स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 11 May 2022 06:16:13 PM
नई दिल्ली। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने वैज्ञानिक समुदाय से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी प्रौद्योगिकियों का विकास करने का आह्वान किया है, ताकि राष्ट्र भविष्य की चुनौतियों से निपटने केलिए तैयार हो सके। अजय भट्ट ने आज नई दिल्ली में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के आयोजित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहाकि सरकार घरेलू खरीद के माध्यम से रक्षा जरूरतों को पूरा करने केलिए सभी प्रयास कर रही है। उन्होंने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों में उत्कृष्टता अर्जित करने केलिए रक्षा इकोसिस्टम के सभी क्षेत्रों से मिलकर काम करने का आह्वान किया है। रक्षा राज्यमंत्री ने एक आत्मनिर्भर अनुसंधान एवं विकास इकोसिस्टम स्थापित करने केलिए डीआरडीओ के प्रयासों की सराहना की, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'आत्मनिर्भर भारत' विजन के अनुरूप सशस्त्र बलों को अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराता है।
रक्षा राज्यमंत्री ने कहाकि डीआरडीओ ने अपने आपको अत्यधिक परिष्कृत हथियार प्लेटफार्मों/ प्रणालियों के डिजाइन, विकास और उत्पादन के माध्यम से अपना महत्व स्वयं सिद्ध कर दिया है, इससे निजी क्षेत्र की भागीदारी में बढ़ोतरी हुई है और इन प्रयासों के कारण भारत अब रक्षा उपकरण निर्यात करने वाले शीर्ष 25 देशों में शामिल हो गया है। उन्होंने कहाकि वर्ष 1998 में पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षणों के उपलक्ष्य में हर साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष का विषय 'सतत भविष्य केलिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण' है। अजय भट्ट ने कहाकि यह विषय एक राष्ट्र की प्रगति केलिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी के सर्वांगीण विकास के महत्व पर जोर देता है। रक्षा राज्यमंत्री ने वर्ष 2019 केलिए राष्ट्र के तकनीकी सपनों को साकार करने में उत्कृष्ट कौशल प्रदर्शित करनेवाली वैज्ञानिक बिरादरी को डीआरडीओ पुरस्कार प्रदान किए। पुरस्कारों की श्रेणीमें लाइफटाइम अचीवमेंट, प्रौद्योगिकी नेतृत्व, वरिष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार, अकादमी उत्कृष्टता, तकनीकी-प्रबंध, आत्मनिर्भरता और प्रदर्शन पुरस्कार शामिल हैं।
रक्षा राज्यमंत्री ने डीआरडीओ के पूर्व निदेशक डॉ केजी नारायणन की दो मोनोग्राफ-'इन्डेवर्स इन सेल्फ-रिलायंस डिफेंस रिसर्च (1983-2018)' और डीआरडीओ के पूर्व महानिदेशक डॉ जी अतिथन की ‘कन्सेप्ट्स एंड प्रेक्टिसेज फॉर साइबर सिक्युरिटी' का लोकार्पण किया। इस अवसर पर एक रक्षा प्रौद्योगिकी स्पेक्ट्रम भी जारी किया गया। कार्यक्रम में डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने उन्नत प्रौद्योगिकियों पर तीन व्याख्यान भी दिए। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों को बधाई दी और एक आत्मनिर्भर रक्षा इकोसिस्टम के निर्माण में उनके योगदान की सराहना की। अंतरिक्ष विभाग में सचिव और अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष एस सोमनाथ एवं रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और डीआरडीओ के वैज्ञानिक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।