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Thursday 19 May 2022 01:01:23 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रीय महिला आयोग ने महिलाओं से संबंधित मुद्दों और मीडिया में महिलाओं के चित्रण पर ध्यान केंद्रित करने केलिए 'मीडिया कर्मियों केलिए क्षमता निर्माण और संवेदीकरण कार्यक्रम' विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा और इंडिया टीवी के अध्यक्ष एवं प्रधान संपादक रजत शर्मा उपस्थित थे। आयोग ने अनेक विचार प्राप्त करने केलिए विभिन्न मीडिया क्षेत्रों के विशेषज्ञों को कार्यशाला में आमंत्रित किया था। प्रसार भारती न्यूज़ सर्विसेज एंड डिजिटल प्लेटफॉर्म के प्रमुख समीर कुमार, टीवी9 नेटवर्क के कार्यकारी संपादक आदित्यराज कौल, रेड एफएम एंड मैजिक एफएम की सीईओ और निदेशक निशा नारायणन, ख़बर लहरिया की संस्थापक कविता देवी और लेडी श्रीराम कॉलेज में पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष वर्तिका नंदा, वक्ताओं आदि ने भाग लिया।
कार्यशाला में वक्ताओं ने पत्रकारिता में अपने व्यापक अनुभवों को साझा किया और मीडिया में महिलाओं के चित्रण पर ध्यान केंद्रित किया। विभिन्न संगठनों के मीडिया पेशेवरों ने ओपन हाउस चर्चा में अपने अनुभव साझा किए। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने मीडिया में गुणात्मक प्रगति, रिपोर्टिंग केप्रति अधिक संवेदनशील दृष्टिकोण तथा इस क्षेत्र में पुरुषों एवं महिलाओं के समान प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने रिपोर्टिंग करते समय महिला पत्रकारों के सामने आनेवाली चुनौतियों और मीडिया घरानों में प्रबंधकीय पदों को संभालने केलिए और अधिक महिलाओं की आवश्यकता पर जोर दिया। रजत शर्मा ने मीडिया में महिलाओं की सराहना करते हुए कहाकि समाज की नकारात्मक मानसिकता के बावजूद देश की महिलाएं न केवल पत्रकारिता में बल्कि हर क्षेत्र में ऊंचाइयों पर पहुंच गई हैं।
रजत शर्मा ने कहाकि समाज की मानसिकता बदलने की जरूरत है और मीडिया इस संबंध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। कार्यशाला को तीन तकनीकी सत्रों में विभाजित किया गया था-'मीडिया संचालन और सामग्री में मीडिया केलिए लिंग-संवेदनशील संकेतक', 'महिला मीडिया पेशेवरों द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियां’ और 'महिलाओं के सशक्तिकरण में मीडिया की भूमिका'। कार्यशाला का उद्देश्य मीडिया हितधारकों को महिलाओं से संबंधित समस्याओं के समाधान तथा महिला सशक्तिकरण एवं नेतृत्व की कहानियों केलिए और अधिक मंच समर्पित करने केलिए प्रोत्साहित करना और महिलाओं के अधिकारों केबारे में जनता को सूचित करना और इस तरह के अधिकारों का उल्लंघन होने की स्थिति में उनके उपलब्ध साधनों के बारेमें जानकारी देना है।