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Monday 23 May 2022 02:17:40 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री कार्यालय एवं कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि इस साल से अराजपत्रित पदों पर भर्ती केलिए कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी समान पात्रता परीक्षा होगी और ऐसी पहली परीक्षा इस साल के आखिर से पहले कराने की योजना है। नार्थ ब्लॉक में कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के तहत सभी छह स्वायत्त निकायों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने बतायाकि डीओपीटी केतहत राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी अराजपत्रित पदों पर भर्ती केलिए वर्ष के आखिर में कंप्यूटर आधारित ऑनलाइन समान पात्रता परीक्षा कराने की तैयारी कर रही है और यह देश के प्रत्येक जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र केसाथ नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों को भर्ती में सहूलियत प्रदान करने में गेम चेंजर साबित होगा।
कार्मिक राज्यमंत्री ने कहाकि कॉमन एंट्रेंस टेस्ट नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों केलिए भर्ती को आसान बनाने की दिशामें डीओपीटी का किया गया एक महत्वपूर्ण सुधार है और यह युवाओं विशेष रूपसे दूर-दराज के इलाके में रहने वालों केलिए एक बड़ा वरदान साबित होगा। राज्यमंत्री ने कहाकि इस सुधार से सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिलेगा, चाहे उनकी पृष्ठभूमि या सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो एवं महिलाओं और दिव्यांग उम्मीदवारों और उन लोगों केलिए भी एक बड़ा लाभ होगा जो अनेक केंद्रों तक जाने और कई परीक्षाओें में शामिल होने केलिए वित्तीय रूपसे असमर्थ होते हैं। उन्होंने कहाकि प्रारंभ में परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी सहित 12 भाषाओं में कराई जाएगी और बाद में संविधान की 8वीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं को शामिल किया जाएगा। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संपूर्ण सरकार की अवधारणा की शुरुआत की, जिसने न सिर्फ साइलो को हटा दिया है, बल्कि सरकार के सभी विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और एजेंसियों केसाथ एक एकीकृत समग्र दृष्टिकोण की सुविधा प्रदान की है, जिसमें एक-दूसरे पर छोड़ने के बजाय हर मसले का समाधान सामूहिक रूपसे किया जाता है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि 21वीं सदी के भारत की मौजूदा जरूरतों और आवश्यकताओं के अनुरूप शासन का सारा प्रकरण और अवधारणा पुनर्विन्यास के दौर से गुजर रहा है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सीमम गवर्नेंस, सार्वजनिक धन के कुशल उपयोग और सरकारी खजाने पर वित्तीय बोझ को कम करने अलावा जनहितैषी शासन के उद्देश्य को आगे बढ़ाने केलिए केंद्रीय मंत्रालयों व विभागों केतहत कार्यरत स्वायत्त निकायों की समीक्षा की कवायद अत्यंत महत्वपूर्ण है। बैठक में सभी 6 स्वायत्त निकायों के प्रमुखों ने संस्थानों के अधिदेश, कार्य, बजट और उद्देश्यों के बारेमें विस्तृत प्रस्तुति दी, इनमें राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए), भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), सिविल सेवा अधिकारी संस्थान (सीएसओआई), गृह कल्याण केंद्र (जीकेके), केंद्रीय सिविल सेवा सांस्कृतिक और खेल बोर्ड (सीसीएससीएसबी) और केंद्रीय भंडार (बहु राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत) शामिल हैं।
व्यय विभाग के अधिदेश के अनुरूप डॉ जितेंद्र सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों को अतिव्यापी अधिदेश और लक्ष्यों एवं उद्देश्यों के कारण गृह कल्याण केंद्रों और केंद्रीय सिविल सेवा सांस्कृतिक एवं खेल बोर्ड के विलय की संभावना का पता लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से एक महीने के भीतर व्यवहार्यता रिपोर्ट पेश करने को कहा है। कार्मिक राज्यमंत्री ने केंद्रीय भंडार को बिक्री बढ़ाने और लागत में कटौती केलिए गृह कल्याण केंद्रों और आईआईपीए के केंद्रों में अधिक आउटलेट खोलने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने केंद्रीय भंडार को जैविक दालों के अपने अनूठे उत्पाद को बढ़ावा देने और उसके लिए एक ब्रांड बनाने केलिए पूरी कोशिश करने को कहा। कार्मिक राज्यमंत्री ने केंद्रीय भंडार की बिक्री 2027-18 में 750 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2021-22 में 4,000 करोड़ रुपये तक करने अर्थात बिक्री में 500 प्रतिशत की वृद्धि हासिल करने केलिए केबी अधिकारियों की प्रशंसा भी की।