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किसानों व ड्रोन यूजर्स का 'सिंधिया संग संवाद'

ड्रोन से संबंधित विभिन्न सरकारी नीतियों के बारे में जानकारी दी

किसानों ने भी ड्रोन के उपयोग एवं फायदे के अनुभव साझा किए

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 18 May 2022 01:22:32 PM

farmers and drone users' dialogue with scindia

नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने वर्चुअली रूपसे देशभर के विभिन्न किसानों और ड्रोन उपयोगकर्ताओं केसाथ ड्रोन के फायदे एवं चुनौतियों पर बातचीत की। यह बातचीत 'सिंधिया संग संवाद' केतहत की गई, जो एक इंटरैक्टिव कार्यक्रम है, इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किसानों और ड्रोन उपयोगकर्ताओं केसाथ सीधी बातचीत की। उन्होंने ड्रोन से संबंधित विभिन्न सरकारी नीतियों के बारेमें जानकारी दी और बतायाकि किसान किस प्रकार इसका फायदा उठा सकते हैं। उन्होंने कहाकि ड्रोन तकनीक कृषि क्षेत्र में नए तौर-तरीक़ों का संचार करके विकास लाएगी। देशभर के किसानों ने भी कृषि केलिए एक उपकरण के रूपमें ड्रोन का उपयोग करने संबंधी अनुभव साझा किए और उसके फायदे गिनाए। किसानों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से ड्रोन से संबंधित कई सवाल भी पूछे। इस परिचर्चा का संचालन संयुक्त सचिव अंबर दुबे ने किया था, जो नागरिक उड्डयन मंत्रालय में ड्रोन डिवीजन के प्रमुख हैं।
नागरिक उड्डयन मंत्री ने ड्रोन पायलट प्रशिक्षण केलिए अधिक शुल्क के बारेमें पूछे जानेपर कहाकि ड्रोन पायलट कोर्स की फीस फिलहाल काफी अधिक है, लेकिन किसानों को बिल्कुल भी चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ड्रोन स्कूलों की संख्या बढ़ रही है, जिससे ड्रोन पायलटों के प्रशिक्षण की लागत घटती रहेगी। उन्होंने कहाकि वे अगले 3-4 महीने के भीतर इस क्रांति को देखेंगे, क्योंकि हम ऐसे स्कूलों की संख्या बढ़ाते रहेंगे। उन्होंने कहाकि देश को निश्चित तौरपर अधिक से अधिक ड्रोन पायलटों की आवश्यकता है, यही कारण हैकि उनकी प्रमाणन प्रक्रिया को पूरी तरह विकेंद्रीकृत कर दी गई है, इसलिए अब डीजीसीए केवल ड्रोन स्कूलों को प्रमाणित करेगा और संबंधित ड्रोन स्कूल पायलटों को प्रमाणपत्र जारी करेगा, इस प्रक्रिया से अफसरशाही को पूरी तरह हट जाएगी। उन्होंने कहाकि पिछले छह महीने में डीजीसीए ने ड्रोन पायलटों के प्रशिक्षण केलिए 23 स्कूलों को प्रमाणित किया है।
गौरतलब हैकि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इस महीने के आरंभ में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना केलिए दूसरे दौर केतहत आवेदन आमंत्रित किए थे। ड्रोन पीएलआई को पिछले साल भारत में ड्रोन विनिर्माण को बढ़ावा देने केलिए घोषित किया गया था। आवेदनपत्र जमा करने की अंतिम तिथि 20 मई 2022 है। पीएलआई लाभार्थियों की अंतिम सूची उनके वित्तीय परिणामों एवं अन्य निर्दिष्ट दस्तावेजों की विस्तृत जांच केबाद 30 जून 2022 तक जारी होने की उम्मीद है। उदारीकृत ड्रोन नियम-2021 को 25 अगस्त 2021 को अधिसूचित किया गया था, ड्रोन एयरस्पेस मैप 24 सितंबर 2021 को प्रकाशित किया गया था, जिससे 400 फीट तक उड़ने वाले ड्रोन केलिए लगभग 90 प्रतिशत भारतीय हवाई क्षेत्र को ग्रीन जोन के रूपमें खोल दिया गया है। ड्रोन केलिए उत्‍पादन से जुड़ी प्रोत्‍साहन योजना 30 सितंबर 2021 को अधिसूचित की गई थी। यूएएस ट्रैफिक मैनेजमेंट नीतिगत ढांचे को 24 अक्टूबर 2021 को प्रकाशित किया जा चुका है।
कृषि ड्रोन की खरीद केलिए केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 22 जनवरी 2022 को मौद्रिक अनुदान कार्यक्रम की घोषणा की थी। ड्रोन नियम-2021 केतहत सभी पांच आवेदन फॉर्म को डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर 26 जनवरी 2022 को ऑनलाइन कर दिया गया है। ड्रोन प्रमाणन योजना को 26 जनवरी 2022 को अधिसूचित कर दिया गया है, जिससे ड्रोन विनिर्माताओं द्वारा टाइप प्रमाणपत्र प्राप्त करना आसान हो गया है। ड्रोन आयात नीति 9 फरवरी 2022 को अधिसूचित की गई, ताकि विदेशी ड्रोन के आयात पर प्रतिबंध लगाने और ड्रोन के कलपुर्जों के आयात को मुक्त करने में मदद मिल सके। ड्रोन पायलट लाइसेंस की आवश्यकता को समाप्त करते हुए 11 फरवरी 2022 को ड्रोन (संशोधन) नियम-2022 अधिसूचित किया जा चुका है। डीजीसीए अधिकृत ड्रोन स्कूल की ओरसे जारी रिमोट पायलट सर्टिफिकेट ड्रोन के संचालन केलिए पर्याप्त है। ड्रोन और ड्रोन के कलपुर्जा विनिर्माताओं से पीएलआई योजना केलिए आवेदन 10 से 31 मार्च 2022 केबीच आमंत्रित किए गए थे।

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