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Monday 13 May 2013 09:58:22 AM
नई दिल्ली। संघ लोक सेवा आयोग ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के उम्मीदवार वीवाई मंजूनाथ की आत्महत्या पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि वे सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में भी चयनित नहीं हुए थे, इसलिए उनके स्थान पर ग़लती से कोई और चयनित नहीं हुआ है, किंतु आयोग ने खेद व्यक्त करते हुए कहा है कि आयोग इस घटना से दु:खी है, उसने मंजूनाथ के परिवार से भी अपनी संवेदना भी व्यक्त की है।
आयोग ने इस मामले की पूरी जांच की है और कहा है कि वीवाई मंजूनाथ सुपुत्र यादव मूर्ति वीपी ने सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2012 के लिए आवेदन किया था, उन्हें क्रमांक 538950 दिया गया था और उनका परीक्षा केंद्र बंगलोर निर्धारित किया गया था। उम्मीदवार ने वास्तव में क्रमांक 538950 के रूप में बंगलोर केंद्र से परीक्षा दी थी, लेकिन उन्हें सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2012 में सफलता नहीं मिली। सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा 2012 के लिए जारी सफल उम्मीदवारों की सूची में क्रमांक 538950 पर वीवाई मंजूनाथ का नाम नहीं था। इस तरह कुछ अखबारों में छपी खबरों के विपरित वीवाई मंजूनाथ भारतीय प्रशासनिक सेवा की मुख्य परीक्षा के उम्मीदवार नहीं थे और वह मुख्य परीक्षा तथा साक्षात्कार में शामिल नहीं हुए।
संघ लोक सेवा के रिकॉर्ड से इस बात की पुष्टि हुई है कि क्रमांक 538950 या वीवाई मंजूनाथ नाम से कोई उम्मीदवार न तो मुख्य परीक्षा में बैठा और न ही साक्षात्कार में। आयोग को 7 मई 2013 को वीवाई मंजूनाथ के कथित मित्र जीएस प्रदीप कुमार की ओर से एक फैक्स संदेश मिला था, जिसमें कहा गया था कि आयोग की घोषित परिणाम सूची में वीवाई मंजूनाथ के बदले बी अश्विन क्रमांक 538745 बताया गया है, स्वयं उम्मीदवार की ओर से आयोग को न तो कोई पत्र मिला और न कोई अभिवेदन।
आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार इस बात की पुष्टि होती है कि बी अश्विन सुपुत्र के भास्करन क्रमांक 538745 उम्मीदवार थे और उन्हें सिविल सेवा (प्रारंभिक) तथा सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा 2012 में सफलता मिली और आयोग की जारी सूची में उनका नाम है। इस तरह आयोग के घोषित परिणाम सही हैं और सही रूप से क्रमांक 538745 बी अश्विन का नाम दर्शाया गया है।