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Saturday 21 May 2022 01:24:32 PM
ईटानगर। अरुणाचल प्रदेश में नेचिफू सुरंग के उत्खनन कार्य के समापन केलिए सीमा सड़क संगठन ने सफलतापूर्वक विस्फोट किया। बीआरओ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने इसे नई दिल्ली से संचालित किया। इस परियोजना की आधारशिला रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 12 अक्टूबर 2020 को रखी थी। नेचिफू सुरंग 5700 फीट की ऊंचाई पर पश्चिम कामेंग जिले में बालीपारा-चारदुआर-तवांग रोड पर 500 मीटर लंबी डी-आकार सिंगल ट्यूब डबल लेन सुरंग है। सुरंग में दोनों तरफ से यातायात की सुविधा होगी और इसमें आधुनिक तरीके से रोशनी और सुरक्षा सुविधाएं होंगी। सुरंग की कल्पना नेचिफू दर्रे के आसपास अत्यधिक धुंधली परिस्थितियों से छुटकारा दिलाने केलिए की गई है, जो कई दशकों से सामान्य यातायात और सैन्य काफिले में बाधा उत्पन्न कर रही है।
नेचिफू सुरंग को अग्निशामक उपकरणों ऑटो रोशनी प्रणाली और पर्यवेक्षी नियंत्रण तथा डेटा अधिग्रहण नियंत्रित निगरानी प्रणाली सहित एक अत्याधुनिक इलेक्ट्रो-मैकेनिकल सिस्टम प्रदान किया जाएगा। पैदल यात्रियों की सुरक्षा केलिए दोनों तरफ उठे हुए फुटपाथ बनाए गए हैं, जिसमें नागरिकों को सुविधाएं देने केलिए पावर केबल्स, ऑप्टिकल फाइबर केबल्स और उपयोगी लाइनें लगी होंगी। नेचिफू सुरंग परियोजना केसाथ एकके पीछे एक बीआरओ के परियोजना वर्तक ने उसी सड़क पर एक और रणनीतिक सुरंग ट्विन ट्यूब (1,555 मीटर और 980 मीटर) सेला टनल प्रोजेक्ट पर खुदाई का काम भी पूरा कर लिया है। अत: विस्फोट दो साल से भी कम समय में बीआरओ कर्मयोगियों ने 4,500 मीटर से अधिक का संचयी उत्खनन करने की उपलब्धि हासिल की है।
सेला सुरंग केसाथ नेचिफू सुरंग पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील इस क्षेत्र में कार्बन फुट प्रिंट को कम करते हुए बीसीटी रोड पर सुरक्षित, सभी मौसम में रणनीतिक सम्पर्क प्रदान करेगी। वर्तमान सुरंग निर्माण को कमजोर और अत्यधिक टूटी-फूटी चट्टानों की परतों से काटकर पूरा किया जा रहा है। न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड के अनुसार सख्त 3डी मॉनिटरिंग और वांछित सुरंग सहायता प्रणालियों के अत्यधिक सक्रिय उपयोग से दैनिक चुनौतियों से निपटा जा रहा है। गौरतलब हैकि बीआरओ देश के सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में आश्चर्यजनक बुनियादी ढांचे से जुड़े कार्यों में लगातार सफलता प्राप्त कर रहा है, अटल सुरंग, हिमाचल प्रदेश में रोहतांग, उत्तराखंड में चंबा सुरंग अत्यधिक ऊंचाई और पहाड़ों में सफलतापूर्वक सुरंगें खोदने केसाथ बड़े पैमाने पर सुरंगें बनाने का काम किया है। सीमा सड़क संगठन अनेक छोटी सुरंगों के निर्माण मेंभी लगा हुआ है, जिन्हें संगठन से जुड़े श्रमबल की मदद से बनाया जा रहा है।