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Sunday 15 May 2022 02:07:46 PM
लखनऊ। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा हैकि सशस्त्र बलों के जवानों की तरह, जो हमेशा बहादुरी और समर्पण केसाथ देश की सीमाओं की रक्षा करते हैं, हमारे चार्टर्ड एकाउंटेंट्स यानी सीए भी वित्तीय प्रणाली की अंतरात्मा की रक्षा करने वाले हैं, सीए को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में ईमानदारी सुनिश्चित करनी चाहिए, क्योंकि वे वित्तीय संस्थानों में लोगों के भरोसे की रक्षा करने वाले हैं। राजनाथ सिंह ने लखनऊ में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की मध्य भारत क्षेत्रीय परिषद की लखनऊ शाखा की 'वित्तीय बाजार' पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने कहाकि देश के वाणिज्यिक इकोसिस्टम को सही दिशा में चलाने में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (सीए) का योगदान सराहनीय है, ये वित्तीय प्रबंधन और अर्थव्यवस्था की लेखा परीक्षा का प्रमुख आधार हैं। कार्यशाला का आयोजन प्रतिभागियों को अर्थव्यवस्था से संबंधित नए परिवर्तनों के बारेमें जानकारी प्रदान करना और उन्हें इस क्षेत्र से संबंधित भविष्य की चुनौतियों से निपटने केलिए प्रशिक्षित एवं प्रेरित करना था।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर कोविड-19 महामारी और अब रूस-यूक्रेन संघर्ष का भी जिक्र किया। उन्होंने कहाकि इनके कारण आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान और साजो-सामान संबंधी बाधाओं से विश्व अर्थव्यवस्था बहुत कठिन दौर से गुजर रही है। उन्होंने कहाकि रूस और यूक्रेन महत्वपूर्ण वस्तु उत्पादक देश हैं, रूस खाद्यान्न और हाइड्रोकार्बन का एक प्रमुख उत्पादक है, जबकि यूक्रेन गेहूं आदि का एक महत्वपूर्ण उत्पादक देश है, इसलिए इस संघर्ष ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। राजनाथ सिंह ने कहाकि चूंकि हम बड़ी मात्रा में हाइड्रोकार्बन और तिलहन आयात करते हैं, इसलिए उनकी कीमतों ने हमारे देश कोभी प्रभावित किया है, खाद्य वस्तुओं और ईंधन की कीमतें बढ़ गई हैं, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और अन्य साजो-सामान बाधाओं से मुद्रास्फीति बढ़ी है। राजनाथ सिंह ने कहाकि कोविड की अनिश्चितताओं के कारण निजी उपभोग व्यय में कमी आई है और ऐसे में सरकार ने इन चुनौतियों से निपटने केलिए कई कदम उठाए हैं, जिसके परिणाम सामने हैं। उन्होंने प्रसन्नतापूर्वक कहाकि कई एजेंसियों के सर्वेक्षणों में भारत दुनिया की सबसे तेजीसे बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूपमें विकसित हो रहा है।
राजनाथ सिंह ने कहाकि हमारा निर्यात लगातार नए रिकॉर्ड बना रहा है और इसके और बढ़ने की संभावना है। उन्होंने बतायाकि ऑस्ट्रेलिया केसाथ एक प्रमुख मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, अन्य साझेदार देशों के साथभी इसी तरह के समझौते किए गए हैं। रक्षामंत्री ने सकल वस्तु और सेवाकर-जीएसटी राजस्व संग्रह का उल्लेख कियाकि अप्रैल 2022 में जीएसटी संग्रह अबतक का सबसे अधिक 1.68 लाख करोड़ रुपये है। उन्होंने कर संग्रह को जनहित के कार्यों को पूरा करने के साधन के रूपमें परिभाषित किया और कहाकि यही राजस्व 80 करोड़ से अधिक लोगों तक 'प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना' के माध्यम से मुफ्त खाद्यान्न के रूपमें पहुंच रहा है। उन्होंने कहाकि वैश्विक और घरेलू स्तरपर नए निवेश किए जा रहे हैं, जिससे आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव कम होने की आशा है। मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी केलिए पीएम गतिशक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर भी राजनाथ सिंह बोले। उन्होंने इसे साजो-सामान की बाधाओं केलिए सरकार की दीर्घकालिक प्रतिक्रिया करार दिया। उन्होंने कहाकि इस मास्टर प्लान को कार्यांवित करने केलिए 100 लाख करोड़ रुपये तकके व्यय की परिकल्पना की गई है।
रक्षामंत्री ने कहाकि सड़कों, रेलवे, हवाई अड्डों, बंदरगाहों और शिपिंग जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का निर्माण सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं मेसे एक है। उन्होंने कहाकि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना से निजी निवेश में वृद्धि हुई है, जिससे अर्थव्यवस्था में मांग को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने किसानों केलिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, पीएम किसान समृद्धि योजना और अन्य आय सहायता योजनाओं का भी उल्लेख किया, जिसका उद्देश्य निजी उपभोग केलिए होनेवाले व्यय को बढ़ावा देना है। राजनाथ सिंह ने कहाकि इन प्रयासों के कारण घरेलू मांग, चाहे वह निवेश से संबंधित हो या खपत से तेजीसे बढ़ रही है। उन्होंने कहाकि हम कोविड महामारी केबाद वी-आकार की रिकवरी देख रहे हैं, बुनियादी ढांचे और लॉजिस्टिक्स पर हमारा ध्यान आपूर्ति पक्ष की बाधाओं को दूर करने केलिए शुरू हो गया है, कोविड टीकाकरण अभियान की सफलता के कारण संपर्क-आधारित सेवाएं भी तीव्र गतिसे आगे बढ़ रही हैं, यह हमारी अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने की दिशा में एक अच्छा संकेत है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने अर्थव्यवस्था के विकास केलिए आवश्यक प्रमुख पहलुओं अर्थात कुशल मानव संसाधन, पूंजी, तकनीकी, बाजार और संस्थाएं, कानून का शासन, स्वतंत्र अदालतें, स्वतंत्र प्रेस और नियामक प्रणाली पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि सरकार ने इन पहलुओं की मजबूती केलिए कई उपाय किए हैं, सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 जारी की है, नए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-आईआईटी, भारतीय प्रबंध संस्थान-आईआईएम, पॉलिटेक्निक कॉलेज, चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किए और मेडिकल सीटों की संख्या में वृद्धि की गई है। राजनाथ सिंह ने कहाकि बैंकों के विलय, निजीकरण और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पूंजीकरण से यह सुनिश्चित हुआ हैकि घाटे का सामना कर रहे बैंक अब ऋण प्रदान करने की स्थिति में हैं। राजनाथ सिंह ने कहाकि स्टार्ट-अप केलिए वेंचर कैपिटल फंडिंग विकसित की है, स्टार्टअप-आधारित नवाचार इकोसिस्टम की सफलता इस तथ्य से स्पष्ट हैकि देश में 100 से अधिक यूनिकॉर्न तैयार हो चुके हैं। उन्होंने कहाकि हमने खुदरा निवेशकों को प्रोत्साहित किया है और इनसाइडर ट्रेडिंग को समाप्त किया है, व्यापार प्रक्रिया में प्रौद्योगिकी और डिजिटल वास्तुकला के उपयोग को और अधिक पारदर्शी बनाया जा रहा है।
राजनाथ सिंह ने कहाकि प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने केलिए सरकार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन और वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद जैसे अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठानों में सुधार कर रही है। उन्होंने कहाकि अब शिक्षा जगत और उद्योग केबीच एक कड़ी स्थापित की गई है, ताकि महाविद्यालयों या विश्वविद्यालयों के शोध उद्योग जगत तक पहुंचें। राजनाथ सिंह ने स्टार्ट-अप को नवाचार का एक प्रमुख वाहन बताते हुए कहाकि यह सरकार का कर्तव्य हैकि वह उन्हें संभाले और आगे ले जाए। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस और इसका हाल ही में लॉंच किया गया संस्करण-आईडेक्स प्राइम-इनोवेटर्स और स्टार्ट-अप्स के विकास को सुनिश्चित करेगा, क्योंकि ये पहल उन्हें एक अच्छे अवसर प्रदान कर रही है। उन्होंने कहाकि घरेलू कंपनियों से खरीद को प्रोत्साहित करने केलिए कई कदम उठाए गए हैं, भारत 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' की कल्पना के अनुरूप अंतर्राष्ट्रीय मांग को भी पूरा कर रहा है। राजनाथ सिंह ने संस्थानों को व्यापार सुविधा प्रदाता में बदलने केलिए उठाए गए कदमों का उल्लेख किया, जिनमें इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड शामिल है, जो कमजोर व्यवसायों को आसान निकासी प्रदान करता है, ताकि फंसी हुई संपत्तियों को हासिल किया जा सके।