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'दुनिया महसूस कर रही इंडिया मींस बिजनेस'

देश के बिजनेस को गति दे रहे आईएसबी के प्रोफेशनल्स-मोदी

एशिया के टॉप बिजनेस स्कूलों में इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 27 May 2022 12:26:48 PM

pm narendra modi

हैदराबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस हैदराबाद के 20 साल पूरे होने और 2022 के पीजीपी कक्षा के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत में उन लोगों का नमन किया, जिन्होंने आईएसबी संस्थान को इसके वर्तमान गौरव तक ले जानेमें योगदान दिया है। उन्होंने कहाकि साल 2001 में अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे देश को समर्पित किया था, तबसे लेकर आजतक लगभग 50 हजार एग्जीक्यूटिव यहां से ट्रेन होकर निकले हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि आज आईएसबी एशिया के टॉप बिजनेस स्कूलों मेंसे एक है, आईएसबी से निकले प्रोफेशनल्स देश के बिजनेस को गति दे रहे हैं, बड़ी-बड़ी कंपनियों का मैनेजमेंट संभाल रहे हैं। उन्होंने कहाकि यहां के स्टूडेंट्स ने सैकड़ों स्टार्टअप्स बनाए हैं, अनेकों यूनिकॉर्न के निर्माण में उनकी भूमिका रही है। उन्होंने कहाकि ये आईएसबी केलिए उपलब्धि तो हैही पूरे देश केलिए गर्व का विषय है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत जी20 देशों के समूह में फास्टेस्ट ग्रोइंग इकोनॉमी है, स्मार्टफोन डाटा कंज्यूमर के मामले में भारत पहले नंबर पर है, इंटरनेट यूजर्स की संख्या को देखें तो भारत दूसरे नंबर पर है। उन्होंने कहाकि ग्लोबल रिटेल इंडेक्स में भी भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको-सिस्टम भारत में है, दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कंज्यूमर मार्केट भारत में है, भारत ग्रोथ के एक बड़े केंद्र के रूपमें उभर रहा है। उन्होंने कहाकि पिछले साल भारत में अबतक का सबसे ज्यादा रिकॉर्ड एफडीआई आया है और आज दुनिया ये महसूस कर रही हैकि इंडिया मींस बिजनेस। प्रधानमंत्री ने कहाकि हम अक्सर इंडियन सॉल्यूशंस को ग्लोबली इंप्लीमेंट होते हुए देखते हैं, इसलिए उन्होंने कहाकि आप अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को देश के लक्ष्यों केसाथ जोड़िए।
प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे देश में रिफॉर्म की ज़रूरत तो हमेशा से महसूस की जाती रही थी, लेकिन पॉलीटिकल विलपावर की हमेशा कमी रहती थी। उन्होंने कहाकि तीन दशक में लगातार बनी रही राजनीतिक अस्थिरता के कारण देश ने लंबे समय तक पॉलीटिकल विलपावर की कमी देखी, इस वजह से देश रिफॉर्म से बड़े फैसले लेने से दूर ही रहा। उन्होंने कहाकि 2014 के बादसे हमारा देश राजनीतिक इच्छाशक्ति को भी देख रहा है और लगातार रिफॉर्म हो रहे हैं, जब दृढ़ संकल्प और राजनीतिक इच्छाशक्ति केसाथ सुधार किए जाते हैं तो जनता का समर्थन और लोकप्रिय समर्थन का आश्वासन भी मिलता है। उन्होंने लोगों के बीच डिजिटल भुगतान को अपनाए जाने का उदाहरण दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि कोरोना महामारी के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र की मजबूती और ताकत प्रमाणित हुई, कोविड वैक्सीन केलिए तो हमारे यहां चिंता जताई जा रही थीकि विदेशी वैक्सीन मिल भी पाएगी या नहीं, लेकिन हमने अपनी वैक्सीन तैयार कीं, इतनी वैक्सीन बनाईं कि भारत मेभी 190 करोड़ से ज्यादा डोज लगाई जा चुकी हैं, भारत ने दुनिया के 100 से अधिक देशों को भी वैक्सीन्स भेजी हैं। प्रधानमंत्री ने चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के बारे में भी बताया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि ब्यूरोक्रेसी ने भी रिफॉर्म की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, सरकार की योजना की सफलता में उन्होंने लोगों की भागीदारी को श्रेय दिया। उन्होंने कहाकि जब लोग सहयोग करते हैं तो त्वरित और बेहतर परिणाम सुनिश्चित होते हैं, इस सिस्टम में अब सरकार रिफॉर्म करती है, ब्यूरोक्रेसी काम करती है और लोगों की भागीदारी से ट्रांसफॉरमेशन हो रहा है। उन्होंने आईएसबी के छात्रों से रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के इस मैकेनिज्म का अध्ययन करने को कहा। प्रधानमंत्री ने कहाकि क्या कारण हैकि 2014 केबाद हमें खेल के हर मैदान में अभूतपूर्व प्रदर्शन देखने को मिल रहा है? इसका सबसे बड़ा कारण है हमारे एथलीट्स का आत्मविश्वास और आत्मविश्वास तब आता है, जब सही टैलेंट की खोज होती है, जब टैलेंट की हैंडहोल्डिंग होती है, जब एक ट्रांसपेरेंट सिलेक्शन होता है, ट्रेनिंग, कंपीटिशन का एक बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर मिलता है। उन्होंने कहाकि खेलो इंडिया और टॉप्स योजना जैसे सुधारों के कारण हम खेल में बदलाव देख सकते हैं, इसी तरह उन्होंने एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम को सार्वजनिक नीति के क्षेत्र में कार्यनिष्पादन, मूल्यवर्धन, उत्पादकता और प्रेरणा का एक बड़ा उदाहरण बताया।
बदलते कारोबारी परिदृश्य पर टिप्पणी करते हुए जहां औपचारिक, अनौपचारिक, छोटे और बड़े व्यवसाय अपना विस्तार कर रहे हैं और लाखों-करोड़ों लोगों को रोज़गार दे रहे हैं, उन्होंने छोटे व्यवसायों को बढ़ने केलिए और अवसर देने तथा नए स्थानीय और वैश्विक बाजारों से जुड़ने में उनकी मदद करने की आवश्यकता पर बल दिया। उनकी अपार क्षमता के बारे में चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहाकि भारत को फ्यूचर-रेडी बनाने केलिए हमें ये सुनिश्चित करना होगाकि भारत आत्मनिर्भर बने। उन्होंने कहाकि इसमें आईएसबी जैसे संस्थानों के छात्रों की बड़ी भूमिका हो सकती है। उन्होंने कहाकि इसमें सभी बिजनेस प्रोफेशनल्स की बड़ी भूमिका है और ये उनके लिए एक तरह से देश की सेवा का उत्तम उदाहरण होगा। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने छात्र-छात्राओं को डिग्री और मेडल देकर सम्मानित किया। समारोह में तेलंगाना की राज्यपाल तमिलसाई सौंदर्यराजन सौंदरराजन, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, तेलंगाना सरकार के मंत्री, इंडियन स्कूल ऑफ़ बिज़नस एग्जीक्यूटिव बोर्ड के चेयरमैन, डीन, प्रोफेसर्स, टीचर्स, छात्र-छात्राएं और उनके परिजन उपस्थित थे।

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