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन-बचपन बचाओ एक आंदोलन की तरह माना जाता है और दोनों का दावा हैकि इससे निश्चित रूपसे संयुक्त कार्रवाई से देशभर में आरपीएफ के ऑपरेशन एएएचटी यानी मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई की व्यापकता, पहुंच और प्रभावशीलता बढ़ेगी। रेलवे सुरक्षा बल को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्र और यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह रेल मंत्रालय की बच्चों के बचाव केलिए मानकीकृत संचालन प्रक्रिया द्वारा अनिवार्य जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहा है और इसने ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते केतहत हितधारकों केसाथ मिलकर काम करते हुए 2018 से 50000 से अधिक बच्चों का बचाव किया है। हालही में रेल के माध्यम से मानव तस्करी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने केलिए ऑपरेशन एएएचटी शुरू किया है और मानव तस्करी के शिकार लोगों को तस्करों के चंगुल से छुड़ा रहा है। तस्करों के खिलाफ अपनी कार्रवाई के दौरान इसने 298 नाबालिग लड़कियों सहित 1400 से अधिक नाबालिगों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया है।
रेलवे सुरक्षा बल ने पूरे भारत में 740 से अधिक स्थानों पर मानव तस्करी रोकथाम इकाइयों की स्थापना की है, जिन्हें इस क्षेत्रसे जुड़ी अन्य एजेंसियों के समन्वय से मानव तस्करी के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। एसोसिएशन ऑफ वॉलंटरी एक्शन कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन से जुड़ा है, जिसकी स्थापना 1979 में नोबेल सम्मान प्राप्तकर्ता कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में की गई थी। इसका उद्देश्य बच्चों के खिलाफ सभी प्रकार की हिंसा को खत्म करना और एक ऐसी दुनिया बनाना, जहां सभी बच्चे स्वतंत्र, सुरक्षित, स्वस्थ हों और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करते हों। एवीए का उद्देश्य सहयोगात्मक कार्यों, राष्ट्रीय और वैश्विक नीतियों को सशक्त करके, कर्तव्य निर्वहन करनेवाले लोगों का क्षमता निर्माण, नीति के कार्यांवयन में सर्वोत्तम तरीकों की पहचान और बाल संरक्षण से संबंधित नियामक ढांचे को मजबूत करके इस मिशन को पूरा करना है। यह देशभर में फैले समर्पित फील्ड एजेंटों और स्वयंसेवकों के एक बड़े नेटवर्क के बल पर एक महत्वपूर्ण हितधारक है।
बचपन बचाओ आंदोलन पुलिस या आरपीएफ केसाथ बाल तस्करी के खिलाफ सूचना साझा कर रहा है और तस्करों की गिरफ्तारी एवं पीड़ितों को बचाने में सहायता कर रहा है तथा बच्चों की तस्करी के खिलाफ कार्रवाई के क्षेत्र में जानकारी और विशेषज्ञता तैयार करता है। भारतीय रेल देश केलिए प्राथमिक ट्रांसपोर्टर है, इसलिए मानव तस्करों केलिए परिवहन का एक प्रमुख रूट है। रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में तैनात आरपीएफ कर्मियों को पीड़ित के गंतव्य तक पहुंचने और शोषण शुरू होनेसे पहले तस्करी को रोकने केलिए रणनीतिक रूपसे तैनात किया जाता है। रेलवे सुरक्षा बल अपनी रणनीतिक तैनाती और भारतभर में अपनी उपस्थिति के बलपर मानव तस्करी को रोकने केलिए देशके प्रयासों में एक पूरक की भूमिका निभा सकता है।

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