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Monday 13 May 2013 09:47:15 AM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को विज्ञान भवन में आपदा जोखिम कम करने से संबंधित राष्ट्रीय मंच के प्रथम सत्र का उद्घाटन किया। दो दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न हितधारक, सासंद, मेयर, मीडिया, अंतरराष्ट्रीय संगठन, स्वयं सेवी संगठन, स्थानीय समुदाय के प्रतिनिधि, वैज्ञानिक और शैक्षणिक संस्थान तथा कॉरपोरेट घराने आदि हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन का विषय है-विकास के लिए आपदा जोखिम शमन को मुख्यधारा में लाना: जोखिम से सुरक्षा की ओर। सम्मेलन से आपदा जोखिम शमन के क्षेत्र में अभावों और विचारों को साझा करने के साथ ही इस संबंध में हुए अनुसंधानों की विभिन्न खोजों तथा कार्रवाई और इस क्षेत्र में आपसी सहयोग के अवसरों को तलाशने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आपदा जोखिम को कम करने के बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र में हितधारकों के बीच समन्वय मुहैया कराने के लिए आपदा जोखिम कम करने से संबंधित राष्ट्रीय मंच के गठन की पहल के लिए गृहमंत्री और उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह आपदा जोखिम में कमी के लिए संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय नीति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को पूरा करता है, अब हम उन अस्सी देशों में एक हैं, जिनके पास इस संबंध में राष्ट्रीय मंच है। उन्होंने यह विश्वास भी जाहिर किया कि यह मंच विचारों और अनुभवों के विनिमय के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण मंच के तौर पर उभरेगा और हमारे देश में आपदाओं को रोकने के लिए प्रणाली के निर्माण और आपदाओं से निपटने में काफी मददगार होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपदाओं का प्रबंधन आवश्यक रूप से सहयोगात्मक और जटिल प्रक्रिया है, जिसमें न केवल केंद्र सरकार के विभिन्न विभाग बल्कि बड़ी संख्या में राज्य और स्थानीय सरकारें, नागरिक समाज संगठन, स्थानीय समुदाय और नागरिक शामिल होते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों, नागरिक समाज संगठनों, शैक्षिक संस्थानों के हितधारकों और कॉरपोरेट क्षेत्र के सदस्यों की इस अवसर पर उपस्थिति देश में प्रभावी आपदा प्रबंधन और आपदा जोखिम उन्मूलन के प्रति उनकी वचनबद्धता को दर्शाती है, आपदा के दौरान कार्रवाई के साथ सरकार उसकी तैयारी, रोकथाम और उसे कम करने के लिए क्षमताओं का विकास करने पर ज़ोर दे रही है। वर्ष 2005 में आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू करने और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण बनाने के साथ संस्थागत ढांचों का निर्माण किया गया है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एम शशिधर रेड्डी ने आपदा प्रबंधन पर राष्ट्रीय दृष्टिकोण हासिल करने के लिए एनडीएमए की रणनीति का ब्यौरा दिया। उन्होंने आपदा जोखिम उन्मूलन और भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं को जोड़ने के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों का भी उल्लेख किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि एनपीडीआरआर के पहले सत्र में की गई चर्चा आगे के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। गृह राज्य मंत्री मुल्लापल्ली रामाचंद्रन ने धन्यवाद दिया और कहा कि यह मंच आपदा जोखिम को कम करने के प्रयासों में मील का पत्थर साबित होगा।